अगर आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तब जरूरी है कि आप अपने ह्रदय को स्वस्थ रखें। ह्रदय को स्वस्थ रखना बहुत ही सरल है। इसके लिए संतुलित आहार के साथ हर रोज व्यायाम करें। आज की इस भागदौड़ की जिन्दगी में न तो किसी के पास सही से खाने का समय है और न ही व्यायाम का। यहीं कारण है कि आजकल ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ता ही जा रहा है। ह्रदय के जोखिम को कम करने के उपाय में हम आपको जानकारी देंगे।
लेकिन इसके लिए आपको जीवनशैली में सुधार लाने की आवश्यकता है। आजकल जंक फ़ूड, धूम्रपान, व अल्कोहल का अधिक सेवन ह्रदय रोग का कारण बने हुए है। जब आप अपनी इन आदतों को छोड़ देते हैं तब आपके जीवनशैली में सुधार खुद ही आ जाता है। आइये जानते हैं, ह्रदय के जोखिम को कम करने के उपाय के बारे में।
हृदय रोग के जोखिम को कम करने के उपाय
हृदय रोग के जोखिम को करना है तो व्यायाम करें
ह्रदय की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम अति आवश्यक है। व्यायाम करने से ह्रदय की धड़कन प्रक्रिया बेहतर तरीके के साथ होती है साथ ही शरीर को रक्त से आसानी से ऑक्सीजन प्राप्त हो जाती है। जिससे आपकी कार्यक्षमता बढती है और शरीर में ताकत आती है। जब भी आप अपने शरीर पर अत्यधिक भार डालते हो तब आपको उस समय थकावट महसूस होती है। ऐसे में आपको कोई अन्य कार्य शुरू करने से पहले कुछ समय आराम कर लेना चाहिए। इससे आपकी कार्य क्षमता वापिस आ जाती है।
कम वसा का इस्तेमाल
वसा का कम से कम उपयोग करने से ह्रदय रोगीं से बचा जा सकता है। जब आपका कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तब आपके ह्रदय पर दबाव पड़ता है। अगर आप वसा का सेवन कम करते हो तब आप ह्रदय संबंधी रोगों से काफी हद तक बच सकते हो।
धुम्रपान छोड़ें
धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों में दिल का दौरा या ह्रदय रोग से मृत्यु होने की संभावना आम व्यक्तियों की तुलना से दुगनी होती है। इसलिए इस रोग से मुक्ति पाने के लिए धुम्रपान को त्याग देना अतिआवश्क है।
हृदय रोग के जोखिम से बचना है तो वजन कम करना जरूरी
जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उनमें ह्रदय रोग का खतरा अधिक होता है। क्योंकि उनके ह्रदय पर अधिक दबाव पड़ता है और वह तेजी से धडकता है। अधिक वजन होने का कारण असंतुलित भोजन और उनमें व्यायाम की कमी है। जिसके कारण उन्हें अन्य रोगों का भी खतरा है। इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका है ताजे फल, हरी सब्जियां, संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम। इससे वो वजन के साथ साथ अन्य रोगों पर भी काबू पा सकते हैं।
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नमक का सेवन कम करें
शरीर में सोडियम की मात्रा का सही अनुपात बनाएं रखने के लिए भोजन में नमक की मात्रा का कम होना बहुत जरूरी है। अधिक नमक का सेवन हाई ब्लडप्रेशर और ह्रदय रोग का कारण बन सकता है। अपने भोजन में ज्यादा नमक की मात्रा न लें और ज्यादा नमकीन नाश्तों का सेवन भी न करें। पोटेशियम के लिए फल और सब्जियों को बेहतर स्रोत माना जाता है। यह आपके शरीर में सोडियम की मात्रा को बनाये रखने में सहायक होते हैं।
आराम करें
तनावग्रस्त रहना स्वस्थ जीवन की निशानी नहीं है। अधिक तनाव ब्लडप्रेशर को बढाता है। साथ ही ह्रदय की पेशियों को भी प्रभावित करता है। इसलिए जितना हो सके तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें, पर्याप्त नींद लें और इसके साथ ही आराम के लिए भी कुछ समय रखें। यह आपके लिए लाभदायक होगा।
मछली का सेवन
सप्ताह में एक या दो मछली के टुकड़े जरूर खाने चाहिए। ट्राउट, सालमन या टूना जैसी ऑयली मछलियों में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 के जरूरी तत्व होते हैं जो की कोरोनरी ह्रदय रोग के लिए दिए जाते हैं और ये रक्त के थक्के बनने की रोकथाम में भी मदद करते हैं।
हृदय रोग को स्वस्थ्य रखने तरीके – फलों का सेवन
स्वस्थ ह्रदय के लिए जरूरी है कि रोज आपके भोजन में कम से कम पांच प्रोटीन युक्त फल और सब्जियां हो। विटामिन और प्रोटीन युक्त आहार एलडीएल को कम करने में सहायक होते हैं। इसके साथ यह कोलेस्ट्रोल को बढने से रोकते हैं। ह्रदय को स्वस्थ व स्वच्छ रखने के लिए सभी आवश्यक तत्व फलों में मौजूद होते हैं। इसलिए आपको फलाहार का सेवन जरुर करना चाहिए।