सोरायसिस किसी भी उम्र से शुरू हो सकता है। सोरायसिस एक पुरानी, इंफ्लेमेटेरी त्वचा रोग है। प्लाक सोरायसिस सबसे आम सोरायसिस है। इसके अलावा सोरायसिस वाले लोगों में मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग अधिक आम हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सोरायसिस क्या है।
सोरायसिस क्या है – What is Psoriasis
सोरायसिस जिसे हम छालरोग भी कहते हैं, चमड़ी पर होने वाला एक ऐसा रोग है जिसमें त्वचा पर एक मोटी परत जम जाती है। सोरायसिस एक पुरानी ऑटोइम्यून स्थिति है, जो त्वचा कोशिकाओं के तेजी से निर्माण का कारण बनती है। कोशिकाओं का निर्माण के कारण त्वचा की सतह पर स्केलिंग करता है। इसमें सूजन और लालिमा काफी आम है। यह हमारी त्वचा पर लाल रंग की सतह के रूप में उभरकर आती है और स्कैल्प हाथ-पांव अथवा हाथ की हथेलियों, पांव के तलवों, कोहनी, घुटनों और पीठ पर अधिक होती है।
सोरायसिस एक फैली हुई त्वचा उत्पादन प्रक्रिया का नतीजा है। आमतौर पर, त्वचा की कोशिकाएं त्वचा में गहरी बढ़ती हैं और धीरे-धीरे सतह तक बढ़ जाती हैं। यह नाखून, मुंह, और जननांगों के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।
हालांकि यह रोग केवल 1-2 प्रतिशत लोगों में ही पाया जाता है। भारत में भी कुल जनसंख्या में से लगभग 1 फीसदी लोग सोरायसिस से पीडि़त हैं। यह रोग आनु्वंशिक भी हो सकता है। इसके अलावा इसके होने के लिए पर्यावरण भी एक बड़ा कारण माना जाता है। यह आमतौर पर कई अन्य स्थितियों से जुड़ा है, जिसमें टाइप 2 मधुमेह, सूजन आंत्र रोग, हृदय रोग और सोरियाटिक गठिया शामिल हैं। सर्दियों के मौसम में यह बीमारी ज्यादा होती है।
सोरायसिस के प्रकार
प्लाक सोरायसिस
यह सबसे सामान्य प्रकार का छालरोग या सोरायसिस होता है। यह त्वचा के क्षेत्रों को कवर करने वाले लाल, सूखा पैच के कारण बनता है। यह प्लाक आमतौर पर कोहनी, घुटनों, और खोपड़ी पर पाए जाते हैं।
गुट्टेट सोरायसिस
गुट्टेट सोरायसिस बचपन में आम है। इस प्रकार के छालरोग छोटे गुलाबी स्पॉट का कारण बनता है। गुट्टेट सोरायसिस हाथ और पैरों में देखे जा सकते हैं।
पुष्ठिक सोरायसिस
पुष्ठिक सोरायसिस वयस्कों में अधिक आम है। यह सफेद, मवाद से भरे छाले और लाल, सूजन त्वचा के व्यापक क्षेत्र का कारण बनता है। पुष्ठिक सोरायसिस आम तौर पर शरीर के छोटे क्षेत्रों जैसे कि हाथों या पैरों में स्थानांतरित होता है, लेकिन यह व्यापक हो सकता है।
इनवर्स सोरायसिस
इनवर्स सोरायसिस लाल, चमकदार, त्वचा के सूजन के ब्राइट एरिया के कारण बनता है। इनवर्स सोरायसिस के पैचेस बगल या छाती के नीचे विकसित होते हैं।
एरीथ्रोडर्मिक सोरायसिस
इस प्रकार के सोरायसिस अक्सर एक बार शरीर के बड़े हिस्से को कवर करते हैं और बहुत दुर्लभ हैं।
सोरायसिस के लक्षण
सोरायसिस के लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में भिन्न होते हैं और सोरायसिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। वैसे आप सोरायसिस रोग के लक्षणों को आराम से पहचान सकते हैं। जब आपकी त्वचा पर छिल्केदार, लाल-लाल पपडि़या सी जमने लगे तो यही रोग सोरायसिस है। इस रोग की पहचान है कि यह त्वचा के किसी एक हिस्से से शुरू होता है और बाद में बढ़कर फैल जाता है। इसके आम लक्षणों में शामिल है। त्वचा की देखभाल के 7 घरेलू उपाय
- त्वचा की लाल और सूजा हुआ पैच
- शुष्क त्वचा जो दरार और खून हो सकता है
- पैच के आसपास दर्द
- पैच के आसपास उत्तेजना
- मोटी, खड़ी नाखून
- दर्दनाक और सूजा हुआ जोड़
सोरायसिस का उपचार भी संभव है, लेकिन सबसे पहली उसकी पहचान होना और लक्षणों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। वैसे हर व्यक्ति को इन सभी लक्षणों का अनुभव नहीं होगा और जिन्हें लक्षणों का अनुभव होगा उनकी हालत कुछ दिनों के लिए गंभीर हो सकती है। सोरायसिस रोग का उपचार संभव है लेकिन इसको पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। कई बार इस रोग से पीडि़त रोगी स्वंय ही ठीक हो जाते हैं।