मच्छर के काटने से फैलने वाला मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को यदि सही समय पर उचित इलाज तथा चिकित्सकीय सहायता न मिले तो यह जानलेवा सिद्ध होती है। यह एक संक्रामक रोग है जो वर्षा ऋतु में ज्यादा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैलता है। मलेरिया कितनी गंभीर बीमारी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हर साल 25 अप्रैल को पूरे विश्व में ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है। यह बीमारी कोई आज के समय की नहीं है बल्कि हजारो सालों से लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
मलेरिया एक गंभीर बीमारी है। मलेरिया होने पर दिमाग में खून की आपूर्ति कम हो सकती है। यह मस्तिष्क को क्षति पहुंचा सकती है। यह बच्चों के विकासशील मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। यही नहीं, गर्भवती स्त्रियों के लिए मलेरिया एक घातक बीमारी है। इससे गर्भ की मृत्यु या शिशु की मृत्यु तक हो सकती है। आज भी अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र में मलेरिया की वजह से सबसे ज्यादा बच्चों की जान जा रही है। भारत में आजादी के बाद से अब तक हजारों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
मलेरिया के लक्षण
- इसमें ठण्ड लगकर तेज बुखार चढ़ने लगता है और सिर में दर्द भी होने लगता है।
- जी मिचलाना, उलटी होना और बदन में दर्द होना भी मलेरिया के लक्षण है।
- इसमें भूख न लगना, जुलाब और कमजोरी भी होने लगती है।
- इसमें खून की कमी और सांस लेने में तकलीफ होती है।
- बुखार उतरते समय पसीना आदि के लक्षण दिखाई देते है।
मलेरिया के घरेलू उपचार
- पिसा हुआ धनिया आधा चम्मच, सोंठ आधा चम्मच, अजवाइन आधा चम्मच और चुटकी भर सेंधा नमक। चारों का बराबर मात्रा में लें और उसका चूर्ण बना लें। पानी के साथ इस चूर्ण का दिन में तीन बार सेवन करें।
- एक चम्मच जीरा पीस लें और इसमें दस ग्राम गुड़ मिला लें। इसकी तीन खुराक करें। बुखार चढ़ने से पहले सुबह, दोपहर और शाम को इस दवा का सेवन करें।
- प्याज का आधा टुकड़ा लेकर उसका रस निकालें और उसमें एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिला दे। सुबह व शाम इस चूर्ण का सेवन करें।
- मलेरिया बुखार होने पर पन्द्रह पत्ते तुलसी, दस काली मिर्चे दो चम्मच चीनी को एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े की तीन खुराक करें और सुबह दोपहर और शाम को पियें।
- आधे नींबू पर काली मिर्च तथा काला नमक का चूर्ण लगाकर धीरे-धीरे चूसें।
- मलेरिया के रोगी को अमरूद और सेब का रस देना चाहिए। यह बुखार को चढ़ने नहीं देता है।
- मलेरिया का बुखार होने पर प्याज के रस में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीजिए। आराम मिलेगा।
- मलेरिया में बुखार की संभावना होने पर साठ मिली लीटर पानी में तीन ग्राम चूना डालकर और् नींबू निचोड़कर रोजाना पीजिए।
- नीम की छाल दस ग्राम, सूखा धनिया दस ग्राम, सोंठ का चूर्ण दस ग्राम तथा पांच तुलसी के पत्ते। सबका काढ़ा बनाकर दिन में चार बार इसका सेवन करें।