भारत में क्रॉनिक किडनी रोग यानी गुर्दे खराब होने की समस्या में तेजी से इजाफा हुआ है, यह बात कई सर्वे से ज्ञान हुआ है। बदलती खान-पान की आदतों और भाग-दौड़ की जिंदगी, प्रदूषित पानी और प्रदूषण की वजह से किडनी की बीमारियां बढ़ रही हैं। नियमित दिनचर्या और संतुलित खानपान को अपनाकर इन रोगों से बचा जा सकता है। लेकिन देश में बढ़ते फास्ट फूड के चलन की वजह से इन बीमारियों को रोकना कठिन हो रहा है।
किडनी की बीमारी कोई भयंकर रूप न लेले, इसलिए शुरुआत में ही किडनी की बीमारी को पहचानना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में यह एक लाइलाज बीमारी बन सकती है। यदि आप नीचे दिए गए लक्षणों को पहचान लेते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. किडनी के होने से शरीर से गंद तथा पेशाब बाहर निकलते हैं। जब ऐसा नहीं हो पाता तो किडनी में भरे हुए गंद के कारण आपके हाथ, पैर, टखना एवं चेहरा सूज जाता है।
2. इस अवस्था में मूत्र का रंग गाढ़ा हो जाता है या फिर मूत्र की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है। इसके अलावा बार-बार मूत्र होने का एहसास होता है मगर करने पर नहीं होता है। इसके अन्य लक्षणों में मूत्र त्याग करने के वक्त दर्द, दबाव और जलन जैसा अनुभव होता हो।
3. जब मूत्र में रक्त आने लगे या फिर झाग जैसा मूत्र आए तो बिना सोचे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह किडनी के खराब होने का निश्चित ही संकेत होता है।
4. शरीर में कमजोरी, थकाम या हार्मोन का स्तर गिर जाए तो यह भी किडनी के बीमारी के लक्षण माने गए हैं।
5. ऑक्सीजन का कम होना और जिसके कारण चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आए तो किडनी के बीमारी के लक्षण है।
6. यदि गर्मी में भी ठंडक महसूस हो तथा आपको बुखार हो तो यह किडनी खराब होने के लक्षण को दर्शाता है।
7. किडनी के खराब होने पर शरीर में विषाक्त पदार्थों जम जाते है, जिससे त्वचा में रैशेज और खुजली होने लगती है। हालांकि यह लक्षण कई तरह की बीमारियों में भी पाया जाता है।
8. बहुत कम लोग जातने हैं कि किडनी की बीमारी के कारण खून में युरिया का स्तर बढ़ जाता है। यह युरिया अमोनिया के रूप में उत्पन होता है। जिसके कारण मुंह से बदबू निकलने लगता है और जीभ का स्वाद भी बिगड़ जाता है।
9. गुर्दे खराब होने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण मतली और उल्टी होने लगता है।
10. डॉक्टरों के मुताबिक शरीर में अनवांटेड पदार्थ जरूरत से ज़्यादा जम जाने के कारण यह लक्षण महसूस होने लगता है।
11. यदि पीठ का दर्द पीठ के नीचले भाग से होते हुए पेड़ू-जांघ के जोड़ तक फैल जाता है तो समझिए कि आप इस बीमारी के शिकार हो रहे हो।
12. अगर किडनी खराब है तो लंग्स में फ्लूइड जमने लगता है जिसके कारण साँस लेने में असुविधा होने लगती है।
किडनी क्या है, संरचना और कार्य
नोट: हालांकि इसमें से कई लक्षण अन्य दूसरी बीमारियों के भी हैं इसलिए लक्षण ज्ञात होने के बाद डॉक्टर से जरूर चेकअप कराएं।
कैसे रखें अपनी किडनी को स्वस्थ्य
वैसे स्वस्थ्य लाइफ जीने के लिए यह जरूरी है कि शरीर के सभी अंग स्वस्थ्य रहे और सही तरह से काम करे। आज के समय में किडनी की समस्या अधिकतर लोगों को होती है। यह समस्या तब ज्यादा हो जाती है जब कोई शरीर को लेकर लापरवाही बरतने लगता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी किडनी की समस्या का निदान हो, तो न केवल आप हेल्दी फूड खाएं बल्कि शराब और स्मोकिंग जैसी आदतों को बाय कर दें। इसके अलावा आप नियमित रूप से व्यायाम करें, क्योंकि व्यायाम किडनी को स्वस्थ्य तो रखेगा ही साथ ही शरीर के बाकी अंग फिट रहेंगे।
आप किडनी को दुरुस्त रखने के लिए अपने उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखिए साथ ही ब्लड सुगर के लेवल का निरंतर जांच करवाते रहिए। जो लोग दवाई का सेवन ज्यादा करते हैं वह ध्यान दें कि इससे किडनी खराब होने की समस्या उत्पन हो सकती है। कई पिल्स और पेनकिलर तो आपके किडनी को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं।
ब्लड प्रेशर और हड्डियों के लिए जरूरी है किडनी
किडनी की बीमारी के लक्षण जान लेने के बाद अब यह भी जान लीजिए कि आखिर शरीर के अंग में किडनी क्यों है महत्वपूर्ण? शरीर में किस काम आती है किडनी। ज्यादातर लोग दो किडनियों के साथ पैदा होते हैं जो बीन के आकार की होती है और हमारी पसलियों के बीच में सुरक्षित रहती हैं। किडनी के अन्य कामों में लाल रक्त कण का बनना और फायदेमंद हार्मोंस रिलीज करना शामिल हैं। किडनियों द्वारा रिलीज किए गए हार्मोंस के द्वारा ब्लड प्रेशर नियंत्रित और विटामिन डी का निर्माण किया जाता है जो हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है।
किडनी से होने वाली बीमारी
क्रोनिक किडनी रोग
क्रोनिक किडनी रोग, जिसे क्रोनिक किडनी फेलियर भी कहा जाता है। आपकी किडनी आपके रक्त से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त द्रव फिल्टर करता है, जो आपके मूत्र के रास्ते बाहर निकलते हैं। जब क्रोनिक किडनी रोग उन्नत चरण तक पहुंचता है, तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और कचरे के खतरनाक स्तर आपके शरीर में बना सकते हैं।
क्रोनिक किडनी रोग के प्रारंभिक दौर में, आपको लक्षण दिख सकते है। क्रोनिक किडनी रोग तब तक प्रकट नहीं हो सकता जब तक आपके किडनी का कार्य प्रभावित नहीं हो जाता। कृत्रिम फ़िल्टरिंग (डायलिसिस) या गुर्दा प्रत्यारोपण के बिना क्रोनिक किडनी रोग, किडनी फेलियर के स्थिति तक पहुंच सकती है जो बहुत ही घातक है।
दोस्तों यहां जानें – किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले आहार
क्रोनिक किडनी रोग के लक्षण
गुर्दे की बीमारी के लक्षण या क्रोनिक किडनी रोग समय के साथ विकसित होते हैं। इसके लक्षण में शामिल है जी मिचलाना, उल्टी, भूख में कमी, थकान और कमजोरी, नींद की समस्याएं, मानसिक तीव्रता में कमी, पैर और टखनों की सूजन, लगातार खुजली, सीने में दर्द, श्वास की कमी, उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) जो नियंत्रित करना मुश्किल है।
गुर्दे की बीमारी के लक्षण अक्सर अनियंत्रित होते हैं, जिसका अर्थ है कि ये अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं।
किडनी को हेल्दी रखें ये आहार
शरीर में पानी की कमी न होने दें
यदि आप किडनी खराब होने के संकेत या लक्षण को कम करना चाहते हैं तो अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें। किसी भी रोग को दूर करने के पानी एक औषधि है। अपने किडनी और दैनिक गतिविधि की स्थिति के आधार पर प्रति दिन कितने गिलास पानी पीना चाहिए, यह समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
गोभी का सेवन
किडनी को ठीक करने के उपाय में गोभी भी शामिल है। गोभी एक पत्तेदार सब्जी है जो फाइटोकेमिकल्स से भरा हुआ है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में हानिकारक मुक्त कणों को कम करने में मदद करता है, जिससे कैंसर, हृदय रोग और गुर्दे की समस्या का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा गोभी विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है, जिसे किडनी के लिए सही माना जाता है।
ब्लूबेरी
ब्लूबेरी पोषक तत्वों से भरपूर हैं और एंटीऑक्सीडेंट के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है। यह गुर्दे या किडनी के लिए अनुकूल आहार है, क्योंकि ये सोडियम, फास्फोरस और पोटेशियम में कम होता है।
लहसुन
किडनी खराब के लक्षण को कम करना है तो आप ज्यादा से ज्यादा लहसुन का सेवन कीजिए। किडनी की समस्याओं वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अतिरिक्त आहार सहित सोडियम की मात्रा को सीमित करें। लहसुन नमक के लिए एक स्वादिष्ट विकल्प प्रदान करता है। इसके अलावा यह कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी देता है।