योग में धनुरासन को बहुत ही उपयोगी आसन माना जाता है। इस एक आसन के करने से बहुत तरह के रोगों को दूर भगाया जा सकता है। इस अपने आर्टिकल में हम धनुरासन करने की विधि और लाभ के बारे बताएंगे।
वैसे इसे धनुरासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस योग में शरीर का आकार धनुष की तरह होता है। यह आसन महिलाओं के मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करता है। इसके अलावा इस आसन मांशपेशियां भी मजबूत होती है। नियमित रूप से इस आसन को करने से रीड़ की हड्डी लचीली और मजबूत होती है। धनुरासन एक ऐसा आसन है जिससे पेट की चर्बी भी कम होती और पाचन शक्ति भी मजबूत होती है। आइए जानते हैं धनुरासन करने की विधि और लाभ के बारे में…
धनुरासन योग करने की विधि
1. धनुरासन को करने के लिए साफ जगह चटाई बिछाएं
2. सबसे पहले पेट के बल लेट जाइए फिर धीरे-धीरे घुटनों की एड़ियों को हाथों से पकड़कर पैरों को उपर की तरफ ले जाएं।
3. इसके बाद जांघों को उपर की तरफ उठाने के साथ दोनों हाथों से दोनों पैरों को पीठ की तरफ खीचिए।
4. अपनी क्षमता के अनुसार सिर और जांघों को उपर की तरफ उठाने की कोशिश करें।
5. इस अवस्था में आप आगे-पीछे भी झूल सकते हैं।
6. धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए वापस अपनी पहली स्थिति में आ जाइए।
7. इसे आप 4 बार दोहरा सकते हैं।
धनुरासन योग के लाभ
1. उखड़ी हुई पसलियों व आंतों को सही स्थान पर लाता है।
2. धनुरासन न केवल पेट की चर्बी को कम करता है बल्कि रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है।
3. अजीर्ण, कब्ज और पेट के विकारों को दूर करने में यह आसन बहुत ही लाभकारी है।
4. कंधों और पैरों को मजबूत बनाने में धनुरासन एक बेहतरीन आसन है। इसका नियमित रूप से अभ्यास कीजिए।
5. महिलाओं के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी है क्योंकि मासिक धर्म से संबंधित दर्द को यह आसन कम करता है।
5. जो लोग डायबिटीज, किडनी और लिवर की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें यह आसन करना चाहिए।
6. धनुरासन न केवल रक्त संचार को बढ़ाता है बल्कि यह वजन को कम करने में भी सहायक है।
7. जिगर, अग्न्याशय, छोटी आंत और बड़ी आंत में सुधार लाता है। इसके अलावा यह टखनों, जांघों, छाती और पेट के अंगों को मजबूत करता है।
8. धनुरासन के करने से तनाव और थकान की समस्या दूर होती है। इससे आपक शरीर सक्रिय हो जाता है। साथ ही यह भूख बढ़ाने का भी काम करता है।
6. नियमित अभ्यास से यह आसन प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है।
धनुरासन योग की सावधानियां
1. प्रेग्नेंट महिला को यह योग नहीं करना चाहिए।
2. पेट में अल्सर, हर्निया और आंतों की समस्या से समस्या से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
3. जिन्हें सिरदर्द, माइग्रेन और गर्दन पर चोट उन्हें भी धनुरासन से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
4. हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित लोग भी इस आसन को न करें।
नोट: योग के किसी भी आसन को प्रयास करने से पहले योग विशेषज्ञ की जरूर सलाह लें।