समस्या जब आँखों की हो तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि आखों की रौशनी यदि एक बार चली जाती है तो वह वापिस नहीं आती जिससे हम इस सुंदर नजारे को नहीं देख सकते और आँखों के आगे काले घने बादल छा जाते हैं। आज हम आँखों की एक ऐसी समस्या के बारे में बात करते हैं, जिससे आँखों की नजर धुंधली हो जाती है वो हैं मोतियाबिंद। मोतियाबिंद आँखों की एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसे हम चाहकर भी नजरअंदाज नहीं कर सकते, इसलिए आज जानेंगे मोतियाबिंद के लक्षण, मोतियाबिंद के कारण और मोतियाबिंद के घरेलू उपाय।
मोतियाबिंद क्या होता है ?
इससे आँखों के लेंस पर धब्बा आ जाता है जिसके कारण आपको कोई भी वस्तु स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देती। आपको वस्तु धुंधली और धब्बे जैसी नजर आती है। यह एक या दोनों आँखों में हो सकता है लेकिन यह एक आँख से दूसरी आँख में नहीं फैलता। मोतियाबिंद को सर्जरी के द्वारा हटाया जा सकता है लेकिन यदि हम इसमें कुछ घरेलू नुस्खें अपनाएं तो भी काफी हद तक मोतियाबिंद का इलाज संभव है।
मोतियाबिंद के लक्षण
इसके लक्षण इस प्रकार से हैं –
#1 धुंधला या अस्पष्ट दिखाई पड़ना
जब किसी को मोतियाबिंद हो तो उसे आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। जो लोग चश्मा लगाते हैं, उन्हें महसूस होता है कि अधिक पावर का चश्मा लगाने पर भी उन्हें सामान्य रूप से दिखाई नहीं देता।
#2 रात को देखने में कठिनाई होना
मोतियाबिंद की बीमारी में आप को साफ-साफ दिखाई नहीं देता। वैसे कई तरह के अध्ययन से पता चला है कि रात में 13 फीसदी कार दुर्घटनाएं मोतियाबिंद की वजह से होती है।
#3 दोहरा दिखाई देना
मोतियाबिंद का एक अन्य लक्षण यह है कि कोई भी चीज दो दिखाई देती है। अर्थात एक सिंगल वस्तु एक या उससे अधिक बार दिखाई देती है। वैसे मोतियाबिंद एक आंख में या दोनों आंखों में हो सकता है। इसका तब तक पता नहीं चलता, जब तक जांच न करायी जाये।
पढ़ने में परेशानी होना मोतियाबिंद की बीमारी में कॉंट्रास्ट, रंग और किसी चीज को पढ़ने में परेशानी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
#4 प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
कोई भी अगर लाइट अर्थात उज्ज्वल रोशनी की चमक आंखों पर पड़ती है और वह पीड़ादायक हो, तो समझ लीजिए कि आपको मोतियाबिंद है।
#5 रंगों को पहचानना मुश्किल
यदि आपको रंगों को पहचाने में दिक्कत आती है तो समझ लीजिए कि आप मोतियाबिंद बीमारी के शिकार हैं। जैसे आपको ब्लैक, ब्लू और पर्पल ये सभी रंग मोतियाबिंद के मरीज को एक जैसी दिखाई देती है।
मोतियाबिंद के कारण
- आयु
- अधिक शराब का सेवन
- धुम्रपान
- मोटापा
- आँखों की पुरानी चोट
- उच्च रक्तचाप
मोतियाबिंद के घरेलू उपाय
#1 लहसुन
लहसुन का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, वहीं यह हमारी आँखों को भी लाभ प्रदान करता है। यदि हम लहसुन की दो से तीन कलियों को नियमित रूप से खाते हैं तो कुछ ही दिनों में आँखों के धब्बों की शिकायत दूर हो जाती है।
#2 पालक का सेवन
पालक में बीटा कैरोटिन और एंटी ऑक्सीडेंट के गुण मौजूद होते हैं, ऐसे में यदि हम पालक का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो कुछ ही दिनों में आँखे से मोतियाबिंद की शिकायत दूर हो जाती है और आँखें पहले जैसी हो जाती है।
#3 दूध और बादाम
जिन लोगों की मोतियाबिंद के कारण आँखें लाल रहती है और वो इस समस्या से निपटारा चाहते हैं उनके लिए दूध और बादाम बहुत ही लाभकारी होता है। इसके लिए बादाम को रातभर के लिए दूध में भिगोकर छोड़ दें इस दूध क सुबह छानकर इसकी बुँदे आँखों में दाल लें और बादाम को चबा कर खा लें।
#4 ग्रीन टी
ग्रीन टी से आँखों की रौशनी तेज होती है ग्रीन टी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट आँखों को नई ताजगी प्रदान करती है इसका सेवन दिन में तीन से चार बार करना चाहिए
#5 कच्चा पपीता
कच्चे पपीते में पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो प्रोटीन के पाचन में सहायक होता है। जो लोग मोतियाबिंद से परेशान होते हैं उन्हें प्रोटीन पचाने में दिक्कत आती है ऐसे में कच्चा पपीता उन्हें लाभ देता है। इसके रोजाना इस्तेमाल से आँखों का लेंस चमकने लगता है।
#6 विटामिन सी
मोतियाबिंद के इलाज के लिए विटामिन सी एक अहम भूमिका निभाता है। इसके सेवन से मोतियाबिंद की सरंचनाओं को रोका जा सकता है। अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करें जिसमें विटामिन सी अधिक से अधिक हो।
#7 कच्ची सब्जियां
कच्ची सब्जियों का सेवन करने से आँखें चमकने लगती हैं। कच्ची सब्जियों में पोषक और विटामिन ए की उच्च मात्रा होती है जो आँखों को स्वास्थ्य बनाएं रखने में मदद करते हैं कच्ची सब्जियों को सलाद के रूप में भी खा सकते हैं।
#8 जामुन
जामुन का सेवन करने से मोतियाबिंद को पूरी तरह से हटा तो नहीं सकते लेकिन दृष्टि की अस्पष्टता को जामुन खाने से ठीक किया जा सकता है। जामुन में एथोसायनोसाइड्स तथा फ्लेवनाइड्स काफी अधिक मात्रा में होते हैं जो आँखों की लेंस की रक्षा करते हैं।
क्या कहता है अध्ययन
हाल के अध्ययन से पता चलता है कि जो मोतियाबिंद 60 साल या उससे अधिक के उम्र के लोगों को होती थी। अब इसकी चपेट में 40 साल के युवा भी आ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार 90 लाख लोग मोतियाबिंद बीमारी के शिकार हैं।
यह रोग ज्यादातर बढ़ती उम्र, मधुमेह और गुर्दे की खराबी जैसे मेटाबोलिक रोगों, मायोपिया या निकट दृष्टि दोष, धूम्रपान, ग्लूकोमा, शक्तिवर्धक स्टेरायड के सेवन और पोषक तत्वों की कमी के कारण भी होता है।
मोतियाबिंद के मरीज करें हरी सब्जियों का सेवन
एक शोध से यह बात उजागर हुई है कि हरी सब्जियां ज्यादा लेने से प्राथमिक ओपन-एंगल ग्लूकोमा (पीओएजी) यानी मोतियाबिंद का खतरा 20 से 30 फीसदी कम हो जाता है। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां न केवल आपके सेहत को सुधारता बल्कि आपके मोतियाबिंद की बीमारी को भी कम करता है।