किसी व्यक्ति की हाइट पर्यावरणीय परिस्थितियों और पोषण जैसे कई अनुवांशिक और गैर आनुवंशिक कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन आज हम लंबाई बढ़ाने के लिए योग के बारे में बात करेंगे। आप यह जानकर आश्चर्यचकित होंगे कि योग भी आपका कद बढ़ाने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। आइए जानते हैं।
ताड़ासन
नियमित रूप से ताड़ासन करने से जांघों, घुटने, और एड़ियों को मजबूती मिलती है। लंबाई बढ़ाने के लिए यह एक बेहतरीन योग है। इसके अलावा इससे पैरों और कूल्हों में ताकत, शक्ति और गतिशीलता बढ़ती है।
इस आसन में शरीर की मांसपेशियों को सिर से पैर की अंगुली तक खींचना होता है। यह शरीर के हिस्सों में मुद्रा दबाव उत्पन्न करता है जो विकास हार्मोन के उत्पादन को सुविधाजनक बनाता है।
ताड़ासन करने की विधि
ताड़ासन करने के लिए अपने पैरों के बीच 4 से 6 इंच का गैप रखकर खड़े हो जाइए। इसके बाद सामने पड़ने वाली किसी भी चीज पर अपनी दृष्टि जमाते हुए दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर उठाइए।
इसमें आपको अपनी एड़ियों को ऊपर की ओर उठाना होगा और आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। इस अवस्था में आप अपने शरीर को पूरी तरह से खींचिए और धीरे-धीरे नीचे लाइए। इस आसन को आप कम से कम दस बार कीजिए
वृक्षासन
हाइट बढ़ाने के लिए वृक्षासन योग बहुत ही उपयोगी है। वृक्षसन का नियमित अभ्यास आपकी रीढ़, हाथों, पैरों और लंबाई बढ़ाने के लिए सही माना जाता है। वृक्षासन बढ़ती लंबाई में अद्भुत काम करता है।
यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा, इस आसन के करने से जब गर्दन ऊपर की तरफ फ्लेक्स होती है, पिट्यूटरी ग्रंथि (विकास हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार) सक्रिय हो जाती है। – कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग
वृक्षासन करने की विधि
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खड़े हो जाएं। इसके बाद शरीर का भार बाएं पैर डाल दें फिर अपने दाएं पैर को मोड़ दें। दाएं पैर के तलवे को घुटनों के ऊपर ले जाएं और अपने बाएँ पैर के साथ लगा दें।
इसके बाद अपने दोनों हाथ की हथेलियों को प्रार्थना मुद्रा में लाएं। इसके बाद गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। अब इस मुद्रा में कुछ सेकेण्ड तक बने रहे। दोनों तरह इस मुद्रा को 2 से 5 बार तक दोहराएं।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन को हम कैमल पोज के नाम से जानते हैं। उष्ट्रासन कंधे और पीठ की मांसपेशियों, जांघों और बाहों को मजबूत करता है। लम्बाई बढाने के व्यायाम में यह बेहतरीन आसन है।
इसके अलावा यह पेट, गर्दन और जांघों पर वसा कम कर देता है। वैसे जो लोग रक्तचाप में उतार-चढ़ाव से पीड़ित हैं या जिन्हें चोट लगा है उन्हें इस मुद्रा से बचना चाहिए।
उष्ट्रासन करने की विधि
आप वज्रासन की स्थिति में बैठ जाइए। फिर धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठे। अब दोनों हाथों को कमर पर रखकर पीछे की और आराम से झुकें। इसके बाद पीछे कि तरफ झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं।
इसके बाद सिर को पीछे की ओर झुकाएं। इस अवस्था में आप आसन को धीरे-धीरे करें। इसके बाद आसन में थोड़ा रूकने का प्रयास करें। इस अवस्था में आप 30 से 60 सेकंड के लिए रुक सकते हैं। फिर धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में आ जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
कद बढ़ाने के आसन में यह बहुत ही उपयोगी आसन है। इस मुद्रा के साथ, पीठ की जांघ की मांसपेशियों और गर्दन क्षेत्र पर दबाव डाला जाता है। वैसे स्लिप डिस्क से पीड़ित लोगों द्वारा इस विशेष आसन का अभ्यास नहीं किया जाना चाहिए।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि
चटाई या दरी पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को फैला कर रखें। अब अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लें। इसके बाद धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें।
इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। जब आप इस आसन को कर रहे होते हैं, तब आपको समान्य साँस लेनी और छोडनी होती है।