योग मुद्रा

कब्ज के लिए 4 जरूरी आसन

आज जिस तरह का खानपान और लाइफस्टाइल है उससे कब्ज की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। कब्ज पाचन तंत्र की एक ऐसी स्थिति है जहां मल कठोर हो जाता है जिसे निष्कासित करना मुश्किल होता है। आइए जानते हैं कब्ज को दूर करने के आसन के बारे में…

कब्ज के लिए पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन का शाब्दिक अर्थ है गैस रिलीज पोज। कब्ज से पीड़ित लोगों को इस आसन को जरूर करना चाहिए। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास अपचन के कारण बदहजमी और एसिड रिफ्लक्स जैसे कई पाचन विकारों को ठीक करने में मदद करता है।

पवनमुक्तासन करने की विधि

सबसे पहले चटाई या दरी को बिछाकर शवासन में लेट जाएं। फिर दाएं पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें। अब अपने दोनों हाथों की अंगुलियाँ एक-दूसरे में डालते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें।

अपने श्वास को बाहर निकालते हुए अपने घुटने को छाती से लगायें एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं। कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें और बाद में अपने पैर को सीधा कर लें। अब इसको दूसरे पैर के साथ करें। आप इस क्रिया को चार से पांच बार कर सकते हैं।

पाचन शक्ति के लिए हलासन

पाचन शक्ति के लिए हलासन

हलासन या हल पोज कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए एक आरामदायक आसन है। यह आंतों की मालिश करता है और इससे विषाक्त पदार्थों को हटाने मदद मिलती है। यह पेल्विक एरिया में रक्त परिसंचरण या ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह पाचन को एक अच्छा बनाता है।

हलासन करने की विधि

चटाई बिछाकर जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाकर रखें और अपनी हथेलियों को कमर के पास सटाकर रखें। अपने मुंह को आकाश की तरफ करके अपनी दोनों आखों को बंद कर लें। श्वास को अंदर की ओर लेते हुए अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे करके उठाएं। जब दोनों पैरों का समकोण बन जाए तब अपने श्वास को छोड़ें।

सर्वांगासन की स्तिथि में आने के बाद अपने दोनों पैरों को अपने सिर के पीछे जमीन पर टिकने की कोशिश करे। अपनी कमर और पीठ को पीछे झुकाने के लिए अपने दोनों हाथो का सहारा लें, हाथ की कोहनियों से पीठ को पीछे जमीन से लगा कर रखें। फिर अपनी पीठ और पैर को धीरे-धीरे जमीन पर लगाना शुरू कर दें। इस आसन में घुटनों को मोडना नहीं होता है। – चश्मा उतारने के लिए उपयोगी है योग

मयूरासन

शुरुआत में, मयूरासन या मोर पोज पाचन में सुधार करता है और अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभावों को दूर करता है। यह आसन आंतों को टोन करता है और उसके मूवमेंट को भी नियंत्रित करता है।

मयूरासन करने की विधि

मयूरासन को करने ले लिए आप चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों के पंजो को आपस में अच्छे से मिला लें। हाथ के अंगूठे और अंगुलियां अंदर की ओर रखते हुए हथेली जमीन पर रखें। अब दोनों हाथ की कोहनियों को नाभि केन्द्र के दाएं-बाएं अच्छे से जमा लें।

हाथ के पंजे और कोहनियों के बल पर धीरे-धीरे सामने की ओर झुकते हुए शरीर को आगे झुकाने के बाद पैरों को धीरे-धीरे सीधा कर दें। ऐसा करने के बाद अपने पुरे शरीर का वजन कोहनियों के ऊपर कर दें और अपने घुटने और पैरों को जमीन से उठा लें और अपने सिर को सीधा रखें।

बालासन

बालासन

बालासन या चाइल्ड्स पॉज़ एक ऐसा आसन है जो पेट के अंगों सहित पूरे शरीर को शांत करता है और तनाव को कम करता है। यह पाचन अंगों की भी मालिश करता है। इसके अलावा यह बाउल मूवमेंट में सुधार भी करता है।

बालासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर घुटने के बल बैठ जाएं। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। आपका सीना जांघों से छूना चाहिए और अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और वापस उसी अवस्था में आ जाएं। – दिल के लिए 5 योग

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