कई बार शरीर के जकड़न की वजह से हम पूरे दिन परेशान रहते हैं। काम तो करना चाहते हैं, लेकिन लचीला और तंदुरुस्त न होने की वजह से शरीर जवाब देने लगता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपको चक्रासन योग करना चाहिए।
चक्रासन एक ऐसा आसन है जिससे न केवल आपकी हड़्डिया मजबूत और लचीली होंगी बल्कि आप पूरे दिन उर्जावान भी महसूस करेंगे। चक्रासन रीढ़, कंधे, कमर, पीठ और पेट को स्वस्थ्य तो रखता ही है, साथ ही आपकी आंखों के लिए भी अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह आसन बढ़ती उम्र में भी आपको तंदरुस्त रखता है।
चक्रासन योग – लाभ, विधि और सावधानियां
चक्रासन योग करने की विधि
1. इस तरह के आसन करने से पहले आप शरीर को वॉर्मअप कर लें।
2. इसके बाद शवासन में लेट जाएं। फिर घुटनों को मोड़कर, तलवों को भूमि पर अच्छे से जमाते हुए एड़ियों को नितंबों से लगाएं। ध्यान रखें कि आपकी एडियां कूल्हों के पास हों।
3. इसके बाद दोनों हाथों को उल्टा कर कंधों के पीछे एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें। इस स्थिति में कोहनियां और घुटनें ऊपर की ओर रहते हैं।
4. अब धीरे-धीरे अपने पेट और छाती को आकाश की ओर उठाएं और सिर को कमर की ओर ले जाएं।
5. इस आसन को करते समय से शरीर चक्र से मिलती-जुलती आकार में आ जाता है।
6. इस बात का ध्यान दीजिए कि आसन प्रक्रिया के खत्म करते समय शरीर को ढीला रखें।
7. चक्रासन को सुविधानुसार 30 सेकंड से एक मिनट तक किया जा सकता है। इस आसन को नियमित रूप से कम से कम 3-4 बार करना चाहिए।
चक्रासन योग की क्या सावधानियां होती हैं ?
1. जो व्यक्ति उच्च रक्तचाप, दिल के रोग या हर्निया से पीडित हैं, तो उसे इस आसन को नहीं करना चाहिए।
2. चक्रासन अन्य आसन की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण और मुश्किल है। यदि आप इस आसन को नहीं कर पा रहे हैं तो जबरदस्ती न करें।
3. गर्भवति महिलाएं भी इस योगासन से दूर रहें।
4. जिनके कमर में दर्द हो और स्पोंरडलाटिस के रोगी को यह आसन नहीं करना चाहिए।
चक्रासन योग के क्या लाभ होते हैं ?
1. नियमित रूप से इस आसन को करने से आपका शरीर सही आकार ले लेता है। आप खुद को फिट महसूस करने लगते हैं।
2. जिन लोगों को पीठ में दर्द की समस्या हो उसमें यह आसन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है। आपको बता दें चक्रासन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
3. यह एक ऐसा आसन है जिससे पाचन शक्ति मजबूत रहती है। इसके अलावा इससे आंखे भी स्वस्थ रहती है।
4. चक्रासन योग रोजाना करने से रीढ़ की हड्डी लचीली बनी रहती है और शरीर भी हमेशा जवां बना रहता है।
5. सर्वाइकल और स्पोंडोलाईटिस जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए चक्रासन लाभकारी है।
6. शरीर में शक्ति और स्फूर्ति बनाए रखने और हृदय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में चक्रासन जैसे आसन का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल रहता है।