लिवर मानव शरीर में सबसे आवश्यक अंगों में से एक है। यह सबसे बड़ा आंतरिक अंग है। यह हार्मोन से लड़ने से लेकर कई कार्य करता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के पाचन में भी लिवर की बड़ी भूमिका है। विभिन्न आवश्यक कार्यों को करने वाले इस महत्वपूर्ण अंग की ठीक से देखभाल करना बहुत ही जरूरी है। आइए जानते हैं कि लिवर इन्फेक्शन से कैसे बचा जाए।
शराब की मात्रा को सीमित करें
हम सभी जानते हैं कि शराब हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है। यह शारीरिक रूप से हमें नुकसान तो पहुंचाता ही है साथ ही यह परिवार में कलह का भी कारण बनता है।
इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका लिवर स्वस्थ्य रहे और इन्फेक्शन से बचा रहे तो शराब की मात्रा को कम या सीमित करें। हो सके तो आप इसे छोड़ ही दें। यदि आप ज्यादा शराब का सेवन करते हैं तो आपको लिवर सिरोसिस होने का खतरा रहेगा जो एक लिवर की एक बीमारी है।
सही वैक्सीनेशन लीजिए
हेपेटाइटिस वायरस को लिवर के कार्य करने के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है। हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी लिवर को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे विषाक्त पदार्थों को बेअसर करने की अपनी क्षमता को कम करता है, इस प्रकार लिवर संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त होता है। यदि आपको हेपेटाइटिस वायरस होने का खतरा है तो सही वैक्सीनेशन (टीकाकरण) लेने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
दवाओं का सेवन करते समय सावधानी
यकृत संक्रमण या लिवर इन्फेक्शन का एक आम कारण दवाओं की अनियंत्रित मात्रा है। जब आप अनियंत्रित मात्रा में दवा लेते हैं तो आपका लिवर खराब हो सकता है। प्रेस्क्रिप्शन और नॉन प्रेस्क्रिप्शन वाली दवाओं का सेवन तभी किया जाना चाहिए जब आवश्यक हो और वह भी डॉक्टर द्वारा सिफारिश की गई हो।
किसी भी दवा लेने या अपनी दवा मिश्रण करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें। जब आप किसी वजह से दवाओं का ज्यादा सेवन कर रहे हैं तो शराब के सेवन से बचें ताकि लिवर पर अतिरिक्त भार से बचा जा सके। – इम्यून सिस्टम कैसे बढ़ाये, जाने 7 टिप्स
प्रोसेस्ड पोर्क का करें परहेज
प्रोसेस्ड मीट, विशेष रूप से पोर्क लिवर इन्फेक्शन का एक प्रमुख कारण है। प्रोसेस्ड पोर्क को अक्सर नाइट्रेट्स जैसे रसायनों का उपयोग करके संरक्षित किया जाता है।
नाइट्रेट्स को नाइट्रोसामीनेस में परिवर्तित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पोर्क का अत्यधिक सेवन लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए, यह सिफारिश की जाती है कि लिवर संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए प्रोसेस्ड पोर्क से बचा जाए।
क्या है लिवर कैंसर – लिव कैंसर दो प्रकार का होता है। प्राथमिक लिवर कैंसर सीधे लिवर की कोशिकाओं में पनपता है, जबकि मेटास्टैटिक कैंसर लिवर का द्वितीय कैंसर है, जो दूसरे अंगों में प्रारंभ होता है और लिवर में फैल जाता है।
अपने वजन को रखें नियंत्रित
मोटापा बिना शराब के भी फैटी लिवर रोग का कारण बन सकता है। लिवर में कुछ वसा होता है लेकिन जब यह लिवर के वजन से 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ता है, तो इससे लिवर डिजीज होने का खतरा रहता है। अपने वजन को कम करने के लिए आप कम से कम एक घंटा जरूर व्यायाम करें। इसके स्वस्थ वजन और स्वस्थ लिवर को बनाए रखने के लिए प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से बचें।
आपको बता दें कि 10 से 20 प्रतिशत लोगों में फैटी लिवर की समस्या देखी जाती है। यह 50 से 60 वर्ष वाले आयु वर्ग के लोगों में अधिक पाई जाती है। लिवर में वसा का जमाव अधिक होने से कई बार यह सूज जाता है और इसकी कार्य करने की गति धीमी हो जाती है। – वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए