उपहार के रूप में कुदरत ने हमें कुछ ऐसी चीजें दी है जिसका यदि हम सही और समय पर इस्तेमाल करे तो हम पूरी जिंदगी स्वस्थ्य और खुशहाल रहेंगे। थूप भी प्रकृति का दिया हुआ एक ऐसा ही उपहार है। आज बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से हमारे शरीर को पर्याप्त धूप नहीं मिल पा रहा है जिससे हम विटामिन डी की कमी के शिकार होते जा रहे हैं।
कैलिफोर्निया के टॉरो विश्वविद्यालय ने 2017 में अध्ययन में पाया था कि दुनिया में बड़ी संख्या में लोगों ने बाहर समय बिताना छोड़ दिया है। अगर वे बाहर जाते भी हैं, तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। इसी वजह से विटामिन डी की कमी पाई जा रही है।
कैलिफोर्निया की शोध की माने तो इसमें पूरी तरह से सच्चाई दिखती है। क्योंकि लोग अपने काम में इस कदर व्यस्त हो चुके हैं कि वह चैन से कुदरत की दी हुई चीजों का आनंद भी नहीं ले पाते। आपको बता दें कि एसोचैम के मुताबिक 88 फीसदी दिल्लीवासी विटामिन डी की कमी से ग्रसित है।
लोग विटामिन डी की जरूरत को पूरा करने के लिए दवाओं पर निर्भर हो रहे हैं। जबकि कई शोध में दावा किया गया है कि विटामिन डी सप्लीमेंट लेने का कोई फायदा नहीं है। सप्लीमेंट लेने से हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा भी कम नहीं हो पाता और न ही इससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है। अगर पर्याप्त मात्रा में धूप और सही खानपान लिया जाए, तो यह कमी अपने आप ही दूर हो जाएगी।
अब जानते हैं कि जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो, तो किस तरह का लक्षण दिखाता है –
थकान महसूस करना, हड्डियों में दर्द, घाव का देर से भरना, बाल झड़ना, लंबी बीमारी, मांसपेशियों में दर्द, जल्दी से बीमार पड़ जाना और तनाव का होना आदि। ये सभी विटामिन डी के लक्षण हैं।
अब जानते हैं कि जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो तो कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है –
तो इसमें हड्डियों का बार—बार फ्रैक्चर होना, मोटापा बढ़ना, तनाव तथा अवसाद की स्थिति पैदा होना आदि बीमारी देखने को मिलती है। इसके अलावा अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी और कई तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। – विटामिन डी के स्रोत, लाभ और कमी के लक्षण
अब सवाल यह उठता है कि शरीर में विटामिन डी की कमी न हो, इसके लिए क्या किया जाएं। आइए हम आपको बताते हैं –
पहला – हर रोज कम से कम 20 या 30 मिनट धूप जरूर लें
दूसरा – दूध और उससे बने उत्पाद जैसे दही, पनीर आदि का सेवन कीजिए क्योंकि इनमें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होता है।
तीसरा – पालक जैसी हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन कीजिए। इसके अलावा अपने आहार में मशरूम को शामिल कीजिए।
चौथा – अंडे को जर्दी के साथ खाएं क्योंकि इसमें विटामिन डी उचित मात्रा में होता है।
पांचवा – सालमोन और टूना जैसी मछलियों में कैल्शियम के साथ विटामिन डी भी काफी होता है। इसलिए यदि आप मांसाहारी हैं तो इनका आप सेवन कर सकते हैं।
यदि आप अपना काम पूरी सक्रियता और जोश के साथ करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने शरीर को फिट कीजिए। विटामिन डी आपके शरीर की कई आवश्यकताओं को पूरा करता है, इसलिए इसकी कमीन होने दें।