आयरन एक खनिज है जो कई महत्वपूर्ण कार्यों को करता है, इसका मुख्य कार्य शरीर में ऑक्सीजन ले जाना और लाल रक्त कोशिकाओं बनाना है। लौह या आयरन की कमी तब होता है जब शरीर में आयरन पर्याप्त नहीं होता है।
इससे लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर असामान्य रूप से कम हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हेमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। हेमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन है जो शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है।
आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है और थकान जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। महिलाओं को मासिक धर्म जो आयरन समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं, उनमें यह कमी देखी जाती है।
आयरन की कमी के लक्षण एनीमिया की गंभीरता, आपकी उम्र और स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति कैसी हैं, इस बात पर निर्भर करता है।
कितना आयरन लेना चाहिए
अगर महिलाएं रोजाना 18 मिलीग्राम और पुरुष 15 मिलीग्राम से कम आयरन ले रहे हैं, तो उनके शरीर को ठीक ढंग से काम करने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
शरीर को पर्याप्त आयरन नहीं मिलने के कारण उनमें रोजमर्रा के कामों को करने में थकावट, बोरियत व सुस्ती जैसे संकेत दिखाई देने लगते हैं। चूंकि हमारा शरीर एक समय में कम मात्रा में ही आयरन ग्रहण कर पाता है, ऐसे में खान-पान में नियमित आयरन युक्त चीजों को शामिल करने की सलाह दी जाती है।
हमारा शरीर वनस्पति से मिलने वाले आयरन की तुलना में पशु उत्पादों से मिलने वाले आयरन (हेम आयरन) को आसानी से ग्रहण कर लेता है। यही वजह है कि शाकाहारियों को अधिक आयरन वाली चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए।
आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आपको गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट, नट्स और आयरन से भरपूर अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, विटामिन सी आपके शरीर को आयरन अवशोषित करने में मदद करता है। इन सबके अलावा आप आयरन को शकरकंद, बादाम, पाल और कद्दू के बीज से प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे आयरन के सबसे अच्छे स्रोत में पालक सबसे आगे है। यह आयरन में काफी समृद्ध हैं। ये विटामिन ए, विटामिन सी, और विटामिन के में भी समृद्ध हैं, जो आंख और हड्डी के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। इसके अलावा मशरूम भी आयरन का बहुत ही अच्छा स्रोत है।
आपको बता दें कि एक कटे हुए मशरूम में (72 ग्राम) 0.3 मिलीग्राम आयरन होता है, जो आपकी दैनिक आयरन आवश्यकताओं का 2 फीसदी भाग है। वैसे मशरूम के विरोधी भड़काऊ इंफ्लेमेटरी गुण कैंसर जैसी कुछ गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी मदद करते हैं। इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट भी होते हैं जो दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।