गठिया योग मुद्रा

जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है ये 8 योग

जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है ये योग

जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है। उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या और भी बढ़ जाती है, लेकिन यदि आप शुरू से ही कुछ योग करते हैं तो आपको जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी। आइए उन्हीं योगों के बारे में जानते हैं।

मालासन

यदि आप नियमित रूप से मालसन का अभ्यास करते हैं तो इससे घुटने, टखने और जांघों को मजबूती मिलती है। यह आपके घुटनों में लचीलापन बढ़ाता है। यह मेटाब्लॉजिम को उत्तेजित करता है तथा पाचन तंत्र को सक्रिय करता है। इसके अलावा मालासन मुद्रा में सुधार करता है।

धनुरासन

धनुरासन

यह आसान मुख्य रूप से बंध कंधो को खोलता है। साथ ही साथ पीठ को लचीला बनाने में काम आता है। धनुरासन करने से शरीर से तनाव व जड़कन को दूर किया जा सकता है। इसे आप थोड़ी सरलता से भी कर सकते हैं।

गरुड़ासन

गरुड़सन का नाम पक्षियों के राजा, गरुड़ के नाम पर रखा गया है, जो हिन्दू पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के वाहन भी हैं। गरुड़ासन आपके पैरों को शिथिल करता है और उन्हें लचीला बनाता है। मुद्रा आपके पिंडली को मजबूत करती है और जांघों को फैलाता है। यह न्यूरोमस्कुलर समन्वय में भी सुधार करता है। आप खाली पेट गरुड़ासन का अभ्यास करें। आपको जरूर फायदा मिलेगा।

वीर-भद्रासन

यह आसन घुटनों को सुदृढ़ बनाने का काम करता है। इसके अलावा जकड़े हुए कन्धों को सक्रिय करने में भी सहायक रहता है| वीर-भद्रासन कन्धों से तनाव को कम करके आपकी शरीर को संतुलन प्रदान करने का काम करता है| इस प्रकार से जोड़ों के दर्द यह आसान निजात दिलाता है।

वीरासन

विरासन आपके पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और जांघों और घुटनों को फैलाता है। यह योग आपके शरीर की मुद्रा में सुधार करता है तथा पैरों में थकावट को दूर करता है।

सेतु-बंध आसन

सेतु-बंध आसन

घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करना है तो सेतु-बंध आसन करना चाहिए। यह ऑस्टियोपोरोसिस रोग में फायदेमंद साबित होता है तथा मस्तिष्क को शांत रखता है और ध्यान क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। यह आसान मानसिक तनाव को काफी हद तक कम कर देता है। सेतु-बंध आसन का नियमीत अभ्यास काफी फायदेमंद है। जिनको जोड़ों में दर्द ना हो, वो भी इसे कर सकते हैं।

मकरासन

मकरासन आपके पैर की मांसपेशियों को फैलाता है, इसलिए यह घुटने के दर्द के लिए बाम के रूप में कार्य करता है। मकरासन से शरीर और दिमाग को शांत करने में सहायता मिलती है। यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।

त्रिकोणासन

टांगों, घुटनों और टखनों को मजबूत करने के लिए त्रिकोणासन करना चाहिए। यह योगासन सायटिका और कमर-दर्द में भी राहत प्रदान करता है। इसके अलावा इस आसन के नियमित अभ्यास से घुटनों की नस, कमर, जंघा की संधि और नितम्ब में तनाव पैदा होता है। इस तनाव से शरीर के इन अंगों को गतिशीलता मिलती है।

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