बीमारी और उपचार

जुकाम के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपाय

Ayurvedic home remedies for cold and its symptoms in hindi

आप अपनी लाइफस्टाइल में कब छोटी-मोटी बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं आपको पता भी नहीं चलता। जुकाम उन्हीं में से एक है। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है यदि कम है तो आप जल्दी ही इसके प्रभाव में आ सकते हैं। जुकाम सर्दियों के मौसम में ही सबसे ज्यादा होता है, ऐसा नहीं है। इन कारणों से भी सर्दी-जुकाम की चपेट में आया जा सकता है। 

जुकाम के कारण 

मौसम बदलते समय या फिर दूषित वायुमंडल, धूल व धुएं नाले स्थान आदि में भी जुखाम हो जाता है। कब्ज की हालत में नंगे पैर चलने, गर्म स्थान से उठकर ठंडे स्थान जाने, गर्म स्थान में काम करते-करते ठंडा पानी पी लेने, वर्षा में भीगने, व्यायाम करने के बाद स्नान कर लेने आदि कारणों से भी जुकाम हो जाता है।

जुकाम के लक्षण 

1. इसमें नाक से पानी बहने लगता है और छीके आनी लगती है तथा सिर तथा शरीर भारी होने लगता है। 

2. आखें लाल हो जाती है और गले में खराशे पड़ जाती है।

3. एक-दो दिन तक लगातार नाक से निकलने वाले बलगम गले के नीचे उतर कर कफ बन जाता है जो खांसी का कारण बनता है।

4. इसमें थकान का अनुभव, सर में दर्द और भूख का कम लगना भी शामिल है।

वैसे देखा गया है कि इस तरह की बीमारी में दवाईयां कम ही असर करती हैं। इसके लिए घरेलू उपाय ही श्रेष्ठ माना गया है। 

प्राकृतिक एंव घरेलू उपचार: 

1. एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर उसे गुनगुना करके पियें। 

2. दालचीनी पांच ग्राम और जायफल का चूर्ण पांच ग्राम। दोनों का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ चाटें।  

3. अदरक, काली मिर्च, तुलसी तथा लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम बहकर निकल जाता है। 

4. एक कप पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबालें। इसमें चीनी या गुड़ डालकर पियें। 

5. मुलहठी के चूर्ण को पान के पत्ते पर रखकर दांतों से चबाकर चूसते रहें, इससे गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द आदि भी दूर हो जाता है।

6. जुकाम के साथ यदि बुखार भी आ गया तो सौ ग्राम गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद, एक चम्मच अदरक का रस और एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पी लें। 

7. भुने हुए चने को चटकी में मसल कर सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम में राहत मिलता है।

8. सर्दी-जुकाम में गुणकारी आजवाइन के बीजों को पीसकर एक पतले साफ सूती कपड़े में बांधकर सोने से पहले सूंघते रहने से अत्यन्त लाभ पहुंचता है। 

9. हींग को पानी में घोलकर सूंघने से जुखाम के रोगी को काफी आराम मिलता है। 

जुकाम के आयुर्वेदिक उपचार

1. मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, अदरक, लाल इलायची इन सबको पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। फिर इसे छानकर शहद के साथ पी लें। 

1. लाल इलायची, धनिया, काली मिर्च, सोंठ, तुलसी के बीज और जीरा सबको बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण सुबह और एक चम्मच शाम को सेवन करें। 

3. सोंठ, काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, तालीम पत्र, पीपल, चित्रक, चक जीरा, तेजपात, इन सबको समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से एक-एक चुटकी चूर्ण दिन में तीन बार शहद से सेवन करें।

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