मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आज व्यक्ति बिना मोबाइल अपने आप को अकेला महसूस करता है। मोबाइल फोन उसके लिए एक दुनिया बन चुकी है, जहां से वह लोगों से संपर्क स्थापित करता है और खुद को इंटरटेन करता है। यही वजह है कि हम जहां भी जाते हैं मोबाइल फोन हमारे साथ ही रहता है। साथ ही हम में से अधिकतर लोग खासकर पुरुष अपने मोबाइल फोन को अपनी जेब में ही रखते हैं।
लेकिन क्या जेब में फोन रखना सुरक्षित है। आपको बता दें कि जेब में मोबाइल फोन रखने से मोबाइल तो सुरक्षित रहता है, लेकिन इसका असर हमारी सेहत पर जरूर पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक, जब हम अपने मोबाइल को पॉकेट में रखते हैं तो इससे निकलने वाली रेडिएशन का असर हमारे शरीर पर 7 गुना ज्यादा होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन और ट्यूमर का गहरा संबध है। यही नहीं, मोबाइल से निकलने वाली इन रेडिएशन से डीएनए की संरचना पर भी प्रभाव पड़ता है। साथ ही ह्रदय संबंधी समस्याएं होने को खतरा भी अधिक रहता है।
मोबाइल फोन के दुष्प्रभाव केवल ट्यूमर और ह्रदय संबंधित बीमारी तक ही सीमित नहीं है बल्कि जब हम मोबाइल को पैंट की जेब में रखते हैं तो इससे हड्डियों पर काफी बुरा असर पड़ता है।
यदि आपको लगता है कि पैंट की पिछली जेब में मोबाइल रखकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं तो आप गलत है क्योंकि पीछे की पॉकेट या जेब में मोबाइल रखने से कमर दर्द की समस्या हो सकती है। इस तरह मोबाइल आपकी सेहत के लिए असुरक्षित बनता जा रहा है। इसलिए यदि आप स्वस्थ्य रहना चाहते हैं तो फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। सोने से पहले फोन को थोड़ी दूरी पर रखें।
बच्चों के लिए मोबाइल फोन के नुकसान
1. मोबाइल फोन बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदेह है। एक अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले बच्चों में मस्तिष्क और कान में नॉन-मेलिगेंट ट्यूमर विकसित होने की संभावना रहती है।
2. डब्ल्यूएचओ ने सेल फोन रेडिएशन को ‘संभवतः कैंसरजन्य के रूप में वर्गीकृत किया है। वयस्कों की तुलना में बच्चा मस्तिष्क में रेडिएशन को 60 प्रतिशत से अधिक अवशोषण करता हैं।
3. किशोरों की तरह, यदि बच्चे भी मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं तो इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। वह मोबाइल फोन पर गेम खेलते हैं, चैट करते हैं और अपने दोस्तों से हर समय बात करते हैं। इससे उनकी पढ़ाई बाधित हो सकती है।
4. सेल फोन का उपयोग बच्चों को अनुचित व्यवहार में शामिल होने का कारण बन सकता है। सेल फोन या मोबाइल फोन से वह अश्लील साइटों तक भी पहुंच सकता है। – बच्चों का दिमाग तेज करने के उपाय
बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें
1. यदि आपका बच्चा 16 साल से कम उम्र का है तो उसे सेल फोन न दें। मोबाइल रेडिएशन के प्रभावों का सामना करने के लिए एक बच्चे का दिमाग बहुत संवेदनशील होता है।
2. यदि बच्चा अपने किसी सगे-संबंधी से थोड़ा बात करना चाहता है तो डायरेक्ट फोन पर बात करने की बजाय उसे एयर ट्यूब हेडसेट लगाकर दें।
3. अपने बच्चे को बसों, ट्रेनों, कारों और लिफ्टों में कॉल करने न दें।
4. सिग्नल कमजोर होने पर अपने बच्चे को सेल फोन का उपयोग न करने दें।
5. आप भी अपने बच्चे के सामने बहुत ही कम फोन को यूज कीजिए।