कोई भी नस जब ब्रेन में फटती है तो उसका एक प्रेसर बढ़ता है जिसे हम ब्रेन हेमरेज कहते हैं। यह एक तरह का स्ट्रोक भी होता है। ब्रेन हेमरेज जिसे हम ब्रेन ब्लीडिंग के नाम से भी जानते हैं। यह तब हो सकता है जब कोई दुर्घटना हुआ हो, ब्रेन ट्यूमर हुआ हो या फिर हाई ब्लड ब्रेशर की समस्या हो।
आपको बता दें कि ब्रेन हेमरेज मस्तिष्क में ऑक्सीजन डिलिवरी को कम कर सकता है और मस्तिष्क में अतिरिक्त दबाव पैदा कर सकता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को मार सकता है। यदि ब्रेन ब्लीडिंग के लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं, तो जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण
- अचानक या गंभीर सिरदर्द होना
- हाथ या पैरों में कमजोरी
- उलटी अथवा मतली का होना
- विजन में परिवर्तन
- संतुलन में परिवर्तन
- बोलने या समझने में कठिनाई
- बेहोशी
ब्रेन हेमरेज का कारण
ब्रेन हेमरेज का सबसे आम कारण उच्च रक्तचाप है। समय के साथ, ऊंचा रक्तचाप धमनियों की दीवारों को कमजोर कर सकता है और टूटने का कारण बन सकता है।
जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क में रक्त इकट्ठा होता है जिससे स्ट्रोक के लक्षण होते दिखाई देते हैं। इसके अलावा कभी कभार मस्तिष्क में कुछ ऐसी खराब नसें विकसित हो जाती हैं, जिनमें रक्त प्रवाह अधिक होता है और उसकी वजह से भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
ब्रेन हेमरेज में होने वाले टेस्ट
यदि किसी व्यक्ति को ब्रेन में होने वाले लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से न्यूरोलॉजिकल टेस्ट करवाना चाहिए। टेस्ट ही आपको बता पाएगा कि आपको किस तरह का ब्रेन हेमरेज है। इसमें मरीज का सीटी स्कैन भी किया जाता है।
सीटी स्कैन से पता चल पाता है कि मरीज के ब्रेन में ब्लीडिंग हो रही है या नहीं। इसके अलावा डॉक्टर एमआरआई स्कैन की भी सहारा लेते हैं जिससे ब्लीडिंग के सही कारणों का पता चल सके। इस दौरान मरीज का ब्लड टेस्ट भी कराया जाता है। ब्लड टेस्ट से मरीज के इम्यून सिस्टम विकार, सूजन के विकार और रक्त के थक्के की समस्याओं का पता चलता है जो कहीं न कहीं ब्रेन हेमरेज का कारण बनते हैं। – ब्रेन डैमेज कर सकती हैं आपकी यह 7 आदतें
ब्रेन हेमरेज को होने से कैसे रोका जाए
- धूम्रपान से दूरी बनाएं
- दिल की बीमारी का इलाज कराएं
- उच्च रक्तचाप का इलाज कराएं
- मधुमेह को नियंत्रण में रखें
- एक स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखें