गर्मी के दिनों में एक फल ऐसा है जो बहुत ही कम लोकप्रिय है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक है उस फल का बेल नाम है। इसे हम स्वदेशी फल के नाम से भी जानते हैं। हालांकि लोग अक्सर सवाल करते हैं कि बेल का शरबत कब पीना चाहिए।
दरअसल गर्मियां शुरू होते ही ज्यादातर लोगों का ध्यान नींबू पानी, जलजीरा, शिकंजी, आम का रस और खरबूज तथा तरबूज पर बहुत ही ज्यादा होता है। बहुत ही कम लोग है बेल का शरबत पीने में रूचि दिखाते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि इसका शरबत कब पीना चाहिए।
बेल का शरबत कब पीना चाहिए
बेल का शरबत गर्मी के मौसम में पीना बेहत ही फायदेमंद साबित होता है। आप इसे गर्मियों में लोगों को पीते हुए जरूर देखते होंगे। इसका शरबत या जूस गर्मियों आपको राहत देने का काम करता है। शरीर की गर्मी और प्यास को कम करने के लिए आप इसे लंच या डिनर के भोजन से पहले पी सकते हैं। यह हीट को कम करने के लिए सबसे अच्छा पेय है।
आपको बता दें कि बेल को भारतीय फल माना जाता है, हालांकि यह साउथ ईस्ट एशिया में भी उगाई जाती है। यह फल अंदर से पीला दिखता है जिसके अंदर बीज भी होता है। इसलिए जब भी आप इसका रस या जूस बनाए तो उसमें से बीज को बाहर निकाल दें। बेल को देश के अलग-अलग हिस्सों में पी जाती है जिसे अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। बंगाल में इसे बेल पन्ना के नाम से जानते हैं।
बेल का शरबत के फायदे
गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करे बेल का रस
बेल का जादुई रस गैस्ट्रिक अल्सर का निवारण कर सकता है, जो मुकोसा लेवल के असंतुलन या गैस्ट्रिक ट्रैक्ट में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होता है। इस रस में मौजूद फिनोलिक कंपाउंड गैस्ट्रिक अल्सर को कम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है।
दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव में सहायक
बेल का रस तैयार कर लीजिए और उसमें कुछ कुछ बूंदें घी की मिला दीजिए। इस पेय को हर रोज एक निश्चित मात्रा में लें। इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे स्ट्रोक और हार्ट अटैक से बचाव होता है। – दिल की बीमारी से बचें
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में करे
बेल का रस या शरबत कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में मदद करता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम करता है। इसके अलावा बेल का रस ट्राइग्लिसराइड्स, सीरम और ऊतक लिपिड प्रोफाइल को कंट्रोल करता है।
कब्ज की समस्या में दे राहत
बेल का रस कब्ज और पेट दर्द को कम करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है। नियमित रूप से बेल का रस पीने से गैस, कब्ज और अपच की समस्या में आराम मिलता है। इसमें आंतों को साफ और टोन करने के लिए गुण होते हैं। इसे नियमित रूप से 2-3 महीने तक पीने से पुरानी कब्ज की बीमारी कम हो जा जाती है।
डायरिया की समस्या में लाभकारी
आयुर्वेद में बेल के रस को दस्त और डायरिया में बहुत लाभकारी माना गया है। आप चाहें तो इसे गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर पी सकते हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है बेल का रस
बेल के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह आराम करने और सूजन वाले अंगों के लिए सकारात्मक परिणाम भी देता है। इसके अलावा बेल रस में रोगाणुरोधी गुण हैं। निकाले गए जूस का उपयोग फंगल और वायरल संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करे
बेल रस में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होते हैं। यह पेनक्रियाज को उत्तेजित करता है और उन्हें इंसुलिन के पर्याप्त उत्पादन में मदद करता है जो ब्लड में शुगर का स्तर नियंत्रित करता है। – ब्लड शुगर क्या है और कैसे करें इसकी जांच
खून साफ करने में सहायक
बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें। इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालें। इस पेय के नियमित सेवन से रक्त साफ हो जाता है। इसके अलावा बेल फल का रस अस्थमा या ठंड जैसी श्वसन समस्याओं का इलाज कर सकता है।