बहुत से लोगों को नींद में चलने की आदत होती है जिसे लोग एक बीमारी भी बोलते हैं। आज तक आपने नींद में चलने के कई नुकसानों के बारे में ही सुना होगा कि नींद में चलने से आपको कभी भी चोट पहुंच सकती है क्योंकि आप अपने होश में नहीं रहते हैं। वहीं, नींद में चलने से आप कहीं से कहीं पहुंच जाते हैं जो आपको कभी-कभी शर्मिंदा भी कर देता है।
आज हम आपको हैरान कर देने वाली खबर बताने जा रहे हैं कि नींद में चलने की बीमारी काफी फायदेमंद है… क्यों चौंक गए ना??? जी हां, नींद में चलने नामक बीमारी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है आइए बताते हैं कैसे –
नींद में चलने के 4 खास फायदे
1. मल्टी टास्किंग
अकसर लोग खुद को मल्टी टास्किंग बनाना चाहते हैं ताकि वह हर काम को बखूबी तरीके से कर पाए। वह लोग जो नींद में चलते हैं वह मल्टी टास्किंग होते हैं। दरअसल, नींद में चलने वालों की बॉडी मूवमेंट और वहीं बाकी लोगों के बॉडी मूवमेंट में काफी अंतर होता है जो नींद में चलने वालों को खास और अलग बनाने में मदद करता है।
2. दिमाग तेज़ी से काम करता है
जो लोग नींद में चलते हैं वह ना सिर्फ मल्टी टास्किंग में एक्सपर्ट होते हैं बल्कि वह काफी अच्छे तरीके से चल-फिर सकते हैं और साथ ही उनका दिमाग भी अलग-अलग दिशाओं में काफी तेजी से सोचते हुए काम करता है, जो उनको काफी ऊंचाई तक ले जाने में मदद करता है।
3. चुनौतियों का सामना करने की क्षमता ज्यादा
एक रिसर्च के मुताबिक नींद में चलने वाले लोगों और दूसरी ओर साधारण नींद लेने वाले लोगों को एक वर्चुअल टार्गेट की ओर चलने के लिए कहा गया, वहीं इस टेस्ट में पाया गया कि इस टास्क में जब कुछ चुनौतियां डाली गईं, तो दोनों ही तरह के लोगों के प्रदर्शन में काफी फर्क देखा गया।
4. डर से रहे कोसो दूर
नींद में चलने वाले लोग निडर होते हैं कंपैरिज़न उनके जो नॉर्मल लोग हैं। नींद में चलने वाले लोगों पर किसी भी चुनौतियों का खास फर्क नहीं पड़ता है और ऐसे लोग बड़ी आसानी से अपना टास्क पूरा कर लेते हैं।
कहीं आप हमारा यह आर्टिकल पढ़कर यह तो नहीं चाहने लगे कि काश आपको भी नींद में चलने की बीमारी होती। दरअसल यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक रिसर्च कह रही है।
रिसर्च करने वाले लोगों ने अपने रिसर्च में पाया है कि नींद में चलने वाले लोगों के साथ साधारण नींद लेने वाले लोगों को एक वर्चुअल टार्गेट की ओर चलने के लिए कहा। इस शोध में पाया गया कि इस टास्क में जब कुछ चुनौतियां डाली गईं तो दोनों तरह के लोगों के प्रदर्शन में काफी फर्क देखा गया।