किडनी यानि गुर्दे हमारे शरीर का एक ऐसा अंग होता है जो दस सेंटीमीटर लंबी, छ: मीटर चौडी और तीन मीटर मोटी होती है। यह हमारे शरीर का एक ऐसा भाग होता है, जो हमारे शरीर के बिषैले पदार्थ को छानकर यूनिक के रास्ते से बाहर निकाल देता है। मानव के शरीर में दो किडनी होती है अगर दोनों सही है तो बहुत ही अच्छी बात होती है, लेकिन अगर हमारी एक किडनी खराब हो जाती है, तो दूसरी किडनी हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने का पूरा काम करती है, लेकिन जब दोनों हो किसी कारणवश खराब हो जाती है तो यह एक गंभीर समस्या उत्पन कर देती है। ऐसे में जान भी जा सकती है।
किडनी की संरचना
किडनी हमारे शरीर का खून साफ करके पेशाब बनाने का काम करती है। स्त्री और पुरुष दोनों में ही दो किडनियां होती है। किडनी हमारे पेट के अंदर पीछे के हिस्से में पीठ के दोनों तरफ छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके में होती है। यह हमारे पेट के भीतर होती है। जिसके बारे में हाथ लगाकर पता नहीं किया जा सकता।
किडनी के कार्य
खून साफ करना
किडनी के निरंतर कार्य करती है। हमारे शरीर में जो भी जहरीले पदार्थ बनते हैं, उन्हें पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकलती है।
अपशिष्ट उत्पादकों को निकलना
रक्त को साफ करना किडनी का सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। जो भोजन हम करते हैं, उसमें प्रोटीन होता है यह हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत ही आवश्क होता है। लेकिन जब हम प्रोटीन लेते हैं तब उसमें कई बार अपशिष्ट पदार्थो का उत्पाद होता है। यह अपशिष्ट पदार्थ हमारे शरीर में किसी जहर से कम नहीं होते। किडनी इन पदार्थो को छानकर पेशाब के रस्ते से बाहर निकाल देती है।
शरीर में पानी का संतुलन
किडनी हमारे शरीर में जरूरी पानी की मात्रा को बना कर रखती है, जो अधिक पानी होता है। उसे पेशाब के रास्ते से बाहर निकाल देती है।
अम्ल एंव क्षार का संतुलन
किडनी हमारे शरीर में सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि की मात्रा बनाये रखता है। उपरोक्त पदार्थ हमारे शरीर में अम्ल एवं क्षार की मात्रा के लिए जिम्मेदार होते हैं। हमारे शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने या घटने से दिमाग पर असर होता है और पोटेशियम की मात्रा बढ़ने और घटने से ह्रदय की गतिविधियों पर असर होता है ।
खून पर नियंत्रण
किडनी हमारे शरीर में कई हार्मोन बनाने का काम करती है जैसे कि एंजियोटेंसिन, एल्डोस्टोरोन आदि। इस संतुलन की सहायता से किडनी शरीर में खून के दबाब को समान्य बनाएं रखने का काम करती है।
रक्तकणों के उत्पादन में सहायता
खून में लाल रक्तकणों का उत्पादन होता है, जो एरिथ्रोपोएटिन की सहायता से अस्थिमज्जा में होता है। एरिथ्रोपोएटिन किडनी में बनता है लेकिन जब किडनी फैल जाती है तब इसका बनना बंद हो जाता है। जिसके कारण लाल रक्तकणों का उत्पादन भी कम होने लगता है और हमारा खून में फीकापन आने लगता है। जिसे हम एनीमिया कहते हैं।
हड्डियों की मजबूती
हमारी हड्डिया स्वस्थ हो इसके लिए किडनी विटामिन डी को सक्रिय रूप में परिवर्तन करती है। भोजन से कैल्शियम के अवशोषण हड्डियों और दांतों के विकास और हड्डियों की मजबूती स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही आवश्क होता है ।
किडनी के रोग
किडनी में जब भी किसी तरह के परेशानी आ जाती है तो इसे कई रोगों का सामान करना पड़ता है।
1. किडनी में पथरी होना
2. किडनी में जलन होना
3. किडनी में सुजन पैदा होना
4. किडनी में यूरिया बढ़ना
5. किडनी में एनीमिया होना
6. किडनी में पेशाब में खून आना आदि ।