मकरासन का नाम मकर शब्द से पड़ा है मकर का अर्थ होता है मगरमच्छ। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति मगरमच्छ की तरह हो जाती है। इसलिए इसे मकरासन के नाम से जाना जाता है। इसमें पेट के बल लेटकर पूरे शरीर को पाँव के पंजों तथा हाथ की हथेलियों पर टिका देते हैं। इसके अभ्यास से कमर दर्द और पीठ की मांसपेशियों का दर्द दूर हो जाता है। इस आसन को किसी भी उम्र में या किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। सुबह के समय खाली पेट इसको करना लाभकारी होता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी लाभकारी होता है। आइये जानते हैं मकरासन करने की विधि और फायदे के बारे में।
मकरासन करने के विधि
1. मकरासन करने के लिए एक स्वच्छ और समान जगह पर चटाई बिछा लें।
2. अब चटाई पर पेट के बल लेट जाएं।
3. गर्दन को उठाना प्रारंभ करें और दोनों हाथों की कोहनियों को मोड दें फिर अपनी कोहनियों को खड़ा कर दें।
4. अपनी हथेलियों को ठुड्डी का आधार दें।
5. गर्दन और कमर पर दबाव की अधिकता को कम करने के लिए कोहनियों को फैला दें।
6. अब दोनों पैरों के अंगूठे की दिशा एक दूसरे से विपरीत और एडियो को एक दुसरे की तरफ रखें।
7. इसके बाद आँख को बंद करके धीरे धीरे से साँस लें।
8. इस आसन को क्षमता अनुसार करें।
मकरासन करने के लाभ
1. मकरासन रक्तचाप, अस्थमा, स्लिप डिस्क, गर्दन और कमर के दर्द के लिए लाभकारी होता है।
2. यह आसन पाचन शक्ति को ठीक करता है और शरीर रक्त संचार अच्छे से करता है।
3. इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव दूर होता है और आपको मानसिक सुकून मिलता है।
4. इस आसन के नियमित अभ्यास से अप सर्दी, जुकाम और खांसी से बचे रहते हैं।
5. इस आसन को करने से अनिंद्रा दूर हो जाता है।
6. इस आसन को करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ दूर होते हैं।
7. इस आसन को नियमित करने से मोटापा दूर होता है।
8. मकरासन आपके शरीर में सभी तंग गांठ रिलीज करता है और इसे लचीला बना देती है।
9. मकरासन आपको धीरे-धीरे, कुशलतापूर्वक और गहराई से सांस लेने में मदद करता है।
10. मकरासन उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, और मानसिक विकारों का इलाज करता है।
मकरासन में सावधानियां
1. हर्नियों के रोगियों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
2. यह आसन करने के बाद कुछ समय के लिए पीठ के बल लेटकर शवासन अवश्य करें।
3. अत्याधिक दर्द या असुविधा होने पर यह आसन न करें।