हाथों पैरों के अग्रभागों को अंगुलियाँ कहा जाता है। अगुलियां हमारे शरीर का ऐसा अंग होती है जो हमारे शरीर को और सुंदर बना देती है और आपने अक्सर सुना ही होगा कि हमारे शरीर के हर अंग का महत्व होता है और उसमें किसी न किसी प्रकार का राज छिपा हुआ होता है। वैसे ही हमारी अंगुलियों में कई तरह के राज छिपे हुए होते हैं। इसके द्वारा हम व्यक्ति के बारे में आसानी से जान सकते हैं। हम अंगुलियों से इस बारे में पता कर सकते है कि उसका व्यवहार किस प्रकार का है हमारी हाथों और पैरों की कुल मिलाकर बीस अंगुलियाँ होती हैं, और इन सभी अंगुलियों का अपना-अपना महत्व होता है।
अंगुलियों के नाम
जिसे हम अंगूठा कहते हैं उसे हम अंगुष्ठ भी कहते हैं।
अंगूठे के साथ वाली अंगुली को तर्जनी के नाम से जाना जाता है।
हाथ के बीच वाली अंगुली को मध्यमा कहते हैं।
सबसे छोटी अंगुली के बगल वाली अंगुली को अनामिका कहते हैं।
हाथ कि सबसे छोटी अंगुली को कनिष्ठा कहते हैं।
अंगुली की सरंचना
मानव के शरीर की कोशिकाओं की कुल लंबाई लगभग लगभग छ: फिट तक की होती है। आयु के साथ व्यक्ति के डीएनए में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं आता है और यह जन्म से लेकर मृत्यु तक एक समान ही रहता है।
अंगुली के कार्य
हमारी अंगुलियाँ हमारे शरीर के सभी अंगों के साथ मिली हुई होती है, जब हम अंगुष्ठ को हिलाते हैं तो उससे हमारे गले की खिचखिचाहट दूर होती है और जब हम अपने हाथों की अंगुलियों से खाना खाते हैं, तो वो खाना अच्छे से पच जाता है। अंगुलियों के द्वारा हम छोटे से लेकर बड़े काम को बहुत ही अच्छे तरीके के साथ कर सकते हैं, अगर हमारे शरीर के सभी अंग है और अंगुली नहीं हैं तब हमारे हाथ न के बराबर होते हैं। अंगुलियों के बिना हम अपना काम खुद न करके दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं।
अंगुली के रोग
हमारे शरीर को जैसे कई रोगों का सामना करना पड़ता है वैसे ही हमारे हाथों की अंगुलियों को भी कई तरह के रोग लग जाते हैं जैसे कि :-
- दाद
- फंगस
- खुजली
- सूजन
- सिलत
- अंगुलियों का कटना
- रेषिश ।