शरीर को उर्जा और ताकत देने के लिए दूध का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह न केवल हमारे मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि हमें अंदरूनी ताकत भी देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कच्चे दूध के नुकसान भी हैं।
अधिकांश लोगों के लिए दूध रोजाना आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दूध एक ऐसा डेयरी प्रोडक्ट है जिसे हर उम्र के लोगों को सेवन चाहिए। बच्चों को नियमित रूप से दूध का एक गिलास देना एक पुरानी परंपरा है। शरीर को ताजगी देने वाला दूध से कई तरह के प्रोडक्ट भी तैयार होते हैं जैसे, दही, घी और पनीर आदि। स्वास्थ्य और बॉडी की मजबूती के लिए ये डेयरी प्रोडक्ट भी बहुत ही गुणकारी हैं।
कच्चा दूध पीने के नुकसान
कई लोग दूध के फायदे को देखते हुए इसे कच्चे रूप में सेवन करते हैं। उन्हें लगता है कि इस तरह से दूध पीने से शरीर को ताकत मिलती है। हालंकि कच्चे दूध और पाश्चुरीकृत दूध के स्वास्थ्य लाभ को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। कच्चे दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज होते हैं। कच्चे दूध को भी विटामिन सी का एक स्रोत माना जाता है, जो पास्चराइज या पकाए जाने के बाद विटामिन खो जाता है।
लेकिन वैज्ञानिकों को कच्चे दूध के स्वास्थ्य लाभ के दावों पर विश्वास नहीं होता। कुछ लोगों का कहना है कि कच्चे दूध में स्वस्थ्य बैक्टिरिया पाए जाते हैं वहीं वैज्ञानिक इसे खतरनाक मानते हैं।
एक नए तरह के अध्ययन से पता चला है कि पाश्चुरीकृत दूध की तुलना में कच्चा दूध पीने से खाद्य जनित बीमारियों के होने का खतरा 100 गुना तक बढ़ सकता है। यह शोध जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ए लिवेबल फ्यूचर (सीएलएफ) में कार्यरत मुख्य शोधकर्त्ता बेंजामिन डेविस ने किया है। इसलिए कच्चा दूध पीने के नुकसान से प्रति आपको सजग रहना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि कच्चे दूध में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं, तो बच्चे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और व्यस्कों में खाद्यजनित बीमारियों का कारण बनते हैं। नए अध्ययन से पता चला है कि आमतौर पर दूध में पाया जाने वाला माइक्रोबियल में एशचेरीचिया कोली ओ157:एच7 के साथ संक्रमणकारी सालमोनेला, कैंपीलोबेक्टर और लिस्टेरिया पाया जाता है।
उधर हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि कच्चे दूध में पाश्चुरीकृत दूध के मुकाबले बीमारी का जोखिम 840 गुना बढ़ जाता है। आम तौर पर माना जाता है कि ताजा कच्चा दूध स्वास्थ्य के लिए सही माना जाता है और इसमें अधिक पोषक तत्व और ऊर्जा होती है। तथापि डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि कच्चे दूध में कई हानिकारक जीवाणु होते हैं, जो वास्तव में इसे उपभोग करने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
एसटीडी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में भी कहा गया है कि कच्चा दूध पीने से दस्त, उल्टी, ऐंठन, बुखार, और कभी-कभी अधिक गंभीर बीमारी जैसे कि किडनी फेलियर या मृत्यु शामिल है। रोग नियंत्रण और रोकथाम के केंद्र, संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुसार कच्चा दूध या उससे बने प्रोडक्ट गंभीर स्वास्थ्य जोखिम को पैदा कर सकता है। आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमरीका में कच्चा दूध बहस का एक गंभीर विषय है। वहां अधिकांश राज्यों ने कच्चे दूध की बिक्री और वितरण पर सख्त प्रतिबंध लगाया है।