अक्सर वयस्कों में बवासीर या मलाशय या गुदा द्वार में सूजन का अनुभव होता है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं, लेकिन इसमें गले में दर्द और खुजली, दर्दनाक मल त्याग की समस्या और मल से खून आना इसके लक्षणों में शामिल है। अगर इसके कारणों की बात की जाए तो आहार में फाइबर की कमी, मोटापा, पुरानी पाचन समस्या और परिवार का इतिहास आदि है।
यदि इसके लक्षणों की बात की जाए तो गुदा द्वार के आसपास चरम खुजली, जलन, गुदा द्वार के आसपास दर्द, खुजली या दर्दनाक गांठ या गुदा द्वार के पास सूजन, रिसाव और दर्दनाक मल त्याग आदि इसके लक्षण है। दवाएं और आहार में परिवर्तन करके लक्षणों को रोकने या कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन्हीं आहारों के बारे में।
बवासीर से बचने के लिए आहार
1. दही
भारत में चिरकाल से ही दही की महत्ता को स्वीकार किया गया है। दही न केवल धार्मिक कार्यों में महत्व रखती है बल्कि इसे सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। यह पेट की परेशानियों को दूर करने के अलावा बवासीर रोग में बहुत ही गुणकारी है। दही प्रोबायोटिक्स प्रदान करते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य और इम्यून फंक्शन को बढ़ावा देते हैं। मैरीलैंड मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के मुताबिक प्रोबायोटिक्स बवासीर को रोकने या उसका इलाज करने में मदद कर सकता है। यह डिहाइड्रेशन को दूर करने और मल त्याग को आसान बना सकता है।
2. फल और सब्जियां
खुद को सेहतमंद रखने के लिए लोग अक्सर फल और सब्जियां खाना ज्याकदा पसंद करते हैं। फल और सब्जियां बहुमूल्य पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायता करती हैं, जो कि कब्ज को आसान बनाने में मदद कर सकती हैं। फाइबर से समृद्ध खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियां मल त्याग को आसान बनाते हैं तथा तनाव और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
केला, संतरा, सेव, तरबूज, अमरूद, चीकू और खरबूजा बहुत ही पौष्टिक फल है। ये फल हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते और काफी हेल्दी भी होते हैं। इसमें मटर, ब्रोकोली, गहरे पत्तेदार साग और सेम आपके लिए लाभकारी सब्जियां हैं।
3. साबुत अनाज
छिलके के साथ साबुत फल, दालें और हरी सब्जियां सभी अच्छी कार्बोहाइड्रेट का स्रोत हैं, क्योंकि इनमें काफी मात्रा में फाइबर, विटामिन और मिनरल होते हैं, जो कि शुगर के स्तर को सही रखने में सहायता करते हैं। चूंकि साबुत अनाज में सभी पौष्टिक तत्व होते हैं। यह हमें फाइबर, प्रोटीन और माइक्रो न्यूट्रिएंट तत्व प्रदान करते हैं। बवासीर की समस्या में इसका सेवन करना चाहिए।
4. पानी का सेवन
बवासीर के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए। लोगों को कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए। इसके अलावा उन्हें इन फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए जिनके शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं है। इसके अलावा सुबह उठकर पानी पीने से मेटाबॉलिज्म सक्रिय हो जाता है तथा सुबह उठकर खाली पेट जो लोग पानी पीते हैं उन्हें कब्ज की समस्या नहीं रहती है।