इस भागती जिंदगी में आज हर कोई मानसिक तनाव से गुजर रहा है। ये तनाव मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण उत्पन्न होता है। व्यक्ति को पता भी नहीं चलता और वह इस समस्या से ग्रसित हो जाता है। यह मनोविकार उस समय ज्यादा होता है जब मन में उलजुलूल बाते घर कर लेती है। नकारात्मक सोच ही तनाव का कारण बनता है। एक नकारात्मक सोच को हम नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन कई सारे नकारात्मक सोच पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है जो तनाव के रूप में सामने आता है।
तनाव दूर करने के लिए योग –
यदि आप लगातार और नियमित रूप से योग करते हैं तो आप तनाव को दूर भगा सकते हैं। योग में कुछ ऐसे अभ्यास हैं जिसे अपनाकर आप तनावमुक्त महसूस करेंगे।
#1 पश्चिमोत्तानासन ( Paschimottanasana ) :
यह आसन विचलित मन को शांत रखता है और तनाव से राहत पहुंचाता है। इस एक आसन के करने से न केवल तनाव से मुक्ति मिलेगी बल्कि हैमस्ट्रिंग, रीढ़ की हड्डी और पीठ के निचले हिस्से में सुधार, पाचन में सुधार, थकान को कम करना, गुर्दे को स्वस्थ रखना आदि में भी यह आसन काम करता है।
#2 शवासन ( Savasana ) :
इस एक आसन से तनाव और थकान में बहुत राहत मिलती है। इस आसन के जरिए आप शरीर को उस अवस्था तक पहुंचाते देते हैं जहां तनाव नाम की कोई चीज नहीं होती। यह एक ऐसा आसन है जिससे आप मानसिक और शारीरिक थकावट, सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या को दूर भगा सकते हैं। इसके अलावा इससे आप अपनी चेतना का विकास और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ा सकते हैं।
#3 सुखासन ( Sukhasana ) :
सुखासन तनाव को दूर करने का अच्छा उपाय है। योग के इस अवस्था को मेडिटेशन का भी नाम दिया जाता है। यह एक ऐसा योग है जिसके जरिए आप मानसिक और शारीरिक थकावट को दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही यह आसन हमें शांति और आत्मानंद का अनुभव देता है।
जो ध्यान लगाने की शुरुआत करना चाहते हैं उन्हें प्रारंभिक रूप से सुखासन की अवस्था में बैठकर ध्यान लगाना चाहिए ताकि वे पद्मासन जैसे कठिन लेकिन ध्यान के प्रमुख आसन के लिए खुद को तैयार कर सकें। एक और बात आसन में स्थिरता प्राप्त किए बिना मेडिटेशन में अच्छी प्रगति नहीं कर पाएंगे।
#4 बालासन ( Balasana )
पीठ के निचले हिस्से, कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करने के लिए बालासन एक बहुत ही उपयोगी आसन है। इसके अन्य फायदों में यह शरीर और दिमाग को शांति देता है, घुटनों और मासपेशियों को स्ट्रे च करता है तथा जकड़न से राहत देता है। इसके अलावा यह शरीर के भीतरी अंगों में लचीलापन लाता है।
#5 उर्ध्वोत्तानासन ( Urdhva Uttanasana )
बच्चों की लंबाई में सहायक उर्ध्वोत्तानासन मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाए रखता है। इस आसन के करने से पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति में सुधार होता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को आराम देने और लचीलापन बनाने में भी सहायक है। इस आसन से न केवल शरीर स्फूर्त व मन प्रफुल्लित होता है बल्कि मोटापा व शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी दूर होती है।
#6 जानुशीर्षासन ( Janusirsasana )
योग का यह आसन शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक है। इस एक आसन से हल्के अवसाद, चिंता, थकान, सिर दर्द, मासिक धर्म की परेशानी और अनिद्रा में मदद मिलती है। इसलिए तनाव की स्थिति में इस आसन को जरूर करें।