‘हेल्थ इज़ वेल्थ’… यह तो आपने ज़रूर सुना होगा। जी हां, अगर हम स्वस्थ है तभी हम खुश रह सकते हैं और दिमाग से स्ट्रांग भी। हमेशा फिट और हिट रहने में हमारी मदद फाइबर निर्मित खाना ही कर सकता है। अगर आप वाकी अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखना चाहते हैं तो आज से ही अपनी डाइट में भारी मात्रा में फाइबर लेना शुरु कर दें।
फाइबर क्या है ?
बता दें कि फाइबर एक ऐसा न पचने वाला पदार्थ है, जो पौधे से कार्बोहाइड्रेट के रूप में निकाला जाता है। फाइबर दो प्रकार के होते हैं – एक घुलने वाला और एक न घुलने वाला। ध्यान रहें कि नाम से जाने जा रहे घुलने वाले फाइबर, पानी में मिल जाते है। वहीं, अगर आप अपने आहार में इस फाइबर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह पेट में जाकर जैल (गाढ़ा तरल पदार्थ) बन जाता है, जो फिर हमारे शरीर द्वारा अवशोषित अनावश्यक खाने के भाग को रोकने में मदद करता है।
फाइबर का महत्व
गांठ बांध ले कि फाइबर निर्मित खाना न सिर्फ आपके दिल को ही मज़बूत रखने में मदद करता है, बल्कि बल्ड प्रेशर को बढ़ने से और साथ ही स्ट्रोक को भी कम करने में भी काम आता है। वहीं, अगर आप अपने वज़न को एक समान बनाए रखने के लिए अपनी डाइट में फाइबर शामिल कर रहे हैं, तो यह आपके पेट को लंबे समय तक के लिए भरा रखने में बहुत लाभकारी साबित होगी और बल्ड शुगर लेवल को भी बनाए रखने में मदद करेगी।
जहां एक ओर घुलने वाला फाइबर शरीर में कोलेस्टेरॉल बनने से रोक देता है तो वहीं दूसरी ओर न घुलने वाला फाइबर लेने से आपका पेट आसानी से साफ हो जाने लगता है। ध्यान रहें कि अगर आप भूलकर भी अपनी डाइट में फाइबर को शामिल नहीं करते हैं तो इससे आपको कब्ज की भी परेशानी हो सकती है।
आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसा फाइबर निर्मित खाना, जिसे न आप सिर्फ एक नई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, बल्कि कई डिशिज़ भी बना सकते है।
फाइबर युक्त आहार – फाइबर वाले आहार
ओट्स हैं फाइबर से भरपूर
क्या आप जानते हैं कि फाइबर लेने का सबसे अच्छा तरीका है ओट्स। इसमें घुलने वाला और न घुलने वाला दोनों ही तरह का फाइबर मौजूद रहता है। बता दें कि यह सिर्फ नाश्ते में ही नहीं, बल्कि कई तरह से अपने आहार में भी आप शामिल कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इसके इस्तेमाल से आप ओट्स डोसा या उत्तपम भी बना सकते हैं।
यहां जानें – 100 ग्राम ओट्स में 1.7 ग्राम फाइबर होता है।
दाल में भी हैं खूब फाइबर
प्रोटीन की मात्रा भरपूर रखने वाली दाल में फाइबर भी होता है। वहीं, अगर कभी आपका मन सिर्फ दाल खाने का न करें, तो इसे आप चाहे तो सूप या सैलेड में भी डाल सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाने वाली दाल आपके एनर्जी लेवल को ज़ोर से बढ़ाती है और साथ ही इसकी पेट में पचने की क्रिया भी काफी धीरे होती है, जिससे आपकी एनर्जी लंबे समय तक के लिए बनी रहती है।
यहां जानें – 100 ग्राम उबली हुई दाल में 8 ग्राम फाइबर होता है।
फाइबर हैं फ्लेक्सीड में भी
यह बहुत कम लोग जानते हैं कि फ्लेक्सीड में पाए जाने वाली फाइबर की मात्रा हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक है। फ्लेक्सीड को आप स्मूदी के साथ या फिर नाश्ते के सीरियल के ऊपर भी डाल सकते हैं। जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है उन्हें डॉक्टर आसानी से पच जाने के लिए कई न्यूट्रीशनिस्ट, साबुत बीज की जगह पिसे हुए फ्लेक्सीड खाने की सलाह देते हैं।
वहीं, अगर आप साबुत फ्लेक्सीड का सेवन करते हैं, तो यह आपकी शरीर को पूरी तरह से अपने स्वास्थ्य संबंधित फायदे दिए बिना ही निकल जाते हैं। ध्यान रहें कि पिसे हुए फ्लेक्सीड को आप कुकीज़, मफ़िन, ब्रेड और आटे में भी मिला सकते हैं।
यहां जानें – 100 ग्राम फ्लेक्सीड में 27 ग्राम फाइबर होता है।
फलों में – सेब और नाशपाती में हैं भरपूर फाइबर
सेब और नाशपाती जैसे फलों में फाइबर की मात्रा भरपूर पाई जाती है। इन दो फलों को आप साबुत या फिर छोटे-छोटे पीस काटकर सैलेड के रूप में और ब्लेंडर में शेक बनाकर भी आप खा सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इन दो फलों को खाते समय इनका छिलका भूले से भी ना उतारे क्योंकि इसके छिलके में ही फाइबर की मात्रा मौजूद होती है। सेब के फायदे – अच्छी सेहत के लिये
यहां जानें – 100 ग्राम सेब में 2.4 ग्राम फाइबर होता है।
100 ग्राम नाशपाती में 3.1 ग्राम फाइबर होता है।
ब्रॉक्ली
विटामिन-सी के साथ ‘ब्रॉक्ली’ में कैल्शियम और फाइबर की मात्रा भी भारी मात्रा में पाई जाती है। जान लें कि आप अपने आहार में शामिल करने के लिए इसे सबसे पहले भाप में उबालकर या भूनकर भी आप खा सकते हैं। याद रहे कि इसके फाइबर और पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए आपने इसे गाढ़ा हरा रंग होने तक ही भूनना है।
यहां जानें – 100 ग्राम ब्रॉक्ली में 2.6 ग्राम फाइबर होता है।