प्रेग्नेंसी के समय उल्टी आना, चक्कर आना, भूख नहीं लगना जैसी प्रॉब्लम बहुत आम है जिन्हें हम मॉर्निंग सिकनेस के नाम से भी जानते हैं। प्रेग्नेंसी के वक्त एक औरत को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें से मॉर्निंग सिकनेस भी एक समस्या है। इस बात का ध्यान दें कि कहीं यह प्रॉब्लम आपको दिनभर तो नहीं सता रही, अगर हां तो यह चिंता की बात हो सकती है।
हालांकि प्रेग्नेंसी के ज्यादातर मामलों में यह लक्षण शुरुआत के तीसरे और चौथे महीने में जरूर नजर आते हैं लेकिन कुछ महिलाओं को पूरे नौ महीने तक इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से महिलाएं काफी कमजोर हो जाती हैं।
यह बीमारी कोई गंभीर बीमारी नहीं है। लेकिन जब हम इस पर सही से ध्यान नहीं देते, तो हमारे शरीर से अधिकतर मात्रा में पानी निकलने जाता है। जिसके कारण उनमें निर्जलीकर्ण की नौबत आ जाती है और इसका प्रभाव जच्चा और बच्चा दोनों पर पड़ता है।
आपको बता दें कि मॉर्निंग सिकनेस कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन इसे लेकर बहुत अधिक लापरवाही दिखाना आपके लिए खतरनाक साबित भी हो सकता है। यह तो हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और मॉर्निंग सिकनेस उसी बदलाव के कारण होती है। जान लें कि मॉर्निंग सिकनेस अगर लंबे समय तक बनी रहती है तो इसका बुरा असर बच्चे पर भी पड़ सकता है।
मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि…
1.मासिक धर्म का न आना
2.मतली या उल्टी का होना
3.रत्नों के आकार में बदलाव होना
4.थकान होना
5.नींद आना
6.बार-बार यूरिन आना
7.चक्कर आना या बेहोश होना
8.सूंघने की शक्ति में वृद्धि होना
9.सूजन आना
10.पेट में दर्द होना
11.पीठ में दर्द होना
क्या है मॉर्निंग सिकनेस दूर करने के उपाय
जब भी महिलाएं गर्भधारण करती है तो उन्हें अक्सर मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन यह कोई गंभीर बीमारी नहीं होती। गर्भावस्था के दौरान होना वाले बदलाव का यह एक अहम हिस्सा होता है, परन्तु जब हमें मॉर्निंग सिकनेस के दौरान यदि बार-बार और अधिक मात्रा में उल्टीयां आती है, तो इससे हमारे पेट में कोई अन्य तरल पदार्थ का ठहरना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण महिलाओं को बहुत ही थकावट और बैचेनी का सामना करना पड़ता है और उनके स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसके कारण बच्चे को पूरा पोषण नहीं मिलता। जिसके कारण समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन हम इसे कुछ उपाय करके ठीक कर सकते है जैसे कि :-
1. सुबह जब आप सोने के बाद उठे तो सबसे पहले बिस्तर से उठकर पूरे घर में ही वॉक करें। कुछ कदम चलने से आपका शरीर एक्टिव बनेगा और आपकी सुस्ती खत्म हो जाएगी।
2. ऐसे में महिलाओं को कभी खाली पेट नहीं रहना चाहिए, क्योंकि खाली पेट रहना आपके और साथ ही आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आप भी मॉर्निंग सिकनेस की प्रॉब्लम के शिकार हैं, तो सुबह उठकर सबसे पहले कुछ जरूर खाएं उसके बाद ही अपना कोई काम करें।
3.अगर आप चाय पीने के शौकिन हैं तो सुबह उठकर कोई भी चाय लेने की जगह सिर्फ ऑर्गेनिक चाय ही पीया करें। इस चाय को पीने से आपको एनर्जी मिलेगी और आपका शरीर सही तरीके से फंक्शन भी करेगा।
4. खाने को लेकर विशेष ध्यान जरूर दें, जी हां कोशिश करें कि अपनी डायट में आप बहुत अधिक तली और भुनी चीजों को नहीं शामिल करें।
5. ध्यान रहें कि आपके शरीर में कैल्शियम और विटामिन की कमी ना होने पाए। वह सारी चीज़ें खाएं जिसमें कैल्शियम और विटामिन की मात्रा भरपूर पाई जाती है।
6.एक गिलास पानी में नींबू का रस और थोड़ा पुदीना डालकर मिश्रण तैयार करना चाहिए। फिर उसे लेने से आप मॉर्निंग सिकनेस से बच सकते हो।
7. थोड़ी-थोड़ी देर बाद कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
कुछ महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों का सहारा ले लेती हैं, जो बहुत ही गलत है। प्रेग्नेंसी में किसी भी दवा के सेवन करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें वरना इसका बुरा असर आपके साथ-साथ आपके बच्चे पर भी हो सकता है।