भोजन के उचित पाचन के लिए हमें फाइबर की आवश्कता होती है, इसलिए आज जानेंगे फाइबर की कमी को दूर करने के उपाय । शरीर में फाइबर की कमी होने पर कब्ज की समस्या, बवासीर तथा रक्त में कोलेस्ट्रोल और शक्कर की मात्रा बढ़ जाने की समस्या आ जाती है। इसके साथ ही जब फाइबर की मात्रा शरीर में अधिक हो जाती है, इससे आतंडियों में परेशानी, दस्त, निर्जलीकर्ण की समस्या पैदा होने लगती है, इसलिए जो लोग फाइबर की मात्रा को बढ़ाते हैं, उन्हें साथ में पानी की मात्रा को भी बढ़ाना चाहिए फाइबर का सेवन करने से हम कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं, जैसे कि दिल की बीमारी, मधुमेह, मोटापा, कैंसर आदि। महिलाओं को दिन में 25 ग्राम और पुरुषों को 35 से 40 ग्राम रेशे की आवश्कता होती है, लेकिन हम पुरे दिन में केवल 15 ग्राम रेशे का ही सेवन कर पाते हैं।
फाइबर की कमी को दूर करने के उपाय
लो रेसिड्यू डाइट (कम अवशेषों आहार) के लिए आहार
ऐसे में आप को अपने खाने में बदलाव करने की आवश्कता है, इसका अर्थ यह नहीं की आप अपना मनपसन्द खाना खाना छोड़ दें। इसके लिए हमें किस प्रकार के आहार लेने चाहिए आज हम आपको बताते हैं ऐसे आहार जिनमे फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है ( Fiber Rich Foods in hindi ) :
मक्का का सेवन
मक्का एक ऐसा अनाज है, जिसमें एक बार खाने से कम से कम चार ग्राम फाइबर मिलता है, इसलिए फाइबर पाने के लिए अनाज में मक्का को चुनें।
दालें
अपने रोज के खाने में दालों का इस्तेमाल करें, क्योंकि दालों में उच्च फाइबर की मात्रा पाई जाती है जैसे राजमा और विभिन्न प्रकार की दालें आदि।
फल का सेवन
हमें फलों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। फलों को नाश्ते के रूप में लेना चाहिए, इसके साथ आप फलों के रस का सेवन सीमित मात्रा में करें। सेब और नाशपाती जैसे फलों को छिलके के समेत खाने से आप को फाइबर अधिक मात्रा में मिलता है।
हरी सब्जियों का सेवन
सब्जियां फाइबर का अच्छा स्रोत है, इसलिए हमें सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए जैसे कि मुली, पत्तागोभी, शलजम, आदि।
ब्राउन ब्रेड का इस्तेमाल
हमे गेहूं से बनी हुई ब्रेड या पास्ते का उपयोग करना चाहिए।
सूखे मेवे
सूखे मेवे का सेवन करना चाहिए। इसके साथ सलाद, दही का सेवन भी लाभकारी होता है।
ब्राउन राइस
फाइबर शरीर में मात्रा पाने के लिए हमें सामान्य चावल के स्थान पर ब्राउन राईस का इस्तेमाल करना चाहिए।
मटर का इस्तेमाल
हमें मटर का सेवन करना चाहिए, भले ही वो मटर कच्चे हो या उबाले हुए। एक कप मटर के दानों में 16.3 ग्राम रेशा मिलता है।
ओटमील
ओट्स में बीटा ग्लुकन पाया जाता है, जिसमें स्पेशल टाइप का फाइबर होता है, इसके द्वारा कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम किया जाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है और फाइबर की कमी को दूर किया जा सकता है।