बच्चे के जन्म के बाद या नवजात शिशु में एक समस्या सामान्य रूप से देखी जाती है, वह है नवजात शिशु के दस्त। ऐसा देखा गया परिवार वाले दस्त लगने पर कई तरह के उपायों को अपनाते हैं जिससे बच्चों में डायरिया को ठीक किया जा सके। आज हम आपको कुछ टिप्स या उपाय के बारे में बताएंगे जिससे बच्चों में दस्त नहीं लगेगी।
बच्चे को दस्त रोकने के उपाय
बच्चे को दस्त रोकने के लिए रोटावायरस का टीका
ऐसा माना जाता है कि भारत में रोटावायरस जनित डायरिया से हर साल लगभग 78,000 बच्चों की मौत हो जाती है। यह एक गंभीर बीमारी के रूप में जाना जाता है जिससे गंभीर दस्त हो सकता है। रोटावायरस का टीका या वैक्सीन इसका सबसे बेहतर उपचार है। बच्चों को इसकी खुराक जरूर देनी चाहिए। दरअसल, एक टीकाकरण आपके बच्चे को गंभीर दस्त से रोकने में मदद कर सकता है। दरअसल, यह बच्चों में दस्त रोकने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक के रूप में जाना जाता है।
नवजात शिशु को दस्त रोकने के लिए हाथ को अच्छी तरह से धोएं
यदि आप बच्चों या नवजात शिशु के दस्त को रोकने के लिए एक प्राकृतिक तरीके की तलाश कर रहे हैं, तो आपको अपने बच्चे के साथ संपर्क करने से पहले अपने हाथों को ध्यान से धोना चाहिए। आपको शॉपिंग, काम करने या अन्य लोगों से मिलने के बाद भी अपने हाथों को धोना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने बच्चे को संभालने से पहले अपने हाथ भी धोना चाहिए। बच्चों की दूध की बोतलें और अन्य संबंधित उपकरणों को भी आपको सैनिटाइज करना होगा।
बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए खिलौने को धोएं
बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए आपको प्लास्टिक के खिलौनों धोना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चा कई मुंह से खिलौने को खेलता है। ऐसे में आप इसे हल्के गर्म पानी से भी धो सकते हैं। दरअसल, दवाओं का इस्तेमाल न किए जाने के बावजूद बच्चों में दस्त को रोकने के तरीकों में यह एक कारगर तरीका है, जिसे आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए, खासकर यदि आप अपने बच्चों को घर पर इस खतरनाक बीमारी से रोकना चाहते हैं।
बच्चे के आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें
प्रोबायोटिक्स सूक्ष्मजीव होते हैं, जो खासतौर पर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह एक हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जिसका उपयोग करने से बच्चों के दस्त को ठीक करने में मदद मिलती है।
प्रोबायोटिक उत्पादों को खरीद सकते हैं और फिर उन्हें अपने बच्चे के आहार में जोड़ सकते हैं। प्रोबायोटिक की खुराक और उपयोग के लिए अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। यदि आपका बच्चा खाद्य पदार्थ खा सकता है, तो दही या अन्य खाद्य पदार्थ जो प्रोबायोटिक्स में समृद्ध है उसे देना चाहिए। प्रतिरक्षा विकार या जठरांत्र संबंधी समस्याओं वाले बच्चों को केवल एक चिकित्सक के निर्देशों के तहत प्रोबायोटिक्स लेना चाहिए।
मां का दूध बहुत उपयोगी
जब बच्चों में स्वाभाविक रूप से दस्त को रोकने के उपाय के बारे में चर्चा होती है तो मां का दूध उसके लिए बहुत ही उपयोगी और मददगार साबित होता है। दरअसल स्तनपान से बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके अलावा स्तनपान से शिशु को अन्य पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। इसलिए, स्तनपान कराने वाले बच्चों को दस्त होने का कम जोखिम होता है।
एलर्जी की जांच
शिशुओं में दस्त भोजन में डाले गए साम्रगी की एलर्जी की वजह से हो सकता है। इस बीमारी को रोकने के लिए, आपके बच्चे को एलर्जी के लिए टेस्ट करवाना चाहिए। यदि आपके बच्चे को किसी फूड से एलर्जी हो, तो भविष्य में उन खाद्य पदार्थों को अपने बच्चे के आहार में शामिल करने से बचें।
वास्तव में, कई बच्चों को कुछ मिल्क प्रोटीन से भी एलर्जी हो जाती है और इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने के बाद वे दस्त का अनुभव कर सकते हैं।