जिस तरह शहरों में जनसंख्या बढ़ रही है, उसी हिसाब से अस्थमा रोगियों की भी संख्या बढ़ रही है, हम जानेंगे अस्थमा रोगी के लिए गुणकारी योगासन। शहर में बढ़ते प्रदूषण, स्मॉग की वजह से अस्थमा रोगी बहुत ही जल्दी डॉक्टरों के मेहमान बन चुके हैं। अर्थात शहरों में अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह गाड़ियों और कारखानों से निकलने वाले धुएं हैं। इसके अलावा धूल और मिट्टी भी आपकी सांस की तकलीफ को बढ़ाने में मददगार है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि दुनियाभर में करीब 30 करोड़ लोग दमे की बीमारी से पीड़ित हैं।
अस्थमा से जो लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं वह बच्चे और बुढ़े हैं। इसलिए आजकल बच्चों को इससे दूर रखने के लिए छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिलाया जाता है। उन्हें बताया जाता है कि मात्र पेड़- पौधे से कई तरह के रोगों को दूर किया जा सकता है। उसमें अस्थमा भी शामिल है। अब तक आपको यह समझ में आ चुका होगा कि अस्थमा एक लंग अर्थात फेफड़े से संबंधित बीमारी है।
अस्थमा के लक्षण
बार-बार होने वाली घरघराहट, सांस फूलनी की बीमारी, सांस लेने में होने वाली तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी से अस्थमा को पहचाना जा सकता है। अस्थमा का रोगी धूल मिट्टी, धुवां या ज्यादा कोल्ड वातावरण बर्दाश्त नहीं कर सकता। जिस जगह ऑक्सिजन की थोड़ी भी कमी हो वह जगह अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है।
इसलिए यदि आपको इससे छुटकारा पाना है या इसको कम करना है तो आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। योग में कुछ खास यौगिक क्रियाएं ऐसी भी हैं, जो की इस रोग को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। यह बात शोध में भी माना गया है कि जो लोग योग करते हैं उन्हें दमा रोग से राहत मिलती है, तो आइये विस्तार में जाने अस्थमा में लाभकारी योग आसनो के बारे में :
- भुजंगासन
भुजंगासन योग को हम सर्प आसन भी कहते हैं। भुजंग का अर्थ होता है सांप। जिस प्रकार सर्प का शरीर लचीला होता है, उसी प्रकार यह आसन शरीर को लचीला और फुर्तीला बनाये रखने में सक्षम होता है। इससे न केवल प्रजनन सम्बन्धी विकारों जैसे प्रदर, कष्टप्रद मासिक धर्म की समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि दमा या अस्थमा के रोगियों के लिए भी भुजंगासन बहुत ही फायदेमंद है। इसके अलावा यह आसन दिल और फेफड़ों के मार्ग को साफ करने में भी मददगार है। - मत्स्यासन
पीठ या कमर के दर्द के लिए मत्स्यासन योग बहुत ही लाभदायक है यह तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आसन चेहरे पर चमक के साथ-साथ दमें के रोगियों के लिए फायदे पहुंचाने का काम करता है। - शवासन
तनावयुक्त अवस्था से पीड़ित हैं तो आपको ऐसे आसन करना चाहिए जो आपकी शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करे। शवासन योग एक ऐसा आसन जिसे करने से आप ताजगी भरा महसूस करेंगे। साथ ही यह दमे की बीमारी को दूर करने में सहायक होता है। - कपालभाती और भस्त्रिका प्राणायम
अस्थमा से पीड़ित मरीज को सबसे ज्यादा लाभ प्राणायम से मिलता है। इसके लिए जितना हो सके आप अनुलोम-विलोम, कपालभाती और भस्त्रिका प्राणायम का अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन आप इसमें विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें। - ब्रिज पोज (सेतुबंधासन)
इसे हम सेतुबंधासन भी कहते हैं। यह योगासन आपके फेफड़े और सीने को खोलने में मदद करता है। साथ ही यह थायरॉइड ग्रंथी को भी ठीक करने में मददगार है।
आप इसके अलावा तड़ागी, अग्नि, गोरक्ष मन, प्रणाम, हस्तपात और महामुद्रा जैसे योग मुद्रा भी कर सकते हैं।