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ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत, फायदे और नुकसान

ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत, फायदे या लाभ और नुकसान , omega 3 fatty acid ke srot, labh aur nuksan

शरीर को स्वस्थ तथा शारीरिक और मानसिक विकास रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड का होना बहुत ही जरूरी है। यह एक वसा है जिसका सेवन करने से हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और अल्जाइमर रोग में बहुत ही आराम मिलता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड से ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम होता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है।

क्या होता है ओमेगा-3 फैटी एसिड ?

ओमेगा-3 फैटी एसिड मानव शरीर के लिए एक ऐसी आवश्यक वसा (फैट) है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड न केवल हार्मोन्स निर्माण में मदद करती है बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी फैट है। मानव शरीर में मस्तिष्क और तंत्रिका समारोह को बनाए रखने के लिए और स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड का बहुत ही योगदान है

किन बीमारियों में काम आता है ओमेगा-3 फैटी एसिड ?

ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड टाइप 2 मधुमेह, अल्जाइमर रोग और उम्र से संबंधित मस्तिष्क की गिरावट से भी रक्षा कर सकते हैं।

इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होने देता। इसका नियमित सेवन जोड़ों में दर्द और पीठ दर्द में बहुत ही आराम देता है। यह न केवल बच्चों के नर्वस सिस्टम में लाभकारी है बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास में फायदेमंद है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के स्वास्थ्य में सुधार आ सकता है। अवसाद और चिंता से लड़ सकते हैं। अपने आहार में इसे शामिल करने से गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह मानसिक विकारों में भी सुधार लाता है। यह लिवर में फैट कम को कम करता है।

यदि शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड न हो तो अपचन की समस्या उत्पन हो सकती है। इसकी कमी की वजह से दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर, उच्च कॉलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और सूजन हो सकता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत ?

ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत

ओमेगा-3 फैटी एसिड मुख्य रूप से वसायुक्त मछली से आते हैं जैसे कि सैल्मन, मैकेरल और ट्यूना साथ ही अखरोट, सूखे मेवों और मूंगफली में बहुत ही पाए जाते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत अलसी, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन, सूरजमुखी, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गाय का दूध और अंडा भी ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड के नुकसान ?

वैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड सेहत के लिए बहुत ही उपयोगी है लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं इससे क्या नुकसान हो सकता है।
1. ओमेगा-3 फैटी एसिड का ज्यादा सेवन से शरीर की कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा जमा होने लगती है जिससे वजन बढ़ने लगता है।
2. इसका ज्यादा सेवन करने से पेट दर्द की समस्या हो सकती है। आपको मितली भी आ सकती है ।
3. असामान्य थकान या कमजोरी, छाती में जकड़न, तेजी से दिल धड़कना, निगलने में कठिनाई और खुजली या त्वचा लाल चकत्ते इसके नुकसान में शामिल है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले आहार

अखरोट

अखरोट

ओमेगा 3 के नुकसान के बाद अगर इसके आहार की बात करें तो अखरोट को ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसलिए अपने पसंदीदा व्यंजनों में अखरोट को शामिल कीजिए। अखरोट न केवल आपको कई तरह से लाभ प्रदान करता है बल्कि समय के साथ आपके वजन को सही बनाए रखने में भी मदद करता है।

ओमेगा 3 के अलावा अखरोट प्रोटीन कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन फास्फोरस, कॉपर, सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों का भी एक बेहतरीन स्रोत है।

सैल्मन

सैल्मन

मछली खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। विटामिन, मिनरल और कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूदगी के कारण मछली खाने से बॉडी को सभी आवश्यरक पोषक तत्व प्राप्ते होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। सैल्मन मछली न केवल विटामिन डी का समृद्ध स्रोत है बल्कि ओमेगा 3 फैटी एसिड, प्रोटीन और फॉस्फोरस का एक बड़ा स्रोत भी है।

ये फैटी एसिड सूजन को कम करने जैसे कई कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों में राहत प्रदान करता है। सैल्मन का सेवन प्रति सप्ताह दो या तीन बार जरूर करना चाहिए। यह दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप, एरिथिमिया और एम्बोलिज्म का खतरा कम कर सकता है।

सोयाबीन

बहुत से लोग नहीं जानते कि सोयाबीन ओमेगा -3 वसा में काफी समृद्ध है। सोयाबीन दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। वास्तव में, हल्के तरीके से पके हुए सोयाबीन के एक कटोरे में मछली की तुलना में अधिक ओमेगा -3 वसा होता है।

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