स्वस्थ लिवर का फंक्शन स्वस्थ होने का एक संकेत है। यदि आपको अपने लिए लिवर को स्वस्थ रखना है, तो आपको अपने आहार में एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ को शामिल करना चाहिए। आप अपने आहार में खट्टे खाद्य पदार्थ, पत्तेदार साग, जूस, सब्जियां, एंटीऑक्सिडेंट वाले फल, स्थानीय कच्ची शहद, नारियल का तेल, और सेब का सिरका, नींबू, पालक, अजमोद, जामुन, अनार और लहसुन को शामिल कीजिए।
ये खाद्य पदार्थ आपके लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से लड़ने और लिवर या जिगर एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देने में मदद करते हैं ताकि आपके लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकाला सके।
लिवर का रामबाण इलाज
लिवर की कमजोरी का इलाज है हल्दी
हल्दी को सबसे ताकतवर मसालों के रूप में जाना जाता है। हल्दी हर भारतीय परिवारों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सक्षम है अब चाहे वह लिवर की ही समस्या क्यों न हो। आपके लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए हल्दी अत्यंत उपयोगी हो सकता है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण हैं और यह एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी कार्य करता है। हल्दी हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के कारण उत्पन वायरस को रोक सकता है। आप हल्दी को खाना पकाने के दौरान शामिल कर सकते हैं या इसे दूध के साथ मिकालर पी सकते हैं।
लिवर का रामबाण इलाज है सेब का सिरका
वजन घटाने, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, ब्लड शुगर को स्थिर करने, त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाने देने और एसिडिटी के लक्षणों से राहत में सेब का सिरका बहुत ही काम आता है। ऐप्पल साइडर सिरका जिसे हम सेब का सिरका भी कहते हैं। लिवर की विषाक्तता को दूर करने में मदद करता है। ऐसे बहुत से तरीके हैं जिसकी सहायता से आप सेब के सिरके का सेवन कर सकते हैं। आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और शहद को मिलाकर पीजिए। इसे आप दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं। यह लिवर को साफ करने में मदद कर सकता है।
पालक और गाजर का रस
पालक खाने से आपके स्वास्थ्य को बहुत् फायदे मिलते हैं। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि अधिक मात्रा में पालक खाने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ सकता है। पालक और गाजर के रस का एक मिश्रण लिवर सिरोसिस के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। पालक और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाएं। लीवर के उपचार के लिए प्रतिदिन कम से कम एक बार इसका रस जरूर पीजिए।
लिवर के लिए फायदेमंद है आंवला
आंवला को सुपर फूड का दर्जा मिला है। इस छोटे से फल में कई ऐसे चमत्कादरिक गुण है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यह न सिर्फ हमारे शरीर की इम्यू निटी बढ़ाता है बल्किय कई रोगों को जड़ से भी खत्म करता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन एबी कॉम्ले्म क्सू, कैलशियम, पोटैशियम, मैग्नीशशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और फाइबर पाए जाते हैं।
अगर अपने लिवर को सेहतमंद रखना चाहते हैं, तो आप आंवले का सेवन करना शुरू कर दीजिए। आमला लिवर को सुरक्षा प्रदान करता हैं और विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो लिवर के फंक्शन को बेहतर करता है।
लिकोरिस चाय
लिगर के इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक में लिकोरिस का उपयोग बहुत ही किया जाता है। लिकोरिस चाय बनाने के लिए, लीकोरिस रूट को पीसकर उसे उबलते पानी में डालें और कुछ मिनटों के लिए इसे छोड़ दें। लिवर की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो बार इस चाय का सेवन करें।
लिवर को सेहतमंद रखे अलसी का बीज
इसमें कोई संदेह नहीं कि अलसी के बीज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इसमें ओमेगा-3 एसिड पाया जाता है, जो कि कई रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। अलसी का बीज लिवर पर तनाव को कम कर सकता है। फाइबर के गुणों से भरपूर अलसी को अपनी आहार में शामिल करने आपका लिवर स्वस्थ रहता है।
ग्रेपफूट
ग्रेपफूट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो स्वाभाविक रूप से लीवर की रक्षा करते हैं। इसमें नरिनजेनिन और नारिनजिन दो तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि दोनों एंटीऑक्सीडेंट लिवर को चोट से बचाने में मदद करते हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि ये एंटीऑक्सिडेंट हेपेटिक फाइब्रोसिस के विकास को कम कर सकता है।
आपको बता दें कि हेपटाइटिस बी और सी में लिवर फाइब्रोसिस (लिवर का सख्त होना) और लिवर सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ जाना) होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है।
ब्लूबेरी और क्रैनबेरी
ब्लूबेरी और क्रैनबेरी दोनों में एंथोसायनिन, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। ये कई स्वास्थ्य लाभों से भी जुड़े हुए हैं तथा यह लिवर का रामबाण इलाज है। कई अध्ययनों ने दर्शाया है कि क्रैनबेरी और ब्लूबेरी लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। लाल रंग की दिखने वाली क्रैनबेरी कई स्वास्थ्य संबंधित फायदों से भरी हैं। एक अध्ययन के मुताबिक क्रैनबेरी का रस पीने से महिलाओं में यूरीनरी ट्रेकट इंफेकशन (यूटीआई) दोबारा होने का खतरा कम हो सकता है।
चुकंदर का रस
चुकंदर का रस नाइट्रेट्स और एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत है जिसे बेटालैन कहा जाता है, जो दिल के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है और ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम कर सकता है।