फेफड़ा मानव शरीर में सबसे आवश्यक और मुख्य श्वास अंग हैं। फेफड़े रीढ़ की हड्डी के पास, दिल के दोनों ओर स्थित हैं। कई तरह की बीमारियों से दूर रहने के लिए फेफड़ों को कुशलतापूर्वक काम करना बहुत जरूरी है क्योंकि अनुचित कामकाज से कई खतरनाक फेफड़ों की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें अस्थमा, ब्रोंकोलाइटिस इत्यादि शामिल हैं।
पानी
पानी का प्रयोग कई प्रकार के प्राकृतिक उपचार के रूप में तो होता ही है और किसी भी बीमारी के लिए रामबाण के तौर पर काम करता है। फेफड़ों को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण पेय है।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीना न सिर्फ आपके किडनी के लिए अच्छा है, बल्कि यह फेफड़ों और पूरे शरीर के लिए भी अच्छा है। यह सलाह दी जाती है कि फेफड़ों और अन्य शरीर के अंगों के उचित कामकाज के लिए एक दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।
लहसुन
लहसुन का उपयोग न सिर्फ खाने में किया जाता है, बल्कि विभिन्न चिकित्सीय लाभों के लिए भी यह बहुत ही उपयोगी है। यह विभिन्न बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए एक सुपरफूड के रूप में उपयोग किया जाता है।
यह फेफड़े की कमजोरी का इलाज बेहतर तरीके से करता है। लहसुन में एक एंटी-बैक्टीरिल गुण है और श्वासनलिका के मार्गों को साफ़ करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह सर्दी और खांसी को दूर करने में भी मदद करता है। इस प्रकार यह नाक के वायु मार्ग को पूरी तरह से साफ करने और श्वसन की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
सेब का रस
अध्ययनों से पता चला है कि नियमित रूप से सेब का रस पीने से बच्चों में घरघराहट की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसलिए, फेफड़ों के विकारों को दूर करने के लिए अपने दैनिक आहार में सेब का रस जरूर शामिल करना चाहिए।
अदरक
अदरक डालने से आपके व्यंजन का स्वाद बिलकुल ही बदल जाता है। यह फेफड़ों से विषैले तत्व को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। अदरक रक्त के संचलन में सुधार करने में मदद करता है और इस प्रकार, शरीर को स्वस्थ और फिट रखता है।
अदरक को ब्रोंकाइटिस के इलाज के साथ पाचन में सहायता करने और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को पहले से कहीं अधिक मजबूत बनाने के लिए सिद्ध किया गया है।
खुबानी
खुबानी विटामिन ए में समृद्ध हैं और इसलिए, फेफड़ों के स्वस्थ कामकाज से जुड़ा हुआ है। विटामिन ए श्वसन पथ या रेस्पिरेट्री ट्रैक के लाइनिंग के लिए जिम्मेदार है और इस प्रकार यह फेफड़ों को विकारो से दूर रखता है।
ब्रोकोली
ब्रोकोली में एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर पाया जाता है और इस प्रकार, यह फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेहद फायदेमंद और सर्वोत्तम सब्जियों में से एक है। अध्ययनों ने यह भी साबित कर दिया है कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस से ग्रस्त मरीजों के लिए ब्रोकोली एक प्रभावी उपाय है।
मिर्च
कुछ लोगों के लिए, गर्म और मसालेदार मिर्च भोजन के दौरान एक बड़ी लत है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फेफड़ों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने की बात आती है तो यह उतना ही फायदेमंद होता है। इससे फेफड़ों की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में मदद मिलती है।
बेरीज
ब्लूबेरी, रास्पबेरी या स्ट्रॉबेरी एंटीऑक्सीडेंट का शानदार स्रोत हैं। इसके अलावा, क्रैनबेरी, स्ट्रॉबेरी और अंगूर आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए समान रूप से काम करता है।
अखरोट
अखरोट में ओमेगा -3 फैटी एसिड की एक बड़ी मात्रा पाई जाती है और अस्थमा जैसे विभिन्न श्वसन संबंधी विकारों के इलाज में उत्कृष्टता होती है। इस तरह के विकारों को दूर रखने के लिए अपने नाश्ते में हर दिन अखरोट को शामिल कीजिए।