अक्सर देखा गया है कि जिनकी बॉडी लचीली होती हैं वह फिट रहते हैं और ज्यादा समय तक काम कर सकते हैं। ऐसे लोगों का शरीर जकड़न से बाहर रहता है। यदि आप चाहते हैं आपका शरीर लचीला हो तो आप नीचे दिए गए शरीर को लचीला बनाने वाले आसनों का अभ्यास कीजिए।
शरीर को लचीला बनाने वाले आसन – Sharir ko lachila bnanae ke upay
#1 भुजंगासन
1. रोजाना यह आसन करने से शरीर लचीला, स्वस्थ व पुष्ट बनता है।
2. स्लिप डिस्क सम्बन्धी समस्याएं तथा पीठ के समस्त प्रकार के दर्द में यह आसन बहुत ही उपयोगी है।
कैसे करें भुजंगासन
भुजंगासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाइए। कंधों के नीचे अपने हथेलियों को शरीर के करीब रखें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाइए। उधर पैरों की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें। ध्यान रहे कि हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। कुछ क्षणों के लिए मुद्रा में रहें फिर नॉर्मल हो जाइए। इस बात का ध्यान रखें कि आपका शरीर किसी एक तरफ झुका न हो।
#2 उष्ट्रासन
1. कमर दर्द, साइटिका और स्लिप डिस्क की समस्या दूर करने के साथ-साथ यह रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनाता है।
2. रोजाना इस आसन के अभ्यास से शरीर लचीला होता है और कमर सुंदर बनती हैं। इससे शरीर के आंतरिक अंगों की मालिश भी होती है।
कैसे करें उष्ट्रासन
उष्ट्रासन एक बहुत ही उपयोगी आसन है। इसको करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठें जाइए और फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल ऊपर खड़े हो जायें। आपके घुटनों में दर्द न हो इसलिए मैट या कम्बल का उपयोग करें। अब घुटनों से कमर तक का भाग सीधा रखें और पीछे की तरफ झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं। और छत की ओर देखें। कुछ मिनट इस अवस्था में रुकिए फिर पुरानी अवस्था में आ जाइए। इसमें अपनी सांस को सामान्य रखें।
उष्ट्रासन करने की विधि, लाभ और सावधानियां
#3 तड़ासन
1. बच्चों के शरीर के विकास के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी माना जाता है।
2. यह न केवल शरीर को लचीला बनाता है बल्कि रीड़ की हड्डियां, मलाशय और आमाशय की मांसपेशियों को विकसित करता है।
तड़ासन कैसे करें
यह आसन को खड़े रहकर किया जाता है। इसे करने के लिए दोनों हाथों को लॉक करके सिर के ऊपर ले जाएं और पैर की एड़ी को जमीन से ऊपर उठाकर पंजों के बल खड़े हो जाएं। तड़ासन को करने लिए आप अपनी एड़ियों को ऊपर की ओर उठाना होगा और अनुभव करना होगा कि आपको कोई ऊपर की ओर खींच रहा है। इसमें आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। ध्यान रहे कि हथेलियां आसमान की तरफ रहें। गर्दन को सीधा ही रखें। तड़ासन में आप शरीर को पूरी तरह से खींचिए और धीरे-धीरे एड़ियों को जमीन पर वापस लाइए। तड़ासन करने के दौरान उठते समय श्वास अंदर और नीचे की ओर आते समय श्वास को बाहर लीजिए। तड़ासन को एक बार में कम से कम दस बार कीजिए।
#4 पश्चिमोत्तानासन
1. पश्चिमोत्तानासन शरीर की सारी कमजोरी को दूर करके उसे सुद्दढ, स्फूर्तिदायक और लचीला बनाता है।
2. इसको रोजाना करने से हमें सिर दर्द, अनिंद्रा आदि समस्या में राहत मिलती है।
कैसे करें पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन को करने के लिए अपने दोनों पैरों को फैलाकर और सटाकर चटाई पर बैठ जाएं। फिर कमर को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे झुकें। इसके बाद धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। कुछ देर रुकने के बाद पहली अवस्था में जाएं। इसे आप तीन से चार बार कर सकते हैं।
#5 हलासन
1. शरीर को लचीला बनाने के लिए हलासन बहुत ही उपयोगी है।
2. पीठ, कमर, गर्दन मजबूत करने में हलासन बहुत ही कारगर सिद्ध होता है।
कैसे करें हलासन
हलासन करने के लिए आप जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं फिर श्वास को अंदर की ओर लेते हुए अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे करके उठाएं। सर्वांगासन की स्थिति में आने के बाद अपने दोनों पैरों को अपने सिर के पीछे जमीन पर टिकने की प्रयास करें। अपने दोनों हाथों को समानांतर जमीन से सटाकर रख लें। हलासन की पूरी स्थिति में आ जाने के बाद कुछ सैकेंड के लिए इसी स्थिति में रहें। ध्यान दें जिसको स्लिप डिस्क, उच्च रक्तचाप और रीढ़ की समस्या है वह यह आसन न करें। शरीर को लचीला बनाने के लिए यह बहुत उपयोगी है।
#6 नटराज आसन
1. इसको करने से आपका शरीर संतुलन में रहता है और आपका शरीर अधिक लचीला बनता है।
2. हाथों पैरों में रक्त संचार नटराज आसन से बेहतर होता है।
कैसे करें नटराज आसन
नटराज आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर शरीर का सारा भार बाएं पैर पर स्थापित कर दें और दाएं घुटने को धीरे-धीरे करके मोड़ें और अपने पैर को जमीन से उठा लें। इस दौरान सिर को ऊपर की ओर उठा कर ही रखें। 10 से 12 सेकंड के बाद वापस पहली वाली स्थिति में आ जाएं और फिर इसी क्रिया को दूसरे पैर से भी करें।