घुटना शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जो आपके पूरे शरीर को स्थिरता प्रदान करता है। पैदल चलने, दौड़ने, झुकने, कूदने और आसानी से चारों ओर घूमने में मदद करते हैं। इस प्रकार अपने घुटनों को मजबूत और स्वस्थ रखना आवश्यक है। उम्र बढ़ने के साथ घुटनों की गति कम हो जाती है, लेकिन आजकल किसी भी उम्र के लोगों को घुटनों की समस्या हो सकती है। कमजोर घुटने आपकी गतिशीलता को प्रभावित करते हैं और रोज़ के काम जैसे बक्से उठाना या सीढ़ियां चढ़ना-उतरना आपके लिए मुश्किल बनाते हैं।
पोषण की कमी, अतिरिक्त सोडियम का सेवन, धूम्रपान या शराब पीना और किसी चोट के परिणामस्वरूप घुटने कमजोर हो सकते है। यह घुटने में ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण भी होता है। आइये आपके घुटनों को स्वस्थ रखने के 8 तरीकों पर चर्चा करें।
घुटने की समस्या को दूर करने 8 तरीके
घुटने की समस्या पर वजन को कम करें
बड़े काम जैसे, सीढिया चढ़ना, घूमना या जॉगिंग करने के लिए घुटनों पर दबाव बढ़ता है। इसलिए कुछ अतिरिक्त वजन कम करने से आपके घुटनों पर थोड़ा दबाव कम होता है। आहार आपके शरीर के वजन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस प्रकार वजन कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में आपके आहार में अतिरिक्त कैलोरी और वसा को कम करना है।
अपना खेल चुनें
आप कुछ अच्छे और हल्के खेल खेलने से भी अपने घुटनों का स्वस्थ रख सकते हैं जैसे तैरना, किश्ती चलाना आदि।
बर्फ लगाएं
बर्फ एक प्राकृतिक दर्द निवारक है और यह दर्द को ठीक करती है, जिससे सूजन कम होता है। यदि आपके घुटने में दर्द है, तो एक ठंडा पैक या बर्फ एक तौलिये में लपेटें और दर्द वाले घुटने पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक घुटने पर छोड़ दें। बर्फ को कभी भी सीधे आपकी त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए।
कूल्हों और घुटनों को घुमाने से बचें
आपको अपने घुटनों की गति पर ध्यान देना अतिआवश्यक है। कभी-कभी एकदम से घुटनों को मोड़ने या दिशा बदलते हुए एकदम से मुड़ने से बचना चाहिए। ऐसा करने से जोड़ों पर दबाव बढ़ता है जिससे कार्टिलेज में नुकसान होता है और घुटनों का दर्द होता है।
घुटने के दर्द को दूर करने के लिये कसरत करें
व्यायाम घुटने के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह कार्टिलेज को ठीक और स्वस्थ रखने में मदद करता है। शरीर में अन्य ऊतकों के विपरीत, कार्टिलेज में पोषक तत्वों को ले जाने वाली रक्त वाहिकाएं नहीं होती है। तो घुटने की गति अच्छे व्यायाम और स्वस्थ कार्टिलेज पर निर्भर करती है। अपना पसंदीदा व्यायाम चुनें और एक दिन में 30 मिनट तक इसे करें।
ऊपर और नीचे होते समय सावधान रहें
कुछ शारीरिक गतिविधियां जैसे सीढियां चढ़ना या उतरना, भार उठाना, कसरत में उठते और बैठते समय भी आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इन सभी अवस्थाओं में शरीर का भार घुटनों केजोड़ों पर सबसे ज्यादा पड़ता है और किसी भी प्रकार का अनियंत्रण घुटनों में दर्द का कारण बनता है।
एक जैसा काम न करें
कभी-कभी एक जैसा काम करते हुए भी शरीर के घुटनों और जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि कई लोगों का उनके कार्यस्थल पर लगातार खड़े रहना भी उनके घुटनों में दर्द और सूजन की समस्याएं उत्पन्न करता है। इस प्रकार उन लोगों को अपने काम में थोड़े-थोड़े समय के बाद बैठ कर विराम लेना आवश्यक है।
घुटने के दर्द को कम करने के लिए अपने आप को सहारा दें
बढ़ती उम्र के साथ घुटनों की समस्याएं भी बढ़ने लगती है और सूजन नहीं करती है। उस समय आपका चिकित्सक आपके घुटनों को ढककर रखने या ब्रेसेस की सलाह देता है। यह ब्रेसेस चोट में बचाव के अलावा आपके घुटने को अतिरिक्त पकड़ देते हैं जिससे घुटनों की अस्थिरता में कमी आती है।