मोटापा एक स्थिति है जिसे नियंत्रण में नहीं लाया गया तो आपको कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे स्थिति में आप ओवरवेट के शिकार हो सकते हैं। अगर आप मोटापे का सामना कर रहे हैं या आपका वजन ज्यादा है, तो आप दिल की बीमारी से लेकर किडनी रोग का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा मोटापा गठिया रोग और आपके लिवर को भी खराब कर सकता है। इसलिए व्यायाम और खानपान में बदलाव करके आप मोटापे को कम करने की कोशिश कीजिए।
यह तो बात हुई मोटापे की लेकिन वहीं दूसरी तरफ बात करे दूबलेपन की, तो यह भी एक बड़ी समस्या है। जो लोग सोच रहे हैं कि बहुत अधिक दूबले होकर फिट रह सकते हैं तो वह कहीं न कहीं धोखा खा रहे हैं। ऐसे स्थिति में आप अंडरवेट के शिकार हो सकते हैं। अगर आप दूबलेपन के शिकार हैं तो आप याददाश्त की बीमारी, थकान और हड्डियो का कमजोर होना आदि समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि कैसे पता किया जाए कि आप ओवरवेट हैं या फिर अंडरवेट। इसे मांपने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है उसे हम बीएमआई कहते हैं।
बीएमआई क्या है
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वजन मापने से संबंधित एक लोकप्रिय मेडिकल टर्म है। आमतौर पर लोगों को ये मालूम नहीं होता कि आदर्श रूप से उनका वजन कितना होना चाहिए। बीएमआई फॉर्मूले के तहत आप जान पाते हैं कि हाइट और वजन के हिसाब से आपको कितना वजन रखना चाहिए। यह वजन तय करने के लिए एक कारगार तरीका है।
अगर इसे आसान भाषा में कहे तो बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) हाईट और वजन के आधार पर शरीर में वसा का अनुमान लगाया जाता है। बीएमआई यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि किसी व्यक्ति का वजन स्वस्थ है या नहीं। उच्च बीएमआई शरीर में बहुत अधिक वसा का संकेत है, जबकि कम बीएमआई शरीर में बहुत कम वसा का संकेत देता है।
बीएमआई का इतिहास
बेल्जियम के सांख्यिकीविद् एडोल्फ क्वेटलेट ने 19वीं शताब्दी में बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई विकसित किया, जब उन्होंने देखा कि एक वयस्क का वजन आमतौर पर हाईट के अनुपात में बढ़ जाता है। 1970 के दशक में, शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर के अतिरिक्त वजन से हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में बीएमआई एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन उपकरण बन गया। बीएमआई वयस्कों के साथ ही बच्चों के लिए एक सामान्य स्वास्थ्य स्क्रीनिंग विधि है।
बीएमआई कैसे कैलक्यूलेट करें
सबसे पहले अपना वजन मांपे, फिर मीटर में अपनी हाईट देखें। कुल हाईट को मीटर में नोट करें और उसे 100 सेंटीमीटर से भाग कर दें। फॉर्मूले से बीएमआई को कैल्क्यूलेट करें। इसके बाद वजन किलोग्राम में हो और उसे मीटर में ऊंचाई से भाग कर दें।
उदाहरण के लिए: वजन- 57.4 किलो और हाइट 159 सेमी (1.59 मिटर)
बीएमआई कैल्क्यूलेशन के लिए- 57.4 ÷ (1.59 मिटर)2 = 22.4
अडल्ट में बीएमआई
18.5 से कम बीएमआई यानि अंडरवेट
19-24.9 के बीच बीएमआई यानि नॉरमल
25-29.9 से बीच बीएमआई यानि ओवरवेट
30 से ऊपर बीएमआई यानि मोटापे से ग्रस्तर
बच्चों में बीएमआई
5 से नीचे बीएमआई यानि अंडरवेट
5 से 85 के बीचबीएमआई यानि नॉरमल
85 से 95 से बीच बीएमआई यानि ओवरवेट
95 से ऊपर बीएमआई यानि मोटापे से ग्रस्तर
उच्च बीएमआई से क्या होता है
उच्च बीएमआई शरीर में अतिरिक्त वसा का लक्षण हो सकता है। अगर आपका बीएमआई सही नहीं है, तो आपको मधुमेह, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉुल, हार्ट डिजीज़ और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे स्वासस्य्रॉ जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
लो बीएमआई से क्या होता है
उधर बहुत कम बीएमआई हड्डियों और इम्यून फंक्शन को नुकसान और एनीमिया सहित स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बना सकता है।
पुरुषों और महिलाओं में बीएमआई
बीएमआई पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग होता है और इसे सौ प्रतिशत सही नहीं माना जा सकता है। इसमें पैमाने के लिए केवल वजन और ऊंचाई होते हैं जबकि बॉडी फैट कंटेट और मसल्स कंटेट नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में शरीर में वसा ज्यादा होता है, लेकिन बीएमआई एक समान होता है।