कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज है। आपके शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आपके दिल और मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। यह रक्त के थक्के, मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम में भी मदद करता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि कैल्शियम केवल हड्डियों के विकास और उन्हें मजबूत बनाने के लिए ही काम आता है।
हाल में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, अच्छी नींद के लिए भी कैल्शियम बहुत जरूरी है। अगर शोध की माने तो हमारी नींद न्यूरॉन के अंदर के कैल्शियम की गतिविधियों पर निर्भर होती है।
मां के लिए जरूरी है कैल्शियम
इसके अलावा मां के खून में कैल्शियम की आपूर्ति होने से बच्चे का शारीरिक विकास होता है और उसकी हड्डियां अच्छी तरह से विकसित होती हैं। बच्चे के दिल, नसों और मांसपेशियों के विकास पर भी कैल्शियम की भूमिका होती है। यदि मां कैल्शियम को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले रही है, तो फिर उसकी हड्डियों के भी कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है।
जब आपको पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो आप कई तरह के बीमारियों के शिकार होते हैं। जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोपीनिया और कैल्शियम की कमी के रोग (हाइपोक्लेमिया) आदि शामिल है। जिन बच्चों को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है तो वयस्कों के रूप में उनकी हड्डियों का विकास सही रूप में नहीं हो पाता है।
आप और अपने बच्चे के आहार में विटामिन के अलावा प्रति दिन कैल्शियम की अनुशंसित मात्रा का उपभोग करें। कैल्शियम की कमी से जो बीमारी होती है उस बीमारी का नाम है हाइपोक्लेमिया। आइए इसके बारे में जानते हैं।
हाइपोक्लेमिया के कारण
- लंबे समय तक, खासकर बचपन से कैल्शियम का खराब सेवन
- दवाएं जो कैल्शियम अवशोषण कम कर सकती हैं
- हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से महिलाओं में
- कुछ जेनेटिक कारक
हाइपोक्लेमिया के लक्षण
- भ्रम या मेमोरे लॉस
- मांसपेशियों की ऐंठन
- हाथ, पैर और चेहरे में सुन्नता और झुनझुनी
- डिप्रेशन
- कमजोर और भंगुर नाखून
- हड्डियों की फ्रैक्चरिंग
कैल्शियम की कमी शरीर के सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप नाखून कमजोर हो सकती है। इसके अलावा बालों की गोथ भी धीमी पड़ सकती है। कैल्शियम न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज और मांसपेशियों के संकुचन दोनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप मेमोरी लॉस, स्तब्ध हो जाना और झुनझुनी या मतिभ्रम जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलें।
हाइपोक्लेमिया का उपचार
हाइपोक्लेमिया के उपचार के लिए आप रोजाना कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन कीजिए, जिससे कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सके।
कैल्शियम में समृद्ध आहार में दूध, पनीर और दही जैसे डेयरी उत्पाद शामिल है। ध्यान रखें कि डेयरी उत्पाद संतृप्त वसा और ट्रांस वसा में भी उच्च होते हैं। इसलिए उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के विकास के जोखिम को कम करने के लिए कम वसा या वसा रहित विकल्प को चुनें। कम वसा वाले या वसा रहित विकल्प के लिए पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सूखे फल और विभिन्न खाद्य पदार्थ शामिल हैं जो कैल्शियम से भरपूर है।
इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने के साथ-साथ हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आप कुछ जीवन शैली में बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने वजन को स्वस्थ्य बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम कीजिए। तम्बाकू और शराब का सेवन सीमित कीजिए।
हाइपोक्लेमिया के अलावा कैल्शियम की कमी से होने वाली अन्य बीमारी
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस वह स्थिति है जहां हड्डियां आपके शरीर की तुलना में खनिजों को अधिक तेज़ी से खो सकती हैं। यह हड्डियों को छिद्रपूर्ण, नाजुक और भंगुर बनाता है। यह बीमारी वयस्कों, विशेष रूप से महिलाओं में आम है। इसमें फ्रैक्चर और ब्रेकेज का जोखिम अधिक रहता है।
हृदय रोग
हृदय रोग विश्वभर में तेजी से फ़ैल रहे है। बदलती जीवनशैली के कारण हृदय रोग एक बड़ी बीमारी के रुप में उभरी है। दिल का पहला दौरा तीन में से एक व्यक्ति की जान ले लेता है। कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी में हृदय रोग शामिल है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक से सुरक्षा मिल सकती है। इस प्रकार, कैल्शियम की कमी कार्डियोवैस्कुलर जोखिम पैदा कर सकता है।
उच्च रक्तचाप
कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी में उच्च रक्तचाप भी शामिल है। कैल्शियम वाले आहार लेने से उच्च रक्तचाप विकसित करने का खतरा कम हो सकता है। वसा मुक्त और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों, फलों और सब्जियों से युक्त आहार से रक्तचाप कम हो सकता है। वैसे हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है जिसके कोई विशेष लक्षण नहीं होते और इसी वजह से इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।