आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में आमतौर पर तनाव, खाने और सोने का समय निश्चित न होना कोई नई बात नहीं है। कभी नौकरी को लेकर तनाव तो कभी परिवारिक तनाव। एक तनाव खत्म होता है तो दूसरा सामने तैयार रहता है। लेकिन जब यह तनाव आपकी जिंदगी का हिस्सा बन जाए। जिससे आपके खाने पीने का समय निश्चित न रहे। देर रात तक काम करना पड़े तो यह आपकी याददाश्त को भी कमजोर कर सकता है। जीं हां लंबे समय तक तनाव में रहने वाले लोगों में याददाश्त कमजोर होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसके साथ ही देर रात तक शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की याददाश्तज जल्दीव कमजोर होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि खाने के समय में अनियमितता के चलते शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के याददाश्तल गंवाने की संभावना सर्वाधिक होती है। इसके तहत देर रात को खाना खाने वाले लोगों को सूचनाएं याद रखने और सीखने में दिक्कीत होती है।
कैलीफॉर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार इस बात से सब लोग वाकिफ है कि खाने की इस तरह की आदतों से शरीर के मेटाबॉलिज्मट पर असर पड़ता है और इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शोध में खुलासा हुआ कि जो लोग सोने के समय खेलते या काम करते हैं उनका दिमाग इससे सुस्तो हो जाता है। शोध में सामने आया है कि सोने के समय में खाने से सीखना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते दिमाग का याद रखने वाला और भावनाओं वाला हिस्साग कमजोर हो जाता है।
खाने की अनियमित आदतों के चलते हिप्पो केंपस को नुकसान पहुंचता है। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टिर क्रिस्टो फर कोलवेल ने बताया कि आधुनिक समय के दिनचर्या में हमारे खाने का कोई तय समय नहीं है इसलिए यह समझना जरूरी है कि खाने का समय किस तरह मनुष्य के शरीर पर असर डालता है।
इन 6 आदतों की वजह से आप खो सकते हैं अपनी याददाश्त
क्या है उपाय
खाने का समय निर्धारित करें और उसी के अनुसार समय से डाइट लें। कई लोगों को रात में जागकर काम करने की आदत होती है, याददाश्त के लिए बेहतर होगा कि इससे बचें। आफिस का तनाव घर लेकर न आएं। जितना हो सके ऑफिस की बातों को घर से दूर रखें। लेट नाइट शिफ्ट करने से बचें। गुस्सा आने पर लंबी सांस लें और छोड़ें, इससे आपकी हार्ट बीट नॉर्मल हो जाएगी और आप टेंशन फ्री हो जाएंगे। तनाव की वजह को जानने कर उसे दूर करने का प्रयास करें। डर का कारण भी तनाव हो सकता है, इसलिए डर पर काबू करने का प्रयास करें। भविष्य के बारे में न सोंचे। तनाव में लाइफ स्टाइल बिगड़ जाती है और समस्या घटने के बजाए और बढ़ जाती है। लिहाजा ऐसे वक्त में खुद की खयाल रखना जरूरी है। सही समय पर भरपूर नींद ले और पौष्टिक आहार आपको याददाश्त की कमजोरी से दूर रख सकती है। इसके साथ ही अगर समय निकालकर मेडीटेशन का सहारा लें तो ज्यादा बेहतर होगा।