जब बात महिलाओं में सेहत और पौष्टिक तत्वों की बात आती है, तो आयरन के साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड का नाम सबसे ऊपर आता है। ऐसे में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी के लक्षण आपको कई बीमारियों से घेर सकती है। कमी से बचने के लिए आपको लगातार अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शामिल करने की आवश्यकता है।
वैसे आपको बता दें कि यह फैटी एसिड एक प्रकार की वसा है। यह शरीर में हार्मोन्स के निर्माण के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से आपको स्वस्थ्य रखता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी से अवसाद
नींद की कमी, उदास या निरास रहना या किसी तरह का भावनात्मक दुख आदि डिप्रेशन या अवसाद के कारण हो सकता हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि डाइट में कमी भी अवसाद बीमारी को जन्म दे सकती है।
प्रयोगात्मक साक्ष्य का एक बड़ा निकाय इंगित करता है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड का मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अवसाद, चिंता, पोस्टपार्टम डिप्रेशन, सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर सभी ओमेगा 3 फैटी एसिड के निम्न स्तर से जुड़े हुए हैं। यह बात जून 2006 में छपी एक लेख “मनश्चिकित्सा के अमेरिकन जर्नल” बताती है।
शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि नियमित रूप से ओमेगा 3 के नियमित उपभोग से अवसाद की दर में कमी देखी गई। आपको बता दें कि ओमेगा 3 फैटी एसिड मस्तिष्क की तंत्रिका गतिविधि को सामान्य बनाता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी से बढ़े मोटापा
कई बार अधिक मोटापा आपको शर्मिंदा भी कर सकता हैं। बढ़ता मोटापा कई बीमारियों का गढ़ है। यह मधुमेह से लेकर पाचन तंत्र की कई सारी बीमारियों का कारण बनता है। इसके अलावा इसका असर हमारे ह्रदय और जोडों पर भी पड़ता है। विश्व की तरह भारत में ही लगभग हर घर में कोई ना कोई इस रोग से ग्रस्त हैं।
अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करने से कोशिकाओं में मेटाबॉल्जिम की गतिविधि को बढ़ाने में मदद मिलती है। आहार में ओमेगा 3 की कमी, चयापचय या मेटाबॉल्जिम को कम कर सकता है और वजन बढ़ सकता है। इसके शारीरिक प्रभाव से बचने के लिए, ओमेगा 3 के उचित सेवन को सुनिश्चित करना आवश्यक है।
त्वचा होती है प्रभावित
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी शरीर पर कई सतही प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे सूखा, खुजलीदार त्वचा, परतदार त्वचा, त्वचा या खरोंच आदि। पैचेस में त्वचा तैलीय भी हो सकती है, और किसी मोटे, ऊबड़ दिखने वाला लग सकता है।
कुछ मामलों में, उंगलियां दरार और पपड़ी आ सकती हैं। ओमेगा 3 की कमी वाले लोगों में रूसी और बाल झड़ने की शिकायत देखने को मिलती है। इसके अलावा इसकी कमी से नाखूनो भी प्रभावित होते हैं।
खराब ब्लड सर्कुलेशन
ओमेगा 3 फैटी एसिड में कमी खराब ब्लड सर्कुलेशन की कमी को जन्म देती है। इसमें व्यक्ति को थकान भी होती है। इसके अलावा तीव्र मासिक धर्म में ऐंठन और महावारी पूर्व स्तन में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें कुछ लोगों को अत्यधिक प्यास लगना और अधिक पेशाब का अनुभव हो सकता है।
आंखों में समस्या
ओमेगा 3 फैटी एसिड आंखों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैकुलर डिजनेशन, सूखी आंख सिंड्रोम और ग्लूकोमा आदि ओमेगा 3 का उचित सेवन करके संभावित रूप से इन तीन बीमारियों को रोका जा सकता है। यूरोप में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग मछली का तेल खाते हैं उनमें मैकुलर डिजनेशन की संभावना कम रहती है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोत
ओमेगा 3 फैटी एसिड सैल्मन और ट्यूना मछली, अलसी, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन, सूरजमुखी, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, अखरोट, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में पाई जाती है। गाय का दूध और अंडा भी ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छा स्रोत है।