ज्यादातर लोग की त्वचा मुंहासे विकसित करती हैं, लेकिन यह मुख्यतः हार्मोनल परिवर्तन से गुजर रहे सभी किशोरों को प्रभावित करता है। मुंहासे, आमतौर पर त्वचा पर उपस्थित तेल ग्रंथियों की अतिक्रियाशीलता के परिणामस्वरूप त्वचा की सूजन जैसे प्रतीत होते है। यह सूजन होने वाले स्थान पर एक दाने का रूप ले सकता है, जिसमें मवाद, वाइटहेड्स या ब्लैकहैड्स हो सकते हैं। मुहांसों के संभावित कारण और परिस्थितियां निम्नलिखित हैं।
मुंहासों के कारण और परिस्थितियां
रोसेसिया
रोसेसिया को अक्सर वयस्क मुंहासे भी कहा जाता है और यह चेहरे की फुंसियों के केंद्र भागों में लाली का कारण बनता है। इससे त्वचा सूज सकती है और गर्म महसूस करती है। इससे आंखों में सूजन हो सकती है और त्वचा दर्दनाक हो सकती है। रोसैसिया के उपचार के लिए एंटी-बायोटिक लोशन या जैल भी मदद कर सकते हैं। कभी-कभी, आपको एंटी-बायोटिक गोलियां लेने या लेजर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल बीमारी है, जिसके कारण कुछ महिलाओं में रक्त में ग्लूकोस और इंसुलिन के स्तर उच्च हो जाते हैं। उच्च स्तर के इंसुलिन महिला-अंडाशय में एण्ड्रोजन, जैसे टेस्टोस्टेरोन, का उत्पादन बढ़ा सकता हैं। इस हार्मोनल असंतुलन के कारण अत्यधिक मुंहासे विकसित करने में योगदान देता है।
यदि आपको पीसीओएस है, तो एस्ट्रोजेन का उच्च स्तर, त्वचा पर तेल उत्पादन ग्रंथियों के आकार को बढ़ा सकता है, जिससे गंभीर मुंहासे में वृद्धि हो सकती है। पीसीओएस के साथ महिलाओं के लिए स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करना अधिक ठिन बना सकता है, और कुछ महिलाओं को गर्भपात का अधिक खतरा भी हो सकता है। लगभग 29 फीसदी महिलाओं में पीसीओएस के सामान्य लक्षण उदासी, चिंता और अवसाद हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस विकार (अत्यधिक पसीना)
सामान्य तया शरीर से पसीना आने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। लेकिन यदि आप हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी से ग्रस्तन हैं तो सर्दियों में भी आपकी हथेलियों और तलवों से पसीना आएगा। हाइपरहाइड्रोसिस से ग्रस्ति लोगों में पसीने की ग्रंथि बहुत अधिक सक्रिय होती है। हाइपरहाइड्रोसिस दो भागों में बंटा है – प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस में कोई कारण नज़र नहीं आता और बेवजह पसीना बहता है। वहीं दूसरी तरफ सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस में पसीना निकलने के बहुत सारे कारण सामने आ सकते हैं, जैसे – डायबिटीज, मेनोपॉज या हाइपरथायराइडिज्म।
कुशिंग सिंड्रोम
कुशिंग सिंड्रोम का कारण लंबे समय तक कोर्टिसोल के संपर्क के लक्षणों का एक संग्रह है। इसके चिन्ह और लक्षणों में उच्च रक्तचाप, त्वचा पर लाल खिंचाव के निशान, एक गोल और लाल चेहरा, मुंहासे, और फटी हुई त्वचा शामिल हैं। इसमें महिलाओं में अनियमित माहवारी हो सकती है। कुशिंग का सिंड्रोम अत्यधिक कॉर्टिसोल जैसी दवा के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है।
पीएमएस (प्रीमेन्स्ट्रल सिंड्रोम)
अधिकांश औरतों में 45-55 वर्ष की आयु में मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने को रजोनिवृत्ति कहते हैं। यह एक प्राकृतिक अवस्था है और मीनोपॉज होने पर महिलाओं को कई हार्मोन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, कई बार ये समस्याएं बहुत कष्टदायक होती हैं।
महिलाओं में अत्यधिक या अनचाहे बाल
महिला के चेहरे पर असामान्य बालों की वृद्धि को हिर्सुटिज़्म भी कहा जाता है। यह ऐसी स्थिति है जहां महिलाओं के शरीर और चेहरे में अनावश्यक और अवांछित बाल पैदा हो जाते हैं। हिर्सुटिज़्म में हार्मोनल असंतुलन का सबसे आम कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और एड्रेनल ग्लैंड विकार है। इसके अलावा अन्य छोटे कारण भी हैं जो अवांछित चेहरे के बाल के विकास में योगदान करते हैं, जैसे गर्भ- निरोधक गोलियां अक्सर एण्ड्रोजन स्तर पर एक प्रभाव डालती हैं।