जब आप खुद को ही खुद से अलग कर देते हैं तो यह लक्षण है डिप्रेशन का। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, कभी भी अपने घेरे में ले सकती है। कुछ लोग तो इस डिप्रेशन नामक बीमारी को झेल नहीं पाते हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। इसकी लाख दवा भी लोग खा लें, लेकिन जब तक वह खुद इस बीमारी से निजात नहीं पाना चाहेंगे तब तक यह रोग भी उनका दामन नहीं छोड़ेगी।
डिप्रेशन किसी बीमारी का नाम नहीं है और न ही यह कोई दिमागी फितूर होता है। यह एक ऐसी मानसिक हालत होती है, जिसमें इन्सान की सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। वह किसी भी प्रकार का सही डिसीजन नहीं ले सकता। देखा जाए, तो डिप्रेशन ने एक बीमारी का रूप धारण कर लिया है जिसने बच्चों से लेकर बूढों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसका मुख्य कारण होता ही दुःख। जब भी हम अधिक दुखी हो जाते हैं तो हम अपना मानसिक संतुलन खो देते है जिसके कारण हम डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। हमें कई तरह के डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि :-
डिप्रेशन के प्रकार
मेजर डिप्रेशन
जब भी किसी का साथ अचानक छुट जाता है, तो आप इसे इमोशनल डिसऑर्डर कह सकते हैं। जब भी आप मेजर डिप्रेशन में होते हो, तो आप खुदकुशी की हद तक जा सकते हो।
टिपिकल डिप्रेशन
यह ऐसा डिप्रेशन होता है जिसमे इन्सान अपनी ख़ुशी या गम को किसी के साथ शेयर नहीं करता।
साइकाटिक डिप्रेशन
यह ऐसी हालत होती है जिसमे रोगी को अनजान आवाजें सुनाई देती है, साथ ही काल्पनिक चीजों में उसे यकीन होने लगता है, उसे शक करने की बीमारी हो जाती है और वह खुद से ही बाते करने लगता है।
डिस्थायमिया
जिन्दगी तो समान्य चल रही होती है, लेकिन वो अक्सर उदास रहते हैं वह अपनी लाइफ को इंजॉय नहीं करते। यह उदासी लगातार एक वर्ष से चली आ रही है तो इसे डिस्थायमिया कहते हैं।
पोस्टपॉर्टम
जब भी महिलाओं की डिलीवरी होती है, तो कई बार महिला डिप्रेशन में चली जाती है। ऐसे डिप्रेशन को हम पोस्टपॉर्टम डिप्रेशन कह सकते हैं
मेनिया
ऐसा हम चाहते है वैसा न हो तो ऐसे में अक्सर मायूसी आ जाती है। इसमें व्यक्ति की भावनाओं तथा संवेग में कुछ समय के लिए असामान्य परिवर्तन आ जाते है, जिनका प्रभाव उसके व्यवहार, सोच और निद्रा पर पड़ता है।
डिप्रेशन के लक्षण
1. यादाश्त का कमज़ोर होना।
2. काम में दिल न लगना।
3. बिना बात पर क्रोधित होना।
4. सोचने की क्षमता कम होना।
5. मन में अपने बारे में बुरे विचार आना।
6. पूरी नींद न आना।
7. जीवन को खत्म करने का मन में विचार आना।
8. अपना बिल्कुल भी ध्यान न रखना।
9. मुंह का सुखना, सिरदर्द, जोड़ो में दर्द का होना आदि डिप्रेशन के लक्षण होते हैं।
डिप्रेशन को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय
अकसर डिप्रेस्ड लोग खुद को कमरे में बंद कर इस बीमारी से छुटकारा पाने का हल ढूंढ़ते हैं या फिर दोस्तों के बीच समय बिताते हैं, उनसे सलाह लेते हैं ताकि वह जल्द ही इससे दूर हो सके। sehatgyan.com आपको आज बताएगा सबसे हैरान कर देने वाली डिप्रेशन की इलाज… जी हां, अपने डाइट को थोड़ा सा चेंज कर देने से आप डिप्रेशन से निजात पा सकते हैं।
क्यों चौंक गए ना… दरअसल हमारे किचन में ऐसे कुछ मसाले मौजूद हैं जिनको रोजाना खाने में उपयोग करने से आपकी यह डिप्रेशन की समस्या दूर भाग जाएगी और आपका मूड भी फ्रेश हो जाएगा। ज्यादातर लोग इस बीमारी से पीछा छुड़ाने के लिए कई महंगी-महंगी दवाईयां खाते हैं, लेकिन अब डिप्रेशन में खर्च होने वाले पैसे आपके बच जाएंगे क्योंकि दवाई का ही काम करेगी घर की रसोई में रखें मसालें।
आइए बताते हैं उन मसालों के नाम जिनको अपने डाइट में शामिल करने से आपको बहुत फायदा पहुंचेगा
दालचीनी
सबसे पहले नाम आता है दालचीनी का। इसमें एक अलग सी महक होती है। यह आपके दिमाग को एक्टिव रखने का काम तो करता ही है साथ ही यह आपके मूड को भी फ्रेश करता है। यही नहीं, यह आपकी याददाश्त को भी बढ़ाने में भी बहुत लाभदायक है।
केसर
क्या आप जानते हैं कि केसर को खुशी का मसाला भी कहा जाता है। अध्ययनों की मानें तो केसर के इस्तेमाल से टेंशन दूर होती है। ये मूड को लाइट करने का काम करता है।
हल्दी
हर दर्द की दवा कहलाने वाली हल्दी, डिप्रेशन को भी दूर भगाने का काम बखूबी करती है। पीली हल्दी के इस्तेमाल से ऐसे लोगों के मूड बहुत अच्छा हो जाता है। बता दें कि हल्दी में एंटी-इन्फ्लामेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करता है।
कस्तूरी मेथी
यह आपके खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही है साथ ही डिप्रेशन को भी कम करती है। इसकी खूशबू ही काफी है आपका मूड खुशनुमा बनाने के लिए।
डिप्रेशन से बचने के अन्य उपाय
1. जब भी आप डिप्रेशन में होते हो, तो आप को संतुलित आहार लेना चाहिए जैसे फल, सब्जी, मांस आदि खाने से मन खुश रहता है।
2. तनाव या डिप्रेशन से दूर रहने के लिए व्यायाम सबसे अच्छा माना जाता है। व्यायाम करने से सेहत तो अच्छी होती है और साथ ही शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
3. अगर आप जॉब करते हो और काम करके थक चुके हो तो ऐसे में आप को कुछ समय के लिए छुट्टियां लेनी चाहिए। ताकि आप डिप्रेशन को आसानी से दूर कर सकें।
4. जब भी आपको जिंदगी में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े तो आप को किसी से मदद मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए।
5. यदि आप का वजन अधिक है जिसके कारण आपको अवसाद प्राप्त हो रहा है, तो आपको चाहिए की आप अपने वजन को कम करें, ऐसा करने से आपका मुड़ सामान्य हो जाएगा।
6. यदि आप अपने जीवन में अच्छे दोस्त बनाते हो, तो वह आपको सहानुभूति के साथ-साथ सही सलाह भी देते हैं।
7. जो लोग आप को पसंद नहीं करते और आप को दूसरो के सामने गिराने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोगो से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसा करने से आप का मन शांत रहता है।
8. जब आप अपनी पूरी नींद लेते हैं तो आप को सकारात्मक उर्जा की प्राप्ति होती है। इसलिए हमें रात को सात से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए।
9. जब भी आप का मुड़ खराब हो, तो आपको संगीत के साथ नाता जोड़ लेना चाहिए। क्योंकि जब आप संगीत के साथ नाता जोड़ते हैं, तो आप अपना सारा गम भूल जाते हो और आप का मुड़ ठीक हो जाता है।
डिप्रेशन में खाएं दही! – क्या कहता है शोध ?
जिन लोगों को पेट की परेशानियां, जैसे अपच, कब्ज और गैस जैसी बीमारी हो उनके लिए दही एक बेहतर आहार है। उसी तरह दही अवसाद या डिप्रेशन में एक दवा के रूप में काम करता है। अमरीका में एक शोध में एक्सपर्ट ने दावा किया है कि दही में मौजूद बैक्टीरिया अवसाद के लक्षणों को पलटने का दम रखते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया किन्यूरिनिन रसायन के स्तर को प्रभावित करता है, जो अवसाद बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। यह शोध डॉ. गॉल्टिए की टीम ने पहले चूहों को दही खिलाकर किया। उन्होंने शोध के सकारात्मक नतीजे मिलने की उम्मीद जताई थी।
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए खाएं अखरोट
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए आप अखरोट का सेवन करते हैं। अखरोट में कई न्यूरोप्रोटेक्टेक यौगिक होते हैं, जिसमें विटामिन ई, फोलेट, मेलाटोनिन, ओमेगा -3 वसा और एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं। अनुसंधान से पता चलता है कि अखरोट का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य में मदद कर सकता है। अखरोट आपके मनोदशा को बेहतर बनाते हैं तथा आपको खुश करते हैं और अवसाद से बचाते हैं।
अखरोट में मौजूद मैग्नीशियम आपके मूड को बढ़ाने तथा आपके शरीर और कोशिकाओं की वृद्धि को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार है। अखरोट में उपस्थित पॉलिफेनोल और एंटीऑक्सिडेंट तंत्रिका कनेक्शन और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
अखरोट ओमेगा -3 फैटी एसिड के सबसे अमीर प्लांट बेस्ड स्रोतों में से एक हैं, और कई अध्ययनों ने यह दर्शाया है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड मस्तिष्क समारोह का समर्थन करते हैं और अवसाद के लक्षणों को कम करते हैं। मस्तिष्क के अलावा अखरोट के लाभ में चयापचय में सुधार और हड्डी का स्वास्थ्य भी शामिल है। इसलिए नियमित रूप से अखरोट का सेवन करना चाहिए।