लाइफस्टाइल

अपने पास्ट से सीख सकते हैं ये 5 चीज

अपने पास्ट से सीख सकते हैं ये चीज

हमारे लिए हमारा पास्ट एक शिक्षक के तौर पर काम करता है। यह चीज आप पर है कि आप उस शिक्षक से सीखते हैं या फिर उसकी उपेक्षा करते हैं। ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर लोग अपने पास्ट से सीखते नहीं है जिसकी वजह से वह ग्रो नहीं कर पाते हैं। गलतियां हर कोई करता है, लेकिन आपका दृष्टिकोण उस गलतियों से सीखने का नहीं है तो आप हमेशा परेशान रहेंगे। आइए जानते है कि आप अपने पास्ट से वह 5 चीज क्या सीख सकते हैं।

आप हमेशा बेहतर नहीं कर सकते है

किसी काम में बेहतर न करने की वजह से कई बार लोग परेशान हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वह कमजोर हो गए हैं क्योंकि उन्होंने अच्छा काम नहीं किया है। पास्ट में आपने जो उपलब्धियों किया है या नहीं उस पर आत्म मंथन कीजिए। आप पाएंगे कि आप हर बार अच्छा नहीं कर सकते हैं।

इसके अलावा, प्रत्येक असफलता नए अवसरों, क्षितिजों और परिप्रेक्ष्य को लेकर आपकी आंखे खोलता है। हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश कीजिए।

जिंदगी को खुलकर जीएं

इस दुनिया में लोग आ रहे हैं और जा रहे हैं। यह एक प्राकृतिक का नियम है। इसमें आपकी कोई गलती है। ऐसे में आप अपनी लाइफ के हर एक दिन को अच्छी तरह जीएं और ग्रोथ तथा अपने आप में सुधार कीजिए। – आत्मविश्वास बढ़ाने के 7 प्रभावी तरीके

हर चीज का कीजिए सामना

हर चीज का कीजिए सामना

आप अगर पास्ट से कुछ सीख सकते हैं तो यह सीखिए कि कोई भी परिस्थिति हो उसका सामना डटके करना है। यह आपके लाइफ के लिए अच्छी सीख है। बहुत से लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है और भविष्य के बारे में बहुत ही चिंता करते है। वह भूल जाते हैं या नजरअंदाज करते हैं कि उन्होंने अपनी लाइफ में कितनी बाधाओं को पार किया है। आप उनमें से मत बनो।

अब तक की गई चीजों के लिए खुद की प्रशंसा कीजिए, स्वीकार करें, और श्रेय दें। अपने पिछले सफलताओं से अपने आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को पोषित कीजिए। यह आपको लाइफ में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। आत्मविश्वास रखें और अपने आप पर शर्त लगाएं कि आपने जो अतीत में सफलता हासिल की है, उससे सीख लेकर आपके सामने जो भी दिक्कते आएगी उसका सामना कर सकते हैं।

अपने नजरिए को बदलिए

अपने नजरिए को बदलिए

क्या आपने ध्यान दिया कि आपने जो सफलता हासिक की है वह भाग्य से नहीं बल्कि यह कड़ी मेहनत, प्रयास और समर्पण से आया है? लेकिन ज्यादातर लोग इसे भाग्य पर ठप्पा लगा देते हैं। दरअसल हमारा दिमाग उन्हीं चीजों की तरफ आकर्षित होता है जिसमें आपकी रुची है। जैसे आपकी रुची खूबसूरत इमारत को लेकर है और आप उसे देखते भी है। अगर आपकी इसमें रूचि नहीं है तो आप उसे छोड़ देते हैं। आप कभी स्वीकार नहीं करते कि वह चीज वहां है।

आप उस नजरिए से मत देखिए जिस नजरिए से पूरी दुनिया देख रही है। कुछ चीजें अस्तित्व में है एक बार आप उसको लेकर जागरूक हो जाते हैं तो वह चीज आपको हर जगह दिखाई देने लगती है। उदाहरण के लिए आप कार के मॉडल को देखना चाह रहे हैं तो आप सड़कों पर जाते हुए किसी भी कार को मिस नहीं कर सकते। जब आप यह निर्णय ले लेतो हो कि आप स्माइल फेस पर ध्यान देने वाले हैं तो यह आपको हर जगह दिखाई देने लगता है क्योंकि आप भीड़ में भी उन्हीं लोगों को देखते है। आपके लिए बाकी चीज अस्तित्व में नहीं है।

आपका ध्यान और आपका फोकस बहुत ही सीमित है और यही कारण है कि आप उन्हीं चीजों को देख पाते हो जो आप सर्च कर रहे हैं। बाकी सभी चीजें बैक ग्राउंड में कहीं खो जाती है।

अन्य लोगों के दिमाग को पढ़ना बनता है गलतफहमी का कारण

हम कोई भी काम करते हैं तो ज्यादातर हमारा दिमाग यही सोचता है कि इस काम को लेकर हमारा समाज कैसा सोचता है और कैसा फील करता है। फिर क्या, हम उसी तरह से व्यवहार और कार्य करने लगते हैं। अपने कम्युनिकेशन स्किल में सुधार करें और लोगों के दिमाग को पढ़ने से खुद को रोकें। एक पुष्टिकरण के लिए खुद से पूछें और खुद से दीर्घकालिक, सार्थक संबंध बनाएं।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment