थायराइड रोग एक चिकित्सा स्थिति है, जो थायराइड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित करती है। थायराइड के सबसे आम लक्षणों में थकान, कम ऊर्जा, वजन कम, ठंड, धीमा या बहुत तेज़ दिल की धडकन, शुष्क त्वचा और कब्ज या दस्त शामिल है। चिकित्सक परामर्श के अलावा आप योग और ध्यान से थायराइड रोग में राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 6 आसन के बारे में जो थायराइड रोग में आपके काम आ सकते हैं।
थायराइड रोग के लिए आसन – Yoga tips for Thyroid
- थायराइड में उपयोगी है सर्वांगासन योग
- मत्स्यासन योग
- हलासन योग थायराइड के लिए
- शीर्षासन योग
- सेतुबंधासन योग थायराइड के लिए
- थायराइड के लिए उपयोगी है भुजंगासन योग
#1 थायराइड में उपयोगी है सर्वांगासन
यह थायरॉयड ग्रंथियों को उत्तेजित करने और थायरॉक्सीन को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से थायराइड ग्रन्थि को गतिशील बनाने में सहायक मिलती है। जिन लोगों को दमा होता है उनके लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है। यह सबसे प्रभावी योग है। इससे पैर से सिर के क्षेत्र में ब्लड का प्रवाह होता है, इसलिए थायराइड का इलाज करने में मदद मिलती है।
सर्वांगासन कैसे करें
पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे से अपने पैरों को बिना मोड़े हुए ऊपर की तरफ उठाएं। फिर अपने पैरों और पीठ को 90 डिग्री तक उठाने का प्रयास करें। अपने हाथों की मदद से अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाएं। इस योग को करते हुए आपका मुंह आकाश की तरफ होना चाहिए और कुहनियाँ जमीन के साथ टिकी हुई होनी चाहिए।
इस आसन को अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही करें।
#2 मत्स्यासन
दिखने में यह आसन मछली की तरह लगता है इसलिए इसे हम मत्स्यासन के नाम से जानते हैं। मत्स्यासन आपके गर्दन को शक्ति देता है और थायरॉयड ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
यह आसन थायरॉयड रोगियों के लिए अनुकूल कोमल उपचार प्रदान करता है और तनाव स्तर को कम करता है तथा मांसपेशियों और जोड़ों की कठोरता को भी कम करता है। शरीर को आराम देने के लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी है। यह मूड स्विंग और अवसाद को रोकने में मदद करता है जो थायराइड के कारण होता है।
मत्स्यासन कैसे करें
पदासन में हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर तब तक झुकिये जब तक कि सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन से छूने न लगे। पैरों के अंगूठों को पकड़िये। कुहनियां जमीन से सटी रहे। दोनों हाथों की अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसा लीजिये और हथेलियां ऊपर की ओर करके दोनों हाथों को सिर के नीचे जमीन पर रखिये। सिर के पिछले भाग को हथेलियों पर आराम से टिकने दीजिये। अंतिम स्थिति में लम्बी व गहरी श्वास लीजिए।
ध्यान दीजिए!! घुटनों में दर्द, उच्च रक्तचाप, स्लिप डिस्क, ओर रीढ़ की समस्या होने पर इसे न करें।
#3 हलासन योग थायराइड के लिए
हलासन आसन गर्दन के लिए बहुत ही अच्छा व्यायाम है। इससे पेट और थायरॉयड ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं। यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव और थकान को भी दूर करता है। दिखने में यह हल की तरह है इसलिए इसे हलासन कहा जाता है। इस आसन को करने से हमारी पीठ, कमर, गर्दन मजबूत होते हैं।
थायराइड के लक्षण और घरेलू उपचार
हलासन कैसे करें
जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाकर रखें और अपनी हथेलियों को कमर के पास सटाकर रखें। इसके बाद श्वास को अंदर की ओर लेते हुए अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे करके उठाएं। सर्वांगासन की स्तिथि में आने के बाद अपने दोनों पैरों को अपने सिर के पीछे जमीन पर टिकने की कोशिश करें। कमर और पीठ को पीछे झुकाने के लिए आप हाथ का साहारा ले सकते हैं। ध्यान रहे इस आसन करते समय घुटनों को मोड़ना नहीं चाहिए।
#4 शीर्षासन
शीर्षासन एक बेहतरीन योग मुद्राओं में से एक है, क्योंकि यह सीधे थायरॉयड ग्रंथियों पर कार्य करने में सहायक है। यह मेटाबॉलिज्म संतुलित करने में सहायता करता है और शरीर में जागरूकता और सतर्कता लाता है।
शीर्षासन कैसे करें
सबसे पहले समतल स्थान पर कंबल या चटाई आदि बिछाकर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। दोनों हाथों की उंगलियों को फंसाकर आपस में जोड़ लें। अब सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें और उसे जमा दें। सिर को जमीन पर टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर छोड़ते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें। इसके बाद शरीर का भार सिर पर लें। एक पैर उठाने के बाद दूसरा उठाइए। इसके बाद शरीर को सीधा कर लें। जिस व्यक्ति को ब्लड प्रेशर की शिकायत है या दिल की बीमारी हो वह इस आसन को हरगिज ना करें।
#5 सेतुबंधासन थायराइड के लिए
यदि आप सेतुबंधासन को करने में सक्षम होते हैं, तो आप अपनी गर्दन की शक्ति को बढ़ा सकते हैं। इस आसन के करने से थायराइड ग्रंथियों को सक्रिय करने में मदद मिलती है। यह मस्तिष्क को शांत करने, चिंता को दूर करने और पाचन तंत्र में सुधार करने में मददगार है। यह योगासन आपके फेफड़े और सीने को खोलने में मदद करता है।
सेतुबंधासन कैसे करें
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाइए और पैरों को एक दूसरे मिला लें। इसके बाद धीरे-धीरे घुटना, पीठ के निचले, मध्य और फिर सबसे ऊपरी हिस्से को जमीन से उठाएं। इस अवस्था में आप कुछ मिनट तक रहें फिर वापस अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएं।
#6 थायराइड के लिए उपयोगी है भुजंगासन
इस आसन या मुद्रा के दौरान, शरीर को बहुत अधिक कंप्रेसिंग और स्ट्रेचिंग मिलती जो थायराइड ग्रंथियों को विनियमित करने में मदद करता है। इस आसन के करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार देखने को मिलता है। इसके अलावा पीठ और कंधे को मजबूत करता है और उसे लचीलापन बनाता है। इसके अलावा यह तनाव और थकान को कम करता है।
भुजंगासन कैसे करें
पेट के बल लेट जाइये तथा पैरों को सीधा व लम्बा फैला दीजिये। हथेलियों को कन्धों के नीचे जमीन पर रखिये तथा सिर को जमीन से छूने दीजिये। धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे की ओर ले जा सकें, ले जाइये। हाथों की सहायता के बिना कन्धों को केवल पीठ के सहारे ऊपर उठाने का प्रयत्न करना चाहिये। यह आसन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पीठ पर विशेष तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़ने पड़े।