ग्रीवा गले को कहते हैं, इसलिए जब हम गले से संबंधित आसन करते हैं। जब भी हम कंप्यूटर पर काम करते हैं या कोई अन्य कार्य करते हैं, तब हमारी गर्दन में दर्द होने लगता है। लेकिन जब हम ग्रीवासन को करते हैं तब हमारा गले का दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाता है। इस को करने से हमें गले के तनाव से मुक्ति मिलती है इस आसन को किस प्रकार करना चाहिए। आज हम आपको इस बारे में बताते हैं:-
ग्रीवासन करने की विधि
- जब आप ग्रीवासन को करते हैं तो सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं। इसके लिए अपने दोनों पैरों के घुटनों को मोड़कर पलथी मार कर बैठ जाएं ओर अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने घुटनों पर रख लें।
- फिर अपनी साँस को छोड़ते हुए अपनी गर्दन को आगे की ओर झुका लें और कोशिश करे की आप की ठुड्डी आप की छाती के साथ लग जाएं।
- सांस को भरते हुए अपनी गर्दन को पीछे की और ले जाएं फिर आकाश की तरफ देखें ।
- इस स्तिथि में अपने कंधों को पीछे की और खीचें और गर्दन के पीछे के भाग में खिचाव को महसूस करवाएं।
- अब अपनी गर्दन को सीधा कर लें और साथ ही अपनी साँस को भी सामान्य कर लें ।
- इसे आप 5 से 10 बार कर सकते हैं।
इस का अभ्यास आप बिल्कुल धीरे -धीरे साँस की सजगता के साथ करें और साँस को छोड़ते हुए गर्दन को आगे झुकाएं और साँस को भरते हुए गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं ।
ग्रीवासन के लाभ
ग्रीवासन को करने से हमें जो लाभ प्राप्त होते हैं वो इस प्रकार से हैं :-
- जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारी गर्दन का सारा तनाव दूर हो जाता है।
- इसको करने से गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न कम हो जाती है।
- इसको करने से सिर का भारीपन दूर हो जाता है।
ग्रीवासन में सावधानियां
जब भी हम ग्रीवासन को करने है तब हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि :-
जब किसी की गर्दन में दर्द हो रहा हो या सरवाईकिल हो उन्हें अपनी गर्दन को आगे नहीं झुकाना चाहिए। उन्हें चाहिए कि वो अपनी गर्दन को केवल पीछे की और झुकाएं और साँस को छोड़ते हुए अपनी गर्दन को सीधा कर लें।