प्रेग्नेंसी के दौरान एनीमिया भ्रूण के विकास में बाधा पैदा कर सकता है, यही कारण है कि स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने के लिए एनीमिया का इलाज करना महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि एनीमिया एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जो ब्लडस्ट्रीम में आयरन की कमी या विटामिन बी12 के अपर्याप्त स्तर के कारण होती है।
कम लाल रक्त कोशिकाओं संख्या (Low red blood cell) भी एनीमिया का कारण बनती है। इसके अलावा, यह वंशानुगत कारकों से भी हो सकता है जो शरीर को उचित लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर का उत्पादन करने से रोकता हैं।
जब महिला में एनीमिया की शिकायत होती है, तो शरीर को ऑक्सीजन के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य समस्याएं और थकान होती है। इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के इलाज में मदद के लिए कुछ उपचार के बारे में जानेंगे।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के इलाज
ऐसा देखा गया है कि वंशानुगत कारकों की वजह से महिलाएं गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के शिकार होती हैं, इसका अर्थ यह है कि उनके ब्लड या रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी है। रक्त में हीमोग्लोबिन गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती है।
आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान, हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा “हेमोडाइल्यूशन” नामक प्रक्रिया के कारण कम हो जाती है। यह प्रक्रिया भ्रूण के विकास के लिए पोषक तत्वों के रूप में स्थानांतरित घटकों को पतला करती है।
यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी या गर्भावस्था के दौरान इस प्रकार की जटिलताओं को रोकने के लिए सही तरीके से खाना खाने की जरूरत है। माताओं के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का इलाज करना बहुत ही जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण रक्त वाहिकाओं (blood vessels) पर निर्भर करता है। एनीमिया के मामले में, शरीर की जरूरत को पूरा करना बहुत ही आवश्यक है, नहीं तो इससे फीटस या भ्रूण प्रभावित हो सकता है। इससे भ्रूण का विकास भी प्रभावित हो सकता है।
संभावित जटिलताओं में समय से पहले बच्चे का जन्म या कम वजन शामिल है। एनीमिया से बचने के लिए, गर्भवती महिलाओं को ऐसे डाइट को फोलो करना चाहिए जिसमें विटामिन बी और आयरन समृद्ध खाद्य पदार्थ शामिल हैं जैसे कि: मांस, मछली, अंडे, साबूत अनाज, हरी सब्जियां और फल आदि। – एनीमिया के लक्षण, कारण और बचने के सरल उपाय
प्रेग्नेंसी में एनीमिया को दूर करने के लिए आहार
1. कुछ ऑट्स तैयार करें और दिन में तीन से चार कप खाएं। ऑट्स शरीर को फाइबर प्रदान करता है और भ्रूण को ग्रो और स्वस्थ रखने में सहायता करता है।
2. विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर चुकंदर में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, इसे खाने से शरीर में खून की कमी नहीं होती।
3. विटामिन बी12, कैल्शियम, आयरन, फास्फोररस, पोटैशियम जैसे जरूरी तत्वों से समृद्ध अंजीर एनीमिया के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
4. आयरन, फाइबर और बीटा केरोटिन से भरपूर पालक बहुत ही पौष्टिक पत्तेयदार सब्जीब है, यह एनीमिया से भी बचाव करती है।
5. एनीमिया के इलाज के लिए हर दिन तीन कप दूध पीएं। दूध पोषक तत्वों और विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो शरीर में रक्त उत्पन्न करने में मदद करता है। – एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार
6. कार्बोनेटेड पेय की जगह टमाटर का रस लें, क्योंकि यह आपको विटामिन ई और विटामिन सी प्रदान कर सकता है। इसके अलावा इसमें बीटा केरोटिन और विटामिन ई भी पाया जाता है जो आयरन की कमी को दूर करता है।