पपीते के पत्तों की याद सबसे ज्यादा तब आती है जब कोई डेंगू बीमारी का शिकार हो जाता है। हर साल डेंगू बीमारी लोगों पर कहर बरपाता है। खासकर दिल्ली जैसे शहरों में जहां बारिश के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया के केस बढ़ते दिखाई देते हैं। यह बीमारी इतनी बड़ी है कि इसका असर शासन-प्रशासन पर बड़े पैमाने पर पड़ता है। यह एक जानलेवा बीमारी है इसलिए डेंगू में परहेज जानना आवश्यक हो जाता है।
डेंगू और चिकनगुनियां का बुखार इतना जटिल होता है कि कई बार हम पहचान नहीं कर पाते कि रोगी को चिकगुनिया की बुखार है या डेंगू बुखार या फिर सामान्य बुखार। डेंगू से हुई मौतों को देखते हुए हर बार स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों का जायजा लेता है, लेकिन वह हर बार असफल रहता है।
आज हम इस लेख में बताएंगे कि डेंगू में परहेज, किन चीजों का करना चाहिए परहेज।
डेंगू में परहेज
#1 तली भुनी चीजों से दुरी
बुखार होने पर हमें तेल या घी में बनी हुई वस्तुओं से दुरी बना कर रखनी चाहिए। ऐसी चीजें न केवल पाचन में रुकावट पैदा करती है बल्कि डेंगू जैसी बीमारी में भी इसे परहेज करना चाहिए। आपको बता दें कि डेंगू के एक लक्षण में यह भी होता है कि इससे पेट में कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर रहता है। तली हुई चीजों की जगह आप हेल्दी ड्राई फ्रुट या फलों का सेवन कर सकते हैं।
#2 मसालेदार भोजन
कई लोग मसालेदार भोजन लेना पसंद करते हैं। यह सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदेह है। डेंगू बीमारी में मसालेदार भोजन करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इस तरह के भोजन डेंगू बीमारी के सुधार में रुकावट पैदा हो सकती है। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्राणाली कम हो जाती है। इसलिए हमारी सलाह है कि आप मसालेदार भोजन को खुद से दूर रखें।
#3 खुले बदन न रहें
डेंगू बीमारी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने को पूरी तरह से ढक लें। इससे आप मच्छरों के काटने से खुद का बचाव कर सकते हैं। ऐसे में आप पूरी बाजू की सर्ट, हाफ पैंट न पहनकर पूरे पैर का पैंट और जूते तथा जुराबे पहन सकते हैं।
#4 खुद इलाज न करें डॉक्टर से जांच कराएं
अक्सर देखा गया है कि डेंगू बीमारी में लोग खुद ही इलाज करना शुरू कर देते हैं। इससे मरीज अपनी परेशानी को और बढ़ा देता है। जब भी डेंगू या चिकनगुनिया की बीमारी हो तो खुद ही इलाज न करके सही डॉक्टर से सलाह लें। उन्हीं की बताई हुई दवाईयों या उपचारों को अपनाएं।