जब कोई बड़ी घटना घटती है, तो बदलाव जरूर आता है। आज की स्थिति को ही देख लीजिए। कोरोना ने लोगों के जीवन जीने का तरीका ही बदल दिया है। पहले जहां लोग कुछ भी खा लेते थे, कहीं भी चले जाते थे, किसी से भी हाथ मिला लेते थे। आज कोरोना ने लोगों उनकी स्वास्थ के प्रति जागरुक कर दिया है। क्या खाना है और कैसे रहना है आदि को लेकर लोग पूरी तरह से सतर्क हो चुके हैं।
खान-पान को लेकर हुए सतर्क
कोरोना वायरस की वजह से लोगों ने जाना कि जीवन जीने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन-किन चीजों का नहीं। इसलिए आज लोग प्रोसेस्ड और जंक फूड की बजाय फल, सब्जियों और आयुर्वेदिक चीजों को खाने पर जोर दे रहे हैं। उन्हें पता है कि बीमारियों से दूर रहने के लिए और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए इन चीजों का सेवन करना बहुत ही जरूरी है।
गूगल सर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, लोग पौष्टिकता को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी के लिए सतर्क हो चुके हैं। गूगल, यूट्यूब और सोशल मीडिया पर लोग इम्युनिटी यानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों, फलों और सब्जियों के बारे में सर्च कर रहे हैं। गर्मी में संतरे, अंगूर जैसे मौसमी फलों, नींबू, पुदीना के इस्तेमाल वाले स्मूदी, जूस व अन्य पेय पदार्थों की रुचि बढ़ी है।
मसालों और औषधीय तत्वों की मांग
इम्यूनिटी को बढ़ाने और कोरोना से लड़ने के लिए नियमित रूप से काढ़ा पीने की जरूरत है। भारत में हल्दी, जीरा, लौंग-इलायची, तुलसी के अलावा आंवला, गिलोय, हर्र, मुलैठी-दालचीन जैसे औषधीय तत्वों की मांग तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सहित पूरे एशिया में पारंपरिक औषधियों पर तवज्जो बढ़ी है। वियतनाम में काली हल्दी और इंडोनेशिया में पारंपरिक औषधि जामू का सेवन तेजी से बढ़ा है।
साफ-सफाई को लेकर सतर्कता
खाने-पीने के साथ-साथ लोगों ने जीवन जीने का तरीका भी बदल दिया है। बाहर से मंगाई गई चीजों को अच्छी तरह से साफ या धोकर इस्तेमाल करना, हाथ धोकर खाना खाना, एक्सरसाइज करना और ध्यान लगाना आदि अच्छी आदतों को लोगों ने अपना ली है।