दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वातावरण में जहरीली हवा ने अपनी जगह बना ली है। इस बार दिल्ली में प्रदूषण का 17 सालों का रिकॉर्ड टूटा है। फिलहाल इसकी गंभीरता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली में तीन दिन तक स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है। उधर वायु प्रदूषण की गंभीरता और घने कोहरे के कारण बंगाल और गुजरात के बीच फिरोजशाह कोटला स्टेडियम तथा हैदराबाद और त्रिपुरा के बीच करनैल सिंह स्टेडियम में होने वाले रणजी ट्राफी के दो मैचों को दूसरे दिन ही रद्द कर दिया गया।
वैसे दिल्ली शासन-प्रशासन आपात बैठक बुलाकर राजधानी में फैले हुए खतरनाक प्रदूषण पर लगाम के लिए दिशानिर्देश जारी कर रही है, लेकिन वह असरदार नहीं है। राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता दिवाली के अगले दिन सी व्याप्त है। वैसे इसके पीछे अन्य कारणों को भी बाता जा रहा है।
राजधानी में प्रदूषण के कारण
कूड़े का जलना, दीपावली पर राजधानी में हुई आतिशबाजी, पड़ोसी राज्यों में फसलों का कचरा जलाये जाना, दिल्ली में बढ़ते वाहनों की संख्या, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जंगलों में लग रही आग की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली के वातावरण में यह जहरीली हवा कितना नुकसानदेह है आइए जानते हैं…
जहरीली हवा के नुकसान
1. वायु प्रदूषण की वजह से श्वसन और हृदय रोग की समस्या बढ़ जाती है।
2. वायु प्रदूषण हमारे फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है। इससे फेफड़े का रंग गुलाबी न होकर काला हो जाता है। एक अनुमान के मुताबिक वायु प्रदूषण भारत में मौत का पांचवां बड़ा कारण है। हवा में मौजूद पीएम25 और पीएम10 जैसे छोटे कण मनुष्य के फेफड़े में पहुंच जाते हैं। जिससे सांस व हृदय संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
3. जो लोग बीमार रहते हैं उन्हें सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण नुकसान पहुंचाती है।
4. वायु प्रदूषण की वजह से अंदरूनी रूप में लिवर में दिक्कत होना, गैस बनना, हार्ट बीट बढ़ना जैसी परेशानी होने लगती है।
5. इसके अलावा बच्चे और बुजुर्गों के लिए यह जहरीली हवा बहुत ही खतरनाक साबित होती है।
6. हवा में मौजूद एसपीएम और पीएम के कण आंखों ल्यूब्रिकेटिंग की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। स्मॉग की धुंध की वजह से आंखों में चुभन और जलन होने लगती है। कई बार तो आंखे लाल भी हो जाती है।
7. इसके अलावा जुकाम का होना, सिर में दर्द और थकान महसूस करना वायु प्रदूषण की ही वजह है।