मांसपेशियां

साइटिका के लक्षण और उपचार

साइटिका के लक्षण और उपचार

साइटिका एक दर्दनाक स्थिति है जो समय के साथ किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। दर्द काफी असहज और लगातार हो सकता है। साइटिका एक सामान्य प्रकार का दर्द है जो कि सायटिक नर्व (तंत्रिका) को प्रभावित करता है, जो पीठ से लेकर पैर तक फैली एक बड़ी तंत्रिका है। खासकर कमर से लेकर पैर की नसों तक को साइटिका का दर्द कहते है। आपको बता दें कि मानव शरीर में सायटिक संबंधी तंत्रिका एक बहुत ही महत्वपूर्ण तंत्रिका है। इसमें दर्द होने से जांघों, घुटने, एड़ियों, पैर का पंजा और उंगलियों में दर्द महसूस होता है।

साइटिका के कारण

कुर्सी या कंप्यूटर पर घंटों बैठ कर काम करने वाले लोगों को यह दर्द ज्याादा परेशान करता है। इससे उनकी नसों में तनाव उत्पन्न होता है। इसके अलावा गर्भावस्था भी साइटिका का कारण बन सकती है। इस मामले में, गर्भाशय आंतरिक अंगों के खिलाफ दबाव डालता है और मांसपेशियों के संकुचन को उत्तेजित करता है। आंतरिक रक्तस्राव से भी यह समस्या देखते को मिलती है।

साइटिका के लक्षण

दरअसल साइटिका खुद में बीमारी नहीं बल्कि बीमारियों के लक्षण हैं। इसमें स्थिति बहुत दर्दनाक हो सकती है और कई दिनों तक चल सकती है। इसमें व्यक्ति को जलन, झुनझुनी और भयानक दर्द और पैरों में कमजोरी का एहसास होता है।

साइटिका के उपचार

अदरक

अदरक

अदरक का तेल साइटिका से राहत प्रदान कर सकता है। अदरक की चाय आंतरिक रूप से सायटिक नर्व के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसके लिए आप एक कप पानी में एक इंच अदरक को डालिए। उसे 10 से 15 मिनट तक खौलने के बाद ठंडा होने दीजिए। जब यह चाय थोड़ा सा गर्म रहे तो उसमें हल्का शहद डालिए। इसे आप दिन में तीन बार पी सकते हैं। – उच्च रक्तचाप का उपचार है अदरक

हल्दी

हल्दी

हल्दी में करक्यूमिन के कारण यह कई तरह का लाभ देता है। करक्यूमिन एक तरह का एंटी-इंफ्लेमेटरी है जो कि साइटिका और उसके लक्षण जैसे दर्द और सूजन से राहत में काफी मददगार हो सकता है। इसके लिए आप एक कप गर्म दूध में एक कप हल्दी को डालें और उसे अच्छी तरह से मिक्स करके पी लें। इसके अलावा आप हल्दी और तिल के तेल का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर इसे लगाएं। – हल्दी के आयुर्वेदिक फायदे

एक्सरसाइज कीजिए

कई अध्ययन के अनुसार, साइटिका के दर्द के उपचार का सबसे उपयुक्त तरीका है एक्सरसाइज। खासकर वे व्यायाम जिनमें शरीर को आगे की ओर खींचना होता है, क्योंकि इस प्रक्रिया द्वारा आप प्रभावित तंत्रिका जड़ों पर दबाव पड़ता है और आप राहत महसूस करते हैं। नियमित व्यायाम से कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है। व्या याम से एंडोरफिन का स्राव भी अधिक होता है। एंडोरफिन कुदरती दर्दनिवारक है।

सेलेरी का जूस

सेलेरी का जूस

सेलेरी का जूस काफी प्रभावी ढंग से साइटिका के दर्द का इलाज करने का एक और प्राकृतिक तरीका है। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसके लिए आप सेलेरी को छोटे-छोटे पीस में काट लीजिए फिर इसमें पानी डालकर ब्लेंड कर लीजिए। फिर इसमें थोड़ा शहद डालकर पीजिए आपको बहुत ही लाभ मिलेगा।

सहजन

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स से भरपूर सहजन पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह साइटिका रोग में गुणकारी है। औषधि बनाने के लिए सहजन (मुनगा) की पत्तियां 100 ग्राम, अशोक की छाल 100 ग्राम और अजवाइन 25 ग्राम इन सब सामग्रियों को 2 लीटर पानी में उबा लें और जब यह पानी 1 लीटर बच जाये तो उसे छान कर रख लें। इस काढ़े को 50-50 ग्राम सुबह-शाम लें।

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