यदि आपने हाल ही में रीढ़ की हड्डी के चोट को अनुभव किया है, तो आपको महसूस हो गया होगा कि यह चोट आपके जीवन के हर पहलू को किस तरह से प्रभावित करती है। आप मानसिक भावनात्मक और सामाजिक रूप से इस चोट के प्रभाव को महसूस करते हैं। दुनिया भर में शोध चल रहे हैं। कई वैज्ञानिक आशावादी हैं कि अनुसंधान में प्रगति से किसी दिन रीढ़ की हड्डी की चोटों की मरम्मत संभव हो सकती है।
क्या है रीढ़ की हड्डी में चोट
रीढ़ की हड्डी की चोट – रीढ़ की हड्डी या नसों के किसी भी हिस्से को नुकसान पहुंचाती है। रीढ़ की हड्डी की चोट रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाती है। यह एक अत्यंत गंभीर प्रकार का शारीरिक आघात है, जिसका रोजाना के जीवन पर स्थायी और महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
रीढ़ की हड्डी नसों और अन्य ऊतकों का एक बंडल है जो रीढ़ के कशेरुका में समाविष्ट है और रीढ़ की रक्षा करता है। रीढ़ की हड्डी में कई नसों होते हैं, जो मस्तिष्क से लेकर नीचे आपके नितम्बों फैली हुई होती है।
मस्तिष्क से संदेशों को शरीर के सभी भागों में भेजने के लिए रीढ़ की हड्डी जिम्मेदार है। यह शरीर से मस्तिष्क तक संदेश भेजता है। रीढ़ की हड्डी के माध्यम से भेजे गए संदेशों की वजह से हम दर्द महसूस करते हैं। यदि रीढ़ की हड्डी में चोट लग जाए तो इन संदेशों को पहुंचाने में दिक्कत आती है। गर्दन के करीब एक रीढ़ की हड्डी की चोट आमतौर पर शरीर के एक बड़े हिस्से में पक्षाघात या पैरालायसिस का कारण बनती है, जो बॉडी के बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करता है। अधिकतर मामलों में युवा इस चोट से जूझता है। यह चोट उम्र भर मरीज को लाचारी का जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर कर सकती है।
रीढ़ की हड्डी के चोट के कारण
1. खेल के दौरान सिर या रीढ़ की हड्डी की चोट।
2. कार दुर्घटना के दौरान आघात, विशेष रूप से चेहरे, सिर, और गर्दन, पीठ या छाती के हिस्सों में आघात।
3. ऊंचाई से गिरना
4. निर्माण कार्यों पर कोई घटना होना
रीढ़ की हड्डी में चोट के लक्षण
1. चलने में समस्याओं का सामना करना
2. पेशाब करने में दिक्कत होना
3 . बाहों या पैरों को स्थानांतरित करने में असमर्थता
4. हाथों में सुन्नता या झुनझुनी फैलाने की भावनाएं
5. बेहोशी की हालत
6. सरदर्द
7. पीठ या गर्दन में दर्द, दबाव, और कठोरता
8. सदमे के संकेत
9. सिर की अप्राकृतिक स्थिति
रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद क्या करे
ऐसे किसी भी व्यक्ति, जिस को दुर्घटना में घायल होने के बाद ये लक्षण अनुभव हो तो तुरंत डॉक़्टर के पास ले जाना चाहिए। उस दौरान रीढ़ की हड्डी के चोट से पीड़ित व्यक्ति को पांच या ज्यादा लोगों की मदद से सहारा देना चाहिए। एक व्यक्ति उसके सिर को पकड़ते हुए उसे सहारा दे और दूसरा व्यक्ति गर्दन व कन्धों को सहारा दे।
दो व्यक्ति मरीज के विपरीत खड़े होकर उसकी पीठ और उसके निचले भाग को सहारा दें व आखिर में एक व्यक्ति मरीज की टांगों को पकड़ ले। मरीज को जल्द से जल्द किसी मजबूत तख्त पर लिटाएं। यह ध्यान रखें कि गले और पीठ में किसी भी प्रकार की हरकत न हो।