अस्थमा

दमा कैसे होता है, क्या मछली से दमा का इलाज है संभव

दमा कैसे होता है, क्या मछली से दमा का इलाज है संभव

अस्थमा फेफड़ों के वायुमार्गों की एक सूजन से संबंधित बीमारी है। इसमें व्यक्ति को न केवल सांस लेने में दिक्क्त आती है बल्कि कुछ शारीरिक गतिविधियां करने में भी कठिनाई आती है।

दमा या अस्थमा के इलाज को हम तीन श्रेणियों में बांट सकते हैं जिसमें ब्रीथिंग एक्सरसाइज, बचाव या प्राथमिक चिकित्सा उपचार, और दीर्घकालिक अस्थमा नियंत्रण दवा शामिल है। इसके अलावा मछली से दमा का इलाज करना संभव है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि हैदराबाद में हजारों की तादाद में अपना इलाज कराने वाले लोग कहते हैं।

आपको बता दें कि हैदराबाद का बाथिनी परिवार मछली द्वारा दमा या अस्थमा का उपचार पुश्तैनी तरीके से करता आ रहा है। आपको बता दें कि इस उपचार को लेने के लिए देशभर से हजारों लोग यहां पहुंचते हैं और सभी घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि बकायदा मौके पर पुलिस और प्रशासन की तैनाती की जाती है ताकि भीड़ पर काबू किया जा सके।

आपको बता दें कि यह परंपरा 160 से चली आ रही है और बत्तिनी गौड़ परिवार के लोग प्रसाद के रूप में लोगों को मछली खिलाते हैं। अस्थमा की यह पारंपरिक दवा मानसून आने के बाद दिया जाता है। इसके लिए मरीज को अपने साथ मुरैल प्रजाति की दो इंच बड़ी मछली लेकर आना है। मछली के मूंह में एक विशेष प्रकार का प्राकृतिक लेप लगाकर मरीज को वह मछली निगलनी पड़ती है।

बत्तिनी फैमिली का दावा है कि मछली रोगियों के पेट में पहुंचकर अस्थमा की बीमारी को ठीक करती है। हालांकि अस्थमा ठीक करने को लेकर बत्तिनी परिवार के इस दावों को ज्यादातर वैज्ञानिक और डॉक्टर सिरे से नकार चुके हैं। इनका आरोप है कि लोगों को केवल गुमराह किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद लोगों में इस प्रसाद को लेकर लेने की होड़ मची है।

दमा कैसे होता है

दमा कैसे होता है

वैसे अस्थमा के लिए कोई भी कारण पहचाना नहीं गया है। हालांकि शोधकर्ता मानते हैं कि श्वास की स्थिति विभिन्न (breathing condition) कारकों के कारण होती है। आइए उन्हीं कारकों के बारे में जानते हैं।

1. यदि आपके माता-पिता में से किसी को दमा है तो आप भी इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
2. जो व्यक्ति बचपन से वायरल इंफेक्शन की समस्या से जुझ रहा है, संभव है कि उसे अस्थमा हो सकता है।
3. संभावित एलर्जी और परेशानियों के साथ लगातार संपर्क में आना अस्थमा के विकास के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

दमा कैसे करता है ट्रिगर

दमा कैसे करता है ट्रिगर

1. फ्लू और निमोनिया जैसी श्वसन बीमारियां अस्थमा को ट्रिगर कर सकती हैं।
2. ज्यादा एक्सरसाइज करने से भी अस्थमा ट्रिगर हो सकती है। 3. अगर आपको अस्थमा या दमा है तो आपको केमिकल धुएं, स्ट्रॉग गंध और स्मोक से बचना चाहिए, क्योंकि यह अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है
4. आपको परागकणों, पशुओं, धूल और गंदगी से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
5. बहुत अधिक ह्यूमिडिटी या कम तापमान जैसी स्थितियां अस्थमा को ट्रिगर कर सकती हैं।
6. हंसते हुए, चिल्लाते हुए या फिर रोते हुए भी अस्थमा ट्रिगर हो सकता है।

दमा के लक्षण

दमा के लक्षण

  • खांसी, विशेष रूप से रात में, हंसते समय, या व्यायाम के दौरान
  • सांस लेने पर सीटी की आवाज
  • चेस्ट का टाइट होना
  • सांसों में कमी
  • थकान
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